Operation Sindoor: भारत की जवाबी कार्यवाही में क्या खोया पाकिस्तान और क्या पाया भारत? DGMO ने दी जानकारी
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (11 मई 2025):भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से जारी तनाव के बीच ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सेना ने सख्त कार्रवाई की। पाकिस्तान की ओर से बार-बार किए जा रहे ड्रोन हमलों और आतंकी गतिविधियों के जवाब में भारत ने यह सैन्य ऑपरेशन अंजाम दिया। भारत ने साफ कर दिया कि अब आतंक और बातचीत एक साथ नहीं चल सकते। डीजीएमओ लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई के अनुसार, ऑपरेशन में पाकिस्तान को भारी सैन्य क्षति उठानी पड़ी। पाकिस्तान के कई एयरबेस तबाह कर दिए गए और उसकी वायु शक्ति कमजोर हुई। भारत की कार्रवाई सीमित और संतुलित रही, लेकिन प्रभावशाली और स्पष्ट संदेश देने वाली थी।
9 आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले, तीन टॉप आतंकियों का खात्मा
भारतीय सेना ने पाकिस्तान में 9 आतंकी ठिकानों को सटीकता से निशाना बनाया। डीजीएमओ ने बताया कि कार्रवाई से पहले सभी टारगेट की गहन निगरानी की गई थी। इस ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकियों को मार गिराया गया, जिनमें तीन हाई वैल्यू टारगेट शामिल थे – मुदस्सर खास, हाफिज जमील और यूसुफ अजहर। ये आतंकी आईसी-814 अपहरण और पुलवामा जैसे बड़े हमलों से जुड़े थे। भारत की इस कार्रवाई से आतंक के नेटवर्क को गहरा झटका लगा है। ऑपरेशन का उद्देश्य केवल जवाब देना नहीं, बल्कि आतंकी इकोसिस्टम को तोड़ना था। सेना ने रणनीतिक रूप से संवेदनशील ठिकानों पर ही हमला किया।
पाकिस्तानी एयरबेस, कमांड सेंटर और डिफेंस सिस्टम हुए ध्वस्त
भारतीय वायुसेना ने ऑपरेशन में निर्णायक भूमिका निभाई और पाकिस्तान के एयरबेस, एयर डिफेंस सिस्टम और कमांड सेंटर्स को सटीकता से निशाना बनाया। डीजी एयर ऑपरेशन एयर मार्शल ए.के. भारती ने बताया कि गाइडेड एम्युनिशन का इस्तेमाल हुआ जिससे कोलेटरल डैमेज नहीं हुआ। मुरीदके और बहावलपुर जैसे स्थानों पर स्थित आतंकी कैंपों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। बहावलपुर में मौजूद हाई वैल्यू टारगेट को नेस्तनाबूद किया गया। भारतीय वायुसेना ने यह दिखाया कि वह किसी भी प्रकार की सुरक्षा चुनौती का माकूल जवाब देने में पूरी तरह सक्षम है।
ड्रोन हमलों का करारा जवाब, पाक की नाकाम कोशिशें
डीजीएमओ के अनुसार, पाकिस्तान ने 8 और 9 मई की रात को भारी मात्रा में ड्रोन और कॉडकॉप्टर भारतीय सीमा में भेजे। ये हमले जासूसी और नागरिक ठिकानों को निशाना बनाने के लिए थे। लेकिन भारत के एयर डिफेंस सिस्टम ने उन्हें पूरी तरह नाकाम कर दिया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए पाकिस्तान की सैन्य इकाइयों को तबाह किया। पाकिस्तान ने 9-10 मई की रात को भी सीमापार ड्रोन और विमानों से हमला करने की कोशिश की लेकिन भारत की तैयारियों के सामने वे असफल रहे। यह साबित करता है कि भारत हर स्थिति के लिए तैयार है।
नेवी की सख्त निगरानी, पाकिस्तान की नौसेना रही डिफेंसिव मोड में
पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय नौसेना ने भी मोर्चा संभाल लिया था। वाइस एडमिरल ए.ए. प्रमोद ने बताया कि नौसेना ने अपने संसाधनों को तैनात कर ऑपरेशनल परीक्षण किए। इस रणनीति से पाकिस्तान की नौसेना पूरी तरह डिफेंसिव हो गई और उसने खुद को अपने हार्बर में सीमित कर लिया। भारतीय नौसेना की सघन निगरानी और शक्ति प्रदर्शन ने समुद्री सीमा को पूरी तरह सुरक्षित रखा। इससे यह भी स्पष्ट हो गया कि भारत थल, जल और वायु तीनों मोर्चों पर पूरी तैयारी के साथ खड़ा है।
सीजफायर पर बनी सहमति, लेकिन पाक ने किया उल्लंघन
10 मई को पाकिस्तान के DGMO ने भारत से संपर्क साधा और सीजफायर की पेशकश की। भारत ने शर्तों के साथ बातचीत स्वीकार की और शाम 5 बजे से सीजफायर लागू करने पर सहमति बनी। इसके बाद 12 मई को दोबारा बातचीत करने का निर्णय लिया गया। लेकिन पाकिस्तान ने कुछ ही घंटों में इस समझौते का उल्लंघन कर दिया। भारत ने इसका करारा जवाब दिया और सीमाओं पर अपने डिप्लॉयमेंट को और मजबूत किया। यह साफ हो गया कि पाकिस्तान की मंशा बातचीत की नहीं, बल्कि घुसपैठ और हमला करने की थी।
पाक को हुआ बड़ा सैन्य नुकसान, 35-40 जवान मारे गए
डीजीएमओ ने बताया कि इस पूरे ऑपरेशन में पाकिस्तान को भारी मानवीय और तकनीकी नुकसान उठाना पड़ा। आर्टिलरी फायरिंग और एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान के 35 से 40 जवान मारे गए। वहीं कई अफसर भी घायल हुए हैं। ऑपरेशन सिंदूर में भारत ने रणनीतिक संयम दिखाते हुए सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया, न कि आम नागरिकों को। इसके बावजूद पाकिस्तान की ओर से की गई जवाबी कार्रवाई में उनके ही गांवों और धार्मिक स्थलों को नुकसान हुआ, जो उनकी असंगठित और घबराई हुई प्रतिक्रिया को दर्शाता है।
ऑपरेशन सिंदूर: आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कदम
लेफ्टिनेंट जनरल राजीव घई ने स्पष्ट किया कि ऑपरेशन सिंदूर का उद्देश्य आतंकवादियों और उनके संरक्षकों को सजा देना था। भारत ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों का पालन करते हुए सटीक और सीमित सैन्य कार्रवाई की। पाकिस्तान को यह संदेश दिया गया कि अगर वह आतंक का समर्थन करेगा तो भारत हर बार पहले से कड़ा जवाब देगा। भारत की तीनों सेनाओं ने संयुक्त रूप से इस ऑपरेशन को सफल बनाया। अब दुनिया के सामने यह भी स्पष्ट है कि भारत अपनी सुरक्षा और संप्रभुता के लिए कोई भी सीमा पार कर सकता है।
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