एलजी वीके सक्सेना ने मनीष सिसोदिया के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने का दिया आदेश

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (04 मई 2025): दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया एक और विवाद में फंसते नजर आ रहे हैं। उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया है। आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशा-निर्देशों के बावजूद, सिसोदिया के कार्यकाल में दिल्ली सरकार के खजाने से राजनीतिक प्रचार से जुड़े विज्ञापन जारी किए गए। यह न केवल सरकारी धन का दुरुपयोग माना गया है, बल्कि इसे राजनीतिक लाभ के लिए सार्वजनिक संसाधनों के अनुचित इस्तेमाल के तौर पर देखा जा रहा है। एलजी ने मुख्य सचिव को सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। इस मामले में आम आदमी पार्टी की भूमिका की व्यापक जांच की जा रही है। साथ ही एलजी ने साफ किया है कि अब आगे से सभी भुगतान प्रक्रियाओं में पूरी पारदर्शिता और नियमों का अनुपालन सुनिश्चित किया जाए। यह प्रकरण दिल्ली में राजनीतिक माहौल को और गर्म कर सकता है।

एलजी ने की आप से वसूली की तैयारी, मुख्य सचिव को दिए निर्देश

उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार के मुख्य सचिव को निर्देशित किया है कि दूसरे राज्यों में जारी विज्ञापनों पर जो सरकारी खर्च हुआ है, उसकी वसूली आम आदमी पार्टी से की जाए। यह निर्देश सीधे तौर पर दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय को प्रभावित करता है। विज्ञापन एजेंसियों को भुगतान की प्रक्रिया की समीक्षा करते हुए एजेंसी को निर्देशित किया गया है कि जो भी राशि गैरकानूनी तरीके से दी गई, वह वापस ली जाए। एलजी ने इस बात पर भी जोर दिया कि भविष्य में ऐसे किसी भी उल्लंघन से बचने के लिए सभी विभागों को सख्त परामर्श जारी किया जाए। वसूली का यह फैसला राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। यह देखा जा रहा है कि क्या वाकई में आम आदमी पार्टी वसूली का भुगतान करेगी या इस पर कोई कानूनी लड़ाई छेड़ेगी। यह मामला अब तेजी से राजनीतिक और कानूनी जटिलताओं की ओर बढ़ रहा है।

सुप्रीम कोर्ट का पुराना आदेश और उसका उल्लंघन

मई 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों को आदेश दिया था कि वे किसी भी सरकारी पदाधिकारी या राजनीतिक दल के प्रचार में सार्वजनिक धन का उपयोग न करें। यह आदेश लोकतांत्रिक मर्यादाओं की रक्षा और खजाने के दुरुपयोग को रोकने के लिए दिया गया था। इसके अनुपालन के लिए अप्रैल 2016 में सूचना और प्रसारण मंत्रालय द्वारा तीन सदस्यीय समिति बनाई गई थी। इस समिति को यह जिम्मेदारी दी गई कि वह यह सुनिश्चित करे कि सरकारी विज्ञापनों की सामग्री किसी राजनीतिक उद्देश्य की पूर्ति न करे। इस समिति ने भी पाया कि दिल्ली सरकार ने इस आदेश का पालन नहीं किया। यह खुलासा अब मनीष सिसोदिया के खिलाफ कार्रवाई का आधार बना। यह मामला अब न्यायिक समीक्षा और प्रशासनिक कार्रवाई दोनों का केंद्र बन चुका है।

अजय माकन की शिकायत के बाद शुरू हुई जांच

कांग्रेस नेता अजय माकन ने इस पूरे मामले को सार्वजनिक करते हुए उपराज्यपाल से शिकायत की थी। उन्होंने आरोप लगाया था कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों की अवहेलना करते हुए दिल्ली के साथ-साथ अन्य राज्यों में भी विज्ञापन जारी किए। अजय माकन की इस शिकायत के बाद समिति ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच शुरू की। जांच के दौरान सामने आया कि बड़े स्तर पर सरकारी खजाने का राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल हुआ। इसके बाद दिल्ली सरकार के सूचना एवं प्रचार निदेशालय को खर्च का आंकलन कर वसूली की प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए गए। यह शिकायत राजनीतिक दृष्टि से भी अहम मानी जा रही है क्योंकि इससे भाजपा और कांग्रेस एकजुट नजर आ रहे हैं। इस पूरे घटनाक्रम ने आम आदमी पार्टी को चौतरफा घेर लिया है।

163.62 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जारी

जांच में पता चला कि आम आदमी पार्टी सरकार ने लगभग 97.14 करोड़ रुपये केवल अन्य राज्यों में प्रचार के लिए विज्ञापनों पर खर्च किए। इस पर ब्याज और जुर्माना जोड़कर कुल 163.62 करोड़ रुपये की वसूली का नोटिस जनवरी 2023 में जारी किया गया। एलजी वीके सक्सेना ने इस भारी-भरकम राशि की वसूली को अनिवार्य बताते हुए इसे सरकारी खजाने के दुरुपयोग का उदाहरण बताया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मनीष सिसोदिया ने बतौर मंत्री इस भुगतान को वैध करने के आदेश दिए थे। इसलिए, उन पर सीधे आपराधिक जिम्मेदारी तय होती है। आम आदमी पार्टी को अब इस आर्थिक और राजनीतिक दबाव से निपटने के लिए कानूनी रास्ता अपनाना पड़ सकता है। यह नोटिस भविष्य की राजनीति और प्रशासनिक व्यवस्था पर भी असर डालेगा।

आम आदमी पार्टी का जवाब और भाजपा पर पलटवार

आम आदमी पार्टी ने एलजी के आदेशों को राजनीतिक बदले की भावना से प्रेरित बताया है। पार्टी प्रवक्ताओं ने कहा कि बीजेपी के पास कोई ठोस जनकल्याणकारी एजेंडा नहीं है, इसलिए वह आम आदमी पार्टी को बदनाम करने के लिए ऐसे झूठे मुकदमे दर्ज करवा रही है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली सरकार के काम और नीतियों को जनता ने बार-बार सराहा है। वे इसे जनता की आवाज को दबाने की साजिश बता रहे हैं। आप नेताओं का दावा है कि सिसोदिया निर्दोष हैं और हर स्तर पर कानूनी रूप से लड़ाई लड़ी जाएगी। पार्टी ने यह भी आरोप लगाया कि बीजेपी सरकारी एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है। यह बयानबाजी दोनों दलों के बीच सियासी टकराव को और तेज कर रही है।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने दी सफाई, बीजेपी का बचाव

दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इस विवाद के बीच एक अहम बयान दिया है। उन्होंने कहा कि हाल ही में जब दिल्ली में नई सरकार के शपथ ग्रहण समारोह के विज्ञापन सभी अखबारों में प्रकाशित हुए थे, तो वह खर्च भाजपा द्वारा किया गया था, न कि सरकारी खजाने से। मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी सरकार पूरी तरह से सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन करती है और आगे भी करेगी। उन्होंने भरोसा दिलाया कि किसी भी प्रचार में सार्वजनिक धन का उपयोग नहीं किया जाएगा। यह बयान आम आदमी पार्टी के आरोपों को खारिज करने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही इससे यह संकेत भी मिल रहा है कि नई सरकार प्रचार नीति में पारदर्शिता लाने के लिए गंभीर है।।


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