प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 121वे एपिसोड में देश को किया संबोधित, संबोधन के मतवपूर्ण अंश
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली, (27 अप्रैल 2025): प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज अपने रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ के 121वें एपिसोड में देशवासियों को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने पहलगाम आतंकी हमले का जिक्र करते हुए कहा कि पीड़ित परिवारों को न्याय मिलकर रहेगा। पीएम मोदी ने कहा कि 140 करोड़ भारतीय आतंकवाद के खिलाफ एकजुट हैं और पूरा विश्व भी भारत के साथ खड़ा है। प्रधानमंत्री ने इस हमले को आतंक के सरपरस्तों की हताशा और कायरता का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा कि देश इस चुनौती का एकजुट होकर मुकाबला करेगा। उन्होंने सभी भारतीयों से संकल्पों को और मजबूत करने का आह्वान किया।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में गहरी संवेदना व्यक्त करते हुए कहा:
22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले ने पूरे देश को गहरे दुख में डाल दिया है। उन्होंने कहा कि हमले में जिन परिवारों ने अपनों को खोया है, उनके प्रति हर भारतीय के मन में संवेदना है। चाहे वह किसी भी राज्य से हो या कोई भी भाषा बोलता हो, हर नागरिक इस दर्द को महसूस कर रहा है। पीएम मोदी ने कहा कि इस हमले की तस्वीरें देखकर हर भारतीय का खून खौल उठा है। उन्होंने शहीदों के परिवारों को मजबूत समर्थन का भरोसा दिलाया। साथ ही न्याय दिलाने के लिए कठोरतम कार्रवाई का वादा किया।
पीएम मोदी ने कश्मीर में लौटती शांति और प्रगति का उल्लेख किया:
उन्होंने बताया कि कश्मीर में हाल के वर्षों में स्कूल-कॉलेजों में चहल-पहल बढ़ी थी। निर्माण कार्यों में अभूतपूर्व तेजी आई थी और लोकतंत्र मजबूत हो रहा था। पर्यटकों की रिकॉर्ड संख्या ने स्थानीय अर्थव्यवस्था में जान फूंक दी थी। युवाओं के लिए नए अवसर तैयार हो रहे थे और आमदनी में बढ़ोतरी हो रही थी। प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रगति देश के दुश्मनों को रास नहीं आई। उन्होंने आतंकियों को कश्मीर में अमन-चैन खत्म करने की साजिश रचने का दोषी ठहराया।
प्रधानमंत्री ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता का संकल्प दोहराया:
उन्होंने कहा कि आतंकी ताकतें चाहती हैं कि कश्मीर फिर से अराजकता में डूब जाए। लेकिन भारत 140 करोड़ देशवासियों की एकता से आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उन्होंने कहा कि देश को इस चुनौती का मजबूती से सामना करना है। पीएम मोदी ने आह्वान किया कि हर भारतीय अपने संकल्पों को और मजबूत करे। उन्होंने कहा कि हमारी एकता ही आतंकवाद के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार है। इसके जरिए हम अपने दुश्मनों को हराएंगे।
प्रधानमंत्री ने वैश्विक समुदाय से मिले समर्थन का भी जिक्र किया:
उन्होंने बताया कि पहलगाम हमले के बाद दुनियाभर से भारत के प्रति संवेदनाएं आई हैं। कई ग्लोबल लीडर्स ने फोन कर या पत्र लिखकर समर्थन व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि इस जघन्य हमले की दुनियाभर में कड़ी निंदा हुई है। मृतकों के परिवारों के प्रति भी वैश्विक नेताओं ने गहरी संवेदना व्यक्त की है। पीएम ने कहा कि दुनिया का समर्थन भारत के हौसले को और मजबूत करता है। उन्होंने इस लड़ाई को अंत तक लड़ने का संकल्प दोहराया।
प्रधानमंत्री ने दोहराया कि दोषियों को कड़ी सजा मिलेगी:
उन्होंने कहा कि पहलगाम हमले के साजिशकर्ताओं और दोषियों को कठोरतम जवाब दिया जाएगा। न्याय सुनिश्चित करने के लिए भारत हर संभव कदम उठाएगा। उन्होंने पीड़ित परिवारों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनके साथ खड़ी है। पीएम मोदी ने कहा कि यह लड़ाई सिर्फ भारत की नहीं, बल्कि वैश्विक मानवता की लड़ाई है। उन्होंने देशवासियों से धैर्य और एकजुटता बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि आतंकवाद को मुंहतोड़ जवाब मिलेगा।
अपने संबोधन में पीएम मोदी ने डॉ. के. कस्तूरीरंगन को श्रद्धांजलि भी दी:
प्रधानमंत्री ने कहा कि दो दिन पहले भारत ने एक महान वैज्ञानिक को खो दिया। डॉ. कस्तूरीरंगन के योगदान को याद करते हुए उन्होंने कहा कि उन्होंने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनके नेतृत्व में ISRO ने कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। पीएम ने बताया कि भारत द्वारा उपयोग किए जा रहे कई सैटेलाइट्स डॉ. कस्तूरीरंगन के मार्गदर्शन में ही बने। उन्होंने विज्ञान और शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान को अमूल्य बताया। पीएम ने कहा कि उनका इनोवेशन का विजन युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत रहेगा।
प्रधानमंत्री ने डॉ. कस्तूरीरंगन की शिक्षा नीति पर भूमिका का उल्लेख किया:
उन्होंने कहा कि डॉ. कस्तूरीरंगन ने भारत की नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके दृष्टिकोण से 21वीं सदी के लिए फॉरवर्ड लुकिंग एजुकेशन तैयार हुआ। पीएम ने कहा कि उनका प्रयास शिक्षा को आधुनिक और नवाचार केंद्रित बनाने पर केंद्रित था। उनकी सोच ने भारत की युवा पीढ़ी के भविष्य को नई दिशा दी। पीएम मोदी ने राष्ट्र निर्माण में उनके निःस्वार्थ योगदान को नमन किया। उन्होंने डॉ. कस्तूरीरंगन को विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की।
पीएम मोदी ने म्यांमार भूकंप राहत कार्यों का भी उल्लेख किया:
प्रधानमंत्री ने बताया कि हाल में म्यांमार में आए भूकंप ने बड़ी तबाही मचाई। भारत ने तुरंत ऑपरेशन ब्रह्मा के जरिए मदद पहुंचाई। एयरफोर्स और नेवी के जहाज राहत सामग्री के साथ म्यांमार रवाना किए गए। भारतीय टीम ने वहां एक फील्ड हॉस्पिटल भी तैयार किया। इंजीनियरों ने इमारतों के नुकसान का आकलन किया और मदद की। पीएम ने बताया कि म्यांमार के लोगों ने भारतीय प्रयासों की भरपूर सराहना की।
प्रधानमंत्री ने ‘सेवा परमो धर्म’ के मूल मंत्र पर बल दिया:
अपने संबोधन के अंत में पीएम मोदी ने भारत की वैश्विक भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि भारत हमेशा आपदा में सहायता देने में सबसे आगे रहा है। सेवा, सहयोग और संवेदना भारत के संस्कारों में रचे-बसे हैं। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन ब्रह्मा जैसे प्रयास हमारी विश्वसनीयता को और मजबूत करते हैं। पीएम मोदी ने देशवासियों से सेवा के इस भाव को हमेशा बनाए रखने का आह्वान किया। उन्होंने आने वाले समय में और मजबूती से आगे बढ़ने का संकल्प व्यक्त किया।
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