नई दिल्ली (28 अप्रैल 2025): दिल्ली चिड़ियाघर में 16 साल बाद शेरनी के शावकों की किलकारी गूंजी है। महागौरी नाम की शेरनी ने रविवार सुबह चार स्वस्थ शावकों को जन्म दिया। शेरनी और शावकों की हालत स्थिर बताई जा रही है और उन पर चौबीसों घंटे सीसीटीवी से निगरानी रखी जा रही है। चिड़ियाघर प्रबंधन इसे “बिग कैट” प्रजाति के संरक्षण प्रयासों की बड़ी सफलता मान रहा है। इससे पहले 2009 में एक शेरनी ने दो शावकों को जन्म दिया था, लेकिन उसके बाद प्रजनन नहीं हो पाया था। महागौरी की उम्र पांच साल है और यह उसका पहला प्रसव है। ज़ू प्रशासन इस उपलब्धि से उत्साहित है।
चिड़ियाघर में पिछले एक साल से बड़ी बिल्लियों के प्रजनन पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। बीते वर्ष वाइट टाइगर के तीन शावकों का जन्म हुआ था, जो स्वस्थ हैं। मई 2023 में भी रॉयल बंगाल टाइगर के पांच शावक पैदा हुए थे, हालांकि उनमें से तीन की मृत्यु हो गई थी। महागौरी के शावकों का सुरक्षित जन्म इन प्रयासों की बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। बिग कैट्स की संख्या बढ़ाने के लिए चिड़ियाघर विशेष वैज्ञानिक तकनीकों और बेहतर देखभाल पद्धतियों का इस्तेमाल कर रहा है। शेर और बाघ दोनों संकटग्रस्त प्रजातियों में गिने जाते हैं। ऐसे में इनका सफल प्रजनन वन्यजीव संरक्षण में अहम योगदान देगा।
शेरों के प्रजनन को लेकर चिड़ियाघर और सेंट्रल जूलॉजिकल अथॉरिटी (CZA) दोनों चिंतित थे। एशियाई शेर अब IUCN की संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल है। इस संकट को देखते हुए पिछले साल चिड़ियाघर में शेरों के लिए विशेष प्रजनन योजना तैयार की गई थी। योजना के तहत दो जोड़े बनाए गए, जिनमें से महागौरी और माहेश्वरी (नर शेर) का मिलन कराया गया। माहेश्वरी को दो साल पहले गुजरात के जूनागढ़ से लाया गया था। अब इस सफल प्रजनन से चिड़ियाघर प्रशासन के प्रयास रंग लाए हैं। शेरों की संख्या बढ़ने की उम्मीदें और भी मजबूत हो गई हैं।
दिल्ली चिड़ियाघर के निदेशक डॉ. संजीत कुमार ने एनबीटी से बात करते हुए कहा कि शेरनी और उसके बच्चों की खास निगरानी की जा रही है। उन्होंने बताया कि पहले 24 घंटे बेहद अहम होते हैं, क्योंकि महागौरी का यह पहला अनुभव है। शावकों को किसी भी तरह का तनाव न हो, इसके लिए विशेष सावधानी बरती जा रही है। फिलहाल महागौरी खुद अपने बच्चों की अच्छी देखभाल कर रही है। चिड़ियाघर का स्टाफ हर जरूरी सहायता उपलब्ध करा रहा है। मेडिकल टीम भी हर समय तैयार रखी गई है। चिड़ियाघर प्रबंधन ने लोगों से धैर्य बनाए रखने की अपील की है।
चिड़ियाघर प्रशासन के अनुसार, आने वाले हफ्तों में शेरनी और शावकों का स्वास्थ्य परीक्षण जारी रहेगा। फिलहाल शावकों और उनकी मां को किसी भी बाहरी हस्तक्षेप से दूर रखा गया है। चिड़ियाघर में आम दर्शकों के लिए इन शावकों को दिखाने की योजना बाद में बनाई जाएगी। विशेषज्ञों का कहना है कि पहले तीन महीने शावकों के विकास के लिए सबसे महत्वपूर्ण होते हैं। इस दौरान शावकों को उचित पोषण और शांत वातावरण की जरूरत होती है। अगर सब कुछ सही रहा तो आने वाले दिनों में दिल्ली चिड़ियाघर में शेरों की संख्या में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी। यह वन्यजीव संरक्षण के लिए एक प्रेरणादायक उपलब्धि होगी।
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