मरने के बाद भी 82 मृतकों को मिलती रही पेंशन, डीएम ने किया एक्शन

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (3 मई 2025): गौतमबुद्ध नगर जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सरकार द्वारा दी जाने वाली सामाजिक सुरक्षा पेंशन मृत पेंशनधारकों के खातों में लगातार भेजी जा रही थी। जिले के प्रशासनिक अमले ने जब पेंशनधारकों का घर-घर जाकर सत्यापन शुरू किया, तो इस गड़बड़ी का खुलासा हुआ।

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर चलाए जा रहे इस अभियान में अब तक यह स्पष्ट हो चुका है कि 82 पेंशनधारक ऐसे हैं जिनका निधन हो चुका है, लेकिन इसके बावजूद उनके खातों में हर माह पेंशन की राशि ट्रांसफर की जा रही थी। यह पेंशन राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना, दिव्यांगजन पेंशन और विधवा पेंशन योजना के अंतर्गत दी जाती रही है।

34,800 पेंशनधारकों में से 5,214 का हुआ सत्यापन

नोएडा और ग्रेटर नोएडा को मिलाकर बने गौतमबुद्धनगर में 82 मृत पेंशनधारकों के नाम पर सरकारी धन का भुगतान
द्धनगर जिले में कुल 34,800 सामाजिक पेंशन लाभार्थी पंजीकृत हैं। इनमें से वृद्धावस्था पेंशन के 14,881, दिव्यांग पेंशन के 4,503 और विधवा पेंशन के 15,416 लाभार्थी हैं। जिला प्रशासन ने 10 अप्रैल को सभी संबंधित विभागों को पेंशन प्राप्तकर्ताओं की सूची सौंप दी थी। इसके बाद 28 अप्रैल तक 5,214 पेंशनधारकों का भौतिक सत्यापन किया गया, जिसमें यह गड़बड़ी सामने आई।

4.49 लाख रुपये की पेंशन मृतकों के नाम

सत्यापन के दौरान सामने आया कि पिछले छह महीनों में करीब 4.49 लाख रुपये की पेंशन राशि 82 मृत पेंशनधारकों के खातों में भेजी गई। हर महीने मृत पेंशनधारकों के बैंक खातों में औसतन एक हजार रुपये की राशि ट्रांसफर हो रही थी। जिला समाज कल्याण विभाग ने अब बैंकों से उन खातों की पूरी जानकारी मांगी है जिनमें यह पेंशन भेजी गई थी। यह पता लगाया जा रहा है कि क्या मृत्यु के बाद इन खातों से पैसे निकाले गए या वे अभी भी जमा हैं। इसके अलावा, यह भी जांच की जा रही है कि क्या पेंशनधारकों के परिजनों ने उनकी मृत्यु की सूचना बैंक को दी थी या नहीं।

25 मई तक चलेगा सत्यापन अभियान

जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने समस्त उपजिलाधिकारियों, खंड विकास अधिकारियों, नगर पालिका और नगर पंचायतों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे 25 मई तक सभी पेंशनधारकों का भौतिक सत्यापन पूरा करें। इसके लिए अधिकारी घर-घर जाकर दस्तावेजों की जांच कर रहे हैं। प्रशासन का मानना है कि आगे चलकर मृत पेंशनधारकों की संख्या और अधिक बढ़ सकती है। सत्यापन अभियान का उद्देश्य मृत और अपात्र लाभार्थियों को हटाकर व्यवस्था को पारदर्शी बनाना है।

यह मामला केवल सरकारी धन की हानि नहीं बल्कि व्यवस्था की लापरवाही को भी उजागर करता है। प्रशासन द्वारा उठाए गए कदम सराहनीय हैं, पर यह भी जरूरी है कि भविष्य में इस तरह की गड़बड़ियों से बचने के लिए एक मजबूत और नियमित निगरानी तंत्र विकसित किया जाए।।


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