पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की मांग पर दिल्ली के 100 डॉक्टरों ने उपराज्यपाल को भेजा ज्ञापन
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (03 मई 2025): दिल्ली सरकार के अधीन कार्यरत 100 वरिष्ठ डॉक्टरों ने शुक्रवार को उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को पत्र लिखकर उनके लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने की मांग की है। इन डॉक्टरों का कहना है कि उन्हें केंद्रीय सिविल सेवा (पेंशन) नियम, 1972 (अब 2021) के तहत शामिल किया जाए। उनका तर्क है कि उनकी नियुक्ति उन रिक्तियों पर हुई थी जिनका विज्ञापन दिसंबर 2003 से पहले जारी हुआ था, यानी नई पेंशन प्रणाली (NPS) लागू होने से पहले। डॉक्टरों ने यह अपील सामूहिक रूप से भेजी है और इसे अपना वैधानिक अधिकार बताया है।
2000 से 2003 के बीच अनुबंध पर हुए थे नियुक्त
इन डॉक्टरों की प्रारंभिक नियुक्ति 2000 से 2003 के बीच अनुबंध के आधार पर हुई थी। बाद में उन्हें दिल्ली हेल्थ सर्विस (DHS) कैडर में नियम 6(2) के तहत नियमित किया गया। बावजूद इसके, इन्हें NPS के तहत रखा गया जो इनकी नजर में अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि कई पदों के लिए विज्ञापन 2003 से पहले जारी किए गए थे और नियुक्तियां भी इन्हीं के आधार पर की गई थीं। इस स्थिति में उन्हें पुरानी पेंशन योजना के दायरे में लाना केंद्र सरकार की नीति के अनुरूप है।
केंद्र व दिल्ली सरकार की अधिसूचना का दिया हवाला
डॉक्टरों ने अपने प्रतिनिधित्व में कार्मिक मंत्रालय की 3 मार्च 2023 की अधिसूचना का हवाला दिया है, जिसमें उन कर्मचारियों को OPS का विकल्प देने की बात कही गई है जिनकी नियुक्ति 1 जनवरी 2004 या उसके बाद हुई हो, लेकिन पदों का विज्ञापन उससे पहले निकला हो। अप्रैल 2023 में दिल्ली सरकार द्वारा भी इस नीति को मान्यता दी गई थी। डॉक्टरों का कहना है कि इस नीति के तहत वे भी समान अधिकार के पात्र हैं, जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
सेवा की निरंतरता को नकारना अनुचित: डॉक्टर
डॉक्टरों का कहना है कि भले ही 2009 के नियमों में अनुबंध सेवा को पदोन्नति के लिए नहीं गिना गया हो, लेकिन इससे उनकी सेवा की निरंतरता या स्वरूप को नकारा नहीं जा सकता। उनका तर्क है कि OPS से इनकार करना केंद्र सरकार के निर्देशों की भावना के विपरीत है। साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने उनके पहले प्रतिनिधित्व को बिना उपराज्यपाल की मंजूरी के ही खारिज कर दिया था, जो प्रक्रिया की गंभीर अनदेखी है।
GPF में NPS योगदान ट्रांसफर की मांग
डॉक्टरों ने यह भी मांग की है कि अगर उन्हें OPS के तहत लाया जाता है, तो NPS में जमा उनकी राशि को GPF (जनरल प्रोविडेंट फंड) में स्थानांतरित किया जाए। उन्होंने कहा कि कई डॉक्टरों ने कोविड-19 जैसी महामारी में बेहद कठिन हालात में सेवा दी है और उनके साथ अन्याय नहीं होना चाहिए। डॉक्टरों ने इसे अपने अधिकार का मामला बताया और उपराज्यपाल से इस मुद्दे पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने की अपील की है। उनका कहना है कि अन्य विभागों में ऐसे ही मामलों में OPS बहाल हो चुकी है, ऐसे में उन्हें भी न्याय मिलना चाहिए।
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