जामिया यूनिवर्सिटी में वर्चस्व की जंग: शिक्षा मंदिर बना युद्ध का अखाड़ा!

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (26 अप्रैल 2025): दिल्ली की जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में शुक्रवार रात दो छात्र गुटों के बीच वर्चस्व को लेकर बड़ा विवाद हो गया। मेवाती और वेस्टर्न यूपी गुट के छात्रों के बीच शुरू हुई कहासुनी ने देखते ही देखते हिंसक रूप ले लिया। पहले दोनों पक्षों में लात-घूंसे चले, फिर जमकर पत्थरबाजी भी हुई। अचानक हुए इस बवाल से यूनिवर्सिटी परिसर में अफरातफरी मच गई और माहौल तनावपूर्ण हो गया। छात्रों के हिंसक होने की खबर मिलते ही जामिया प्रशासन हरकत में आया। मौके की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन ने तुरंत दिल्ली पुलिस को सूचना दी। इस पूरी घटना के बाद यूनिवर्सिटी का शैक्षणिक माहौल बुरी तरह प्रभावित हुआ।

पुलिस को सूचना मिलते ही फोर्स जामिया यूनिवर्सिटी के बाहर तैनात कर दी गई, लेकिन प्रशासन ने पुलिस को अंदर जाने से रोक दिया। प्रशासन का कहना था कि वे खुद दोनों गुटों के बीच सुलह कराने की कोशिश कर रहे हैं। स्थिति की गंभीरता को भांपते हुए अर्धसैनिक बलों को भी यूनिवर्सिटी के आसपास लगाया गया। शाम से रात तक कैंपस के बाहर भारी पुलिस बंदोबस्त देखा गया। अंदर प्रशासन छात्रों से लगातार बातचीत कर मामला शांत करने की कोशिश करता रहा। तनाव अधिक बढ़ने पर कुछ समय के लिए कैंपस की गतिविधियां रोक दी गईं। देर रात तक हालात आंशिक रूप से नियंत्रण में लाए जा सके।

सूत्रों के अनुसार, मेवाती और वेस्टर्न यूपी गुटों के बीच वर्चस्व की लड़ाई कोई नई बात नहीं है। इससे पहले भी कई बार इन गुटों के बीच झड़पें हो चुकी हैं, जिनमें कई बार मामूली चोटें भी आई थीं। यूनिवर्सिटी प्रशासन हर बार बीच-बचाव कर मामले को शांत कर देता था। इस बार स्थिति ज्यादा बिगड़ गई, जिससे यूनिवर्सिटी की साख पर भी सवाल खड़े हो गए हैं। फिलहाल यूनिवर्सिटी प्रशासन पूरे घटनाक्रम की आंतरिक जांच करवा रहा है। पुलिस भी सीसीटीवी फुटेज और छात्रों से पूछताछ कर रही है। छात्रों की पहचान के बाद जरूरी अनुशासनात्मक और कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी का इतिहास गौरवपूर्ण रहा है। 1920 में ब्रिटिश शासन के दौरान इसकी स्थापना स्वतंत्रता संग्राम से जुड़े शिक्षकों और छात्रों ने की थी। इसका उद्देश्य भारतीय युवाओं को उच्च गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना था। वर्ष 1988 में इसे भारतीय संसद द्वारा केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा मिला। वर्तमान में यह यूनिवर्सिटी देश की प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थाओं में गिनी जाती है। जामिया का कैंपस दिल्ली के ओखला इलाके में यमुना नदी के किनारे फैला हुआ है। यहां देशभर से छात्र शिक्षा ग्रहण करने आते हैं और उच्च शिक्षा का सपना पूरा करते हैं।

जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी समय-समय पर विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक आंदोलनों का केंद्र भी रही है। नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (NRC) के विरोध में जामिया के छात्रों ने जोरदार आंदोलन किया था। इसके अलावा हाल ही में वक्फ संशोधन बिल के खिलाफ भी यहां प्रदर्शन देखने को मिला था। हालांकि प्रशासन ने पिछले कुछ समय से कैंपस के अंदर विरोध प्रदर्शनों पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है। दो महीने पहले कुछ छात्रों को विरोध प्रदर्शन में शामिल होने के कारण निलंबित भी किया गया था। इसके बावजूद छात्रों में असंतोष की भावना बनी हुई है। यही असंतोष समय-समय पर टकराव में बदलता रहा है।

फिलहाल जामिया प्रशासन छात्रों के बीच शांति बहाल करने की पूरी कोशिश कर रहा है। दोनों गुटों से बातचीत कर माहौल सामान्य करने का प्रयास किया जा रहा है। प्रशासन का कहना है कि यूनिवर्सिटी शिक्षा का केंद्र है और यहां किसी भी प्रकार की हिंसा बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी छात्रों को अनुशासन में रहने और पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित करने की सलाह दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बल अभी भी कैंपस के बाहर मौजूद हैं ताकि स्थिति पर पूरी नजर रखी जा सके। साथ ही, नए छात्रों और अभिभावकों में फैले डर को भी कम करने के प्रयास हो रहे हैं। प्रशासन ने छात्रों से अफवाहों से दूर रहने की अपील की है।

यूनिवर्सिटी प्रशासन और दिल्ली पुलिस पूरे घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहे हैं। पुलिस द्वारा घटनास्थल की वीडियोग्राफी कराई गई है और पत्थरबाजी करने वाले छात्रों की पहचान की जा रही है। जल्द ही दोषी छात्रों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो। विश्वविद्यालय ने फिलहाल क्लास और परीक्षाएं स्थगित नहीं की हैं, लेकिन छात्रों को अतिरिक्त सतर्कता बरतने को कहा गया है। उच्च शिक्षा मंत्रालय को भी इस पूरे घटनाक्रम की रिपोर्ट भेजी जा रही है। यूनिवर्सिटी के वरिष्ठ अधिकारी लगातार छात्रों के अभिभावकों से संपर्क कर स्थिति की जानकारी दे रहे हैं। प्रशासन का कहना है कि जल्द ही कैंपस में सामान्य वातावरण बहाल कर दिया जाएगा।


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