नई दिल्ली (29 अप्रैल 2025): दिल्ली में फर्जी पहचान दस्तावेज बनाने वाले बड़े रैकेट का भंडाफोड़ हुआ है। दिल्ली पुलिस ने चांदनी महल थाना क्षेत्र में कार्रवाई कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पकड़े गए आरोपियों के नाम अशोक, सतीश उर्फ जिमी और फिरोज बताए गए हैं। ये लोग आधार कार्ड, पैन कार्ड, वोटर आईडी और शैक्षणिक प्रमाणपत्र जैसे फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे थे। गिरोह ने करोड़ों रुपये की धोखाधड़ी को अंजाम दिया है। आरोपियों ने सिस्टम को धोखा देने के लिए हाईटेक तकनीक का सहारा लिया था। यह रैकेट देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए भी बड़ा खतरा बन चुका था।
पुलिस को 19 अप्रैल 2025 को चांदनी महल क्षेत्र के चितली कबर इलाके में एक दुकान पर फर्जी दस्तावेज तैयार होने की सूचना मिली थी। तुर्कमान गेट पुलिस चौकी की टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी अशोक को रंगे हाथ पकड़ा। पूछताछ में अशोक ने अपने दो अन्य साथियों सतीश उर्फ जिमी और फिरोज के नाम बताए। इसके बाद पुलिस ने उत्तम नगर और दरियागंज से दोनों को गिरफ्तार कर लिया। प्रारंभिक जांच में पता चला कि ये लोग लंबे समय से फर्जी दस्तावेज तैयार कर रहे थे। गिरफ्तारी के साथ ही रैकेट के बड़े नेटवर्क का खुलासा होना शुरू हुआ। पुलिस ने आगे की जांच तेज कर दी है।
जांच के दौरान पुलिस ने भारी मात्रा में फर्जी दस्तावेज बरामद किए हैं। 121 आधार कार्ड, 73 फर्जी पैन कार्ड और 181 वोटर आईडी जब्त किए गए। इसके साथ ही जन्म प्रमाण पत्र, शैक्षणिक मार्कशीट और अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज भी मिले हैं। पुलिस ने तीन लैपटॉप, छह हार्ड डिस्क और दस्तावेज संपादन सॉफ्टवेयर भी जब्त किए हैं। हार्ड डिस्क में फर्जी दस्तावेज बनाने के टेम्पलेट और डेटा मिले हैं। इन इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों को फॉरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है। बरामद दस्तावेजों से और भी नाम सामने आने की संभावना है।
इस गिरोह ने आधार कार्ड में गड़बड़ी करने के लिए हाईटेक तकनीक अपनाई थी। आरोपी नकली अंगूठे के निशान और रिकॉर्ड किए गए आइरिस स्कैन का इस्तेमाल कर रहे थे। इससे वे आधार अपडेट सिस्टम को आसानी से धोखा दे रहे थे। फर्जी पहचान के जरिए बैंक खाते खोलना, सिम कार्ड निकालना और सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना संभव हो रहा था। इससे वित्तीय धोखाधड़ी के साथ-साथ राष्ट्रीय सुरक्षा पर भी खतरा मंडरा रहा था। लोगों की निजी पहचान भी खतरे में पड़ गई थी। इस मामले ने आधार जैसी प्रणाली की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
दिल्ली पुलिस ने पूरे नेटवर्क का भंडाफोड़ करने के लिए अपनी जांच तेज कर दी है। इस गिरोह से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश भी जारी है। विशेष टीमें फरार आरोपी तौसीफ की तलाश में जुटी हैं। पुलिस को शक है कि इस रैकेट का नेटवर्क दिल्ली के बाहर अन्य राज्यों तक फैला हो सकता है। साइबर सेल भी इलेक्ट्रॉनिक सबूतों की गहनता से जांच कर रही है। पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल देशविरोधी गतिविधियों में हुआ है। जल्द ही और गिरफ्तारियां होने की संभावना जताई जा रही है।
दिल्ली पुलिस ने इस खुलासे को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से बेहद गंभीर माना है। अधिकारियों ने कहा कि पहचान दस्तावेजों के साथ धोखाधड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नागरिकों से अपील की गई है कि वे किसी भी संदेहास्पद गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। साथ ही, आधार और अन्य पहचान दस्तावेज अपडेट करवाते समय सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पुलिस आधार प्रणाली की सुरक्षा बढ़ाने के लिए केंद्र सरकार को भी रिपोर्ट भेजने की तैयारी कर रही है। इस कार्रवाई से भविष्य में ऐसे फर्जीवाड़ों पर रोक लगाने में मदद मिलेगी। पुलिस ने निष्पक्ष और गहन जांच का भरोसा दिलाया है।
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