रोहिणी अग्निकांड पर सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली सरकार को घेरा

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (28 अप्रैल 2025): दिल्ली के रोहिणी सेक्टर 17 की झुग्गियों में भीषण आग लगने के बाद आम आदमी पार्टी के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर तीखा हमला बोला है। रविवार रात घटनास्थल का दौरा करने के बाद उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर सीएम के एक पोस्ट का जवाब देते हुए पांच गंभीर सवाल उठाए। भारद्वाज ने फायर ब्रिगेड के देर से पहुंचने, मुख्यमंत्री और स्थानीय विधायक के गैरमौजूद रहने और राहत कार्यों की बदहाली पर सवाल किए। उन्होंने कहा कि झुग्गियों में लगी आग ने कई परिवारों की जिंदगियों को बर्बाद कर दिया है। दो बच्चों की दर्दनाक मौत के बाद सरकार की लापरवाही सामने आई है। इस पूरे घटनाक्रम ने दिल्ली सरकार की आपदा प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

सौरभ भारद्वाज ने आरोप लगाया कि सुबह 11:30 बजे आग लगने के बावजूद, फायर स्टेशन महज पांच मिनट की दूरी पर था, फिर भी फायर ब्रिगेड दो घंटे देर से पहुंची। उन्होंने पूछा कि दमकल और पुलिस को आग लगने की सूचना किस समय मिली थी। भारद्वाज ने कहा कि जब बच्चों की जान बचाई जा सकती थी, तब अधिकारी नदारद थे। उन्होंने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता से पूछा कि जब वह और विधायक बवाना में मौजूद थे, तो घटनास्थल पर क्यों नहीं पहुंचे। इसके अलावा, उन्होंने आरोप लगाया कि रात 10 बजे तक भी कोई ठोस राहत व्यवस्था नहीं की गई थी। भारद्वाज ने पुलिस पर पीड़ित परिवारों को धमकाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस पूरे मामले में जवाबदेही तय होनी चाहिए।

मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने रविवार देर रात सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया देते हुए इस दुखद घटना पर संवेदना जताई। उन्होंने लिखा कि दिल्ली सरकार पीड़ितों को हरसंभव सहायता पहुंचाने के लिए तत्पर है। गुप्ता ने बताया कि स्थानीय विधायक और एसडीएम मौके पर मौजूद रहे और राहत कार्यों का समन्वय कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रभावित लोगों के लिए मोबाइल शौचालय, भोजन और चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराई जा रही है। साथ ही, पीड़ित परिवारों को पास के स्कूलों में अस्थायी आश्रय भी दिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने भरोसा दिलाया कि पुनर्वास का काम जल्द पूरा किया जाएगा। सरकार पीड़ितों के साथ मजबूती से खड़ी है।

रविवार को रोहिणी सेक्टर 17 के श्री निकेतन अपार्टमेंट के पास लगी आग ने सैकड़ों झुग्गियों को अपनी चपेट में ले लिया। दमकल विभाग की 30 गाड़ियों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। इस हादसे में दो बच्चों की दर्दनाक मौत हो गई और सैकड़ों लोग बेघर हो गए। स्थानीय निवासियों ने दमकल विभाग की देर से प्रतिक्रिया को हादसे के लिए जिम्मेदार ठहराया। लोगों ने आरोप लगाया कि अगर समय पर मदद पहुंचती, तो जानमाल का नुकसान टाला जा सकता था। आग लगने के पीछे शॉर्ट सर्किट और सिलेंडर ब्लास्ट को कारण बताया जा रहा है। दिल्ली सरकार पर आपदा प्रबंधन को लेकर गंभीर सवाल उठे हैं।

सौरभ भारद्वाज ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि घटना के वक्त मुख्यमंत्री पास में बवाना विधानसभा में ‘मन की बात’ सुनने में व्यस्त थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि इतने बड़े हादसे के बावजूद सीएम और स्थानीय मंत्री ने पीड़ितों से मिलने की जहमत नहीं उठाई। भारद्वाज ने कहा कि दिल्ली सरकार को इस घटना से सबक लेना चाहिए और पीड़ित परिवारों को न्याय मिलना चाहिए। उन्होंने मांग की कि आग में मारे गए बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए। साथ ही दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो। सौरभ ने इस घटना को सरकार की संवेदनहीनता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि दिल्ली के गरीबों को ऐसे हालात में बेसहारा छोड़ना अमानवीय है।


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