नई दिल्ली (01 मई 2025): गर्मियों की दस्तक के साथ ही दिल्ली में जल संकट गहराने की आशंका बढ़ गई है। इसकी मुख्य वजह पंजाब और हरियाणा के बीच पानी के बंटवारे को लेकर चल रहा पुराना विवाद है। दिल्ली को हर दिन 270 एमजीडी पानी भाखड़ा डैम से प्राप्त होता है, जो लगभग 76 लाख लोगों की पेयजल जरूरतों को पूरा करता है। लेकिन अगर यह आपूर्ति बाधित होती है, तो राजधानी में पीने के पानी का संकट गहरा सकता है। हाल ही में यह मामला फिर से तूल पकड़ गया है, जब पंजाब ने हरियाणा पर ज्यादा पानी लेने का आरोप लगाया और इसे राजनीतिक मुद्दा बना दिया। इस खींचतान में दिल्ली की जनता सबसे ज्यादा प्रभावित हो सकती है, जो पहले से ही जल संकट से जूझ रही है।
भाखड़ा डैम और यमुना पर निर्भर है दिल्ली की जल आपूर्ति
दिल्ली को पानी मुख्यतः यमुना, भाखड़ा डैम, गंगा (उत्तर प्रदेश) और दिल्ली जल बोर्ड के भूमिगत स्रोतों से मिलता है। हरियाणा के हथिनीकुंड बैराज से दिल्ली को यमुना का पानी मिलता है, जबकि भाखड़ा डैम से सतलुज और ब्यास के जल को हरियाणा के ज़रिए राजधानी तक लाया जाता है। आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली को कैरियर लाइन चैनल (369 एमजीडी), उपरी गंगा नहर (254 एमजीडी), नई दिल्ली सब ब्रांच (178 एमजीडी), और ट्यूबवेल/स्नोवेल (135 एमजीडी) से कुल 936 एमजीडी पानी मिलता है। इसके अतिरिक्त लगभग 100 एमजीडी पानी यमुना नदी से भी प्राप्त किया जाता है, जो गर्मियों में घटकर और संकट खड़ा कर सकता है।
राजनीतिक तकरार का असर जनता पर, आप और भाजपा में आरोप-प्रत्यारोप
दिल्ली की जल आपूर्ति को लेकर अब राजनीति भी गरमाती नजर आ रही है। आरोप है कि भाजपा शासित राज्यों की आपसी खींचतान के कारण दिल्ली की जनता को सजा दी जा रही है। मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने इसे गंभीर चिंता का विषय बताते हुए केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की है। उन्होंने दावा किया है कि पानी को हथियार बनाकर दिल्लीवालों को परेशान किया जा रहा है। वहीं आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पलटवार करते हुए कहा कि दिल्ली सरकार अपनी नाकामी को छिपाने के लिए दूसरे राज्यों पर दोष मढ़ रही है। दिल्ली सरकार में मंत्री प्रवेश वर्मा ने कहा कि पंजाब सरकार हरियाणा और दिल्ली का पानी रोककर गंदी राजनीति पर उतर आई है । दिल्ली में हारने के बाद अब दिल्ली में जल संकट पैदा करना चाहते हैं । हम दिल्ली में साफ़ और हर घर में पानी देने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं और अब पंजाब सरकार दिल्ली की जनता से ऐसे बदला लेना चाहती है । बंद करो ये गंदी राजनीति वरना पंजाब से भी जाओगे।
केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग, सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा मामला
पानी के बंटवारे को लेकर विवाद अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है। दिल्ली सरकार ने केंद्र सरकार से भी अनुरोध किया है कि वह पंजाब और हरियाणा के बीच समाधान निकाले। रेखा गुप्ता ने बताया कि इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है। दिल्ली सरकार का कहना है कि पानी की कमी से राजधानी के अस्पताल, स्कूल, उद्योग और आम जनता सभी प्रभावित होंगे। यदि समय रहते समाधान नहीं निकला, तो स्थिति बेकाबू हो सकती है। केंद्र सरकार ने अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, जिससे दिल्ली सरकार की चिंता और बढ़ गई है।
जल संरक्षण की जरूरत, 90% पानी बर्बाद होने की रिपोर्ट चिंताजनक
विशेषज्ञों के अनुसार, दिल्ली में उपलब्ध जल संसाधनों का 90 प्रतिशत हिस्सा बर्बाद हो जाता है या रिसाव में चला जाता है। जल बोर्ड की रिपोर्ट में बताया गया है कि पाइपलाइन नेटवर्क में लीकेज, पुराने पंपिंग स्टेशन और अव्यवस्थित वितरण प्रणाली इसके लिए जिम्मेदार है। ऐसे में यदि बाहर से पानी की आपूर्ति कम हो जाए, तो दिल्ली की पूरी व्यवस्था चरमरा सकती है। जल संरक्षण की दिशा में कोई ठोस कदम न उठाना सरकार की बड़ी कमजोरी मानी जा रही है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया है कि रेन वॉटर हार्वेस्टिंग, ग्रे वॉटर रीसाइक्लिंग और जल बचत अभियानों को तत्काल लागू किया जाना चाहिए।
दिल्लीवासियों से जल बचाने की अपील, संकट से उबरने के प्रयास शुरू
दिल्ली सरकार ने लोगों से अपील की है कि वे पानी का अधिकतम बचाव करें और अनावश्यक उपयोग से बचें। जल बोर्ड ने सभी RWAs और कॉलोनियों को पत्र भेजकर जल संरक्षण के उपायों को अपनाने की सलाह दी है। स्कूलों और कॉलेजों में जागरूकता अभियान भी शुरू किया गया है। रेखा गुप्ता ने कहा कि जब तक राज्यों के बीच विवाद सुलझ नहीं जाता, तब तक जनता को सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि पानी के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती, इसलिए हर नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह एक-एक बूंद की कीमत समझे। जल संकट को टालने के लिए सरकार और समाज को मिलकर काम करना होगा।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।