गंगा एक्सप्रेसवे को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने की योजना को मिली मंजूरी

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (4 अप्रैल 2025): उत्तर प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजनाओं में से एक, गंगा एक्सप्रेसवे को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ने की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है। उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीईडीए) ने 74.3 किलोमीटर लंबे ग्रीनफील्ड लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण की मंजूरी दे दी है, जो राज्य के औद्योगिक और आर्थिक विकास को एक नया आयाम देने वाला साबित होगा।

इस परियोजना के तहत गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर स्थित नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से जोड़ने की दिशा में कदम बढ़ाए गए हैं। इससे न केवल एयरपोर्ट पर उतरने वाले कार्गो विमानों के सामान को राज्य और देश के अन्य हिस्सों में तेज़ी से पहुंचाना संभव होगा, बल्कि सड़क परिवहन की सुगमता भी बढ़ेगी।

लिंक एक्सप्रेसवे का विवरण

गंगा एक्सप्रेसवे को नोएडा एयरपोर्ट से जोड़ने वाला यह लिंक एक्सप्रेसवे 74.3 किलोमीटर लंबा होगा और इसकी चौड़ाई 120 मीटर रखी जाएगी, जिससे ट्रैफिक की निर्बाध आवाजाही सुनिश्चित हो सकेगी। इस एक्सप्रेसवे का निर्माण गौतमबुद्ध नगर और बुलंदशहर जिलों के कुल 54 गांवों की जमीन पर किया जाएगा। इन गांवों में गौतमबुद्ध नगर के 9 और बुलंदशहर के 45 गांव शामिल हैं। इसके लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, और संबंधित प्राधिकरण ने इस परियोजना के लिए आवश्यक अनुमति और अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी कर दिया है।

लिंक एक्सप्रेसवे का प्रारंभिक बिंदु गंगा एक्सप्रेसवे के बुलंदशहर जिले के सियाना क्षेत्र से होगा, जबकि इसका समापन यमुना एक्सप्रेसवे, सेक्टर-21, फिल्म सिटी तक होगा। यह एक्सप्रेसवे न केवल गंगा एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ने का काम करेगा, बल्कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के साथ मिलकर राज्य की कनेक्टिविटी को भी बेहतर बनाएगा।

परियोजना की लागत और विकास

इस लिंक एक्सप्रेसवे परियोजना की कुल अनुमानित लागत करीब 4000 करोड़ रुपये है। परियोजना के पूरा होने के बाद यह क्षेत्र के औद्योगिक विकास में भी अहम भूमिका निभाएगा। यूपीडा की ओर से औद्योगिक क्लस्टर के विकास के लिए बुलंदशहर में 13 स्थानों को चिह्नित किया गया है। इससे निवेशकों और निर्यातकों को बढ़ावा मिलेगा, क्योंकि यह एक्सप्रेसवे नोएडा एयरपोर्ट, चोला रेलवे स्टेशन और दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के पास से होकर गुज़रेगा, जिससे इन क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियाँ तेज़ होंगी।

अर्थव्यवस्था पर प्रभाव

इस एक्सप्रेसवे के निर्माण से उत्तर प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्रों के साथ-साथ कार्गो ट्रांसपोर्टेशन में भी सुधार होगा। विशेष रूप से, गंगा एक्सप्रेसवे के साथ जुड़ने से नोएडा और ग्रेटर नोएडा के औद्योगिक सेक्टर 28, 29, 32 और 33 को सीधी कनेक्टिविटी मिलेगी, जिससे माल की आवाजाही में तेज़ी आएगी।

यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणवीर सिंह ने कहा कि इस लिंक एक्सप्रेसवे के निर्माण से मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को और मजबूती मिलेगी, जो राज्य और देश की समग्र परिवहन प्रणाली के लिए महत्वपूर्ण होगा। उन्होंने कहा कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी, ताकि इस महत्वाकांक्षी परियोजना का कार्य शीघ्रता से पूरा किया जा सके।

अब जब परियोजना की योजना को अंतिम रूप दे दिया गया है और भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होने वाली है, तो उम्मीद की जा रही है कि यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की परिवहन और औद्योगिक संरचना में क्रांतिकारी बदलाव लाएगा। इससे राज्य में औद्योगिक विकास को और बढ़ावा मिलेगा और वैश्विक व्यापार के लिए उत्तर प्रदेश को एक प्रमुख हब के रूप में स्थापित किया जाएगा। इस परियोजना को उत्तर प्रदेश की सरकार की तरफ से बड़ी प्राथमिकता दी जा रही है, और इसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की योजनाओं में अहम स्थान प्राप्त है।


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