नई दिल्ली (11 दिसंबर 2024): पंजाब के किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने मंगलवार को ऐलान किया कि प्रदर्शनकारी किसान 14 दिसंबर को दिल्ली के लिए पैदल मार्च फिर से शुरू करेंगे, क्योंकि सरकार की ओर से वार्ता के लिए कोई संदेश नहीं मिला है। संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा की बैठक में यह निर्णय लिया गया। पंधेर ने शंभू सीमा पर कहा कि किसानों ने सरकार को समय दिया, लेकिन वार्ता के लिए कोई पहल नहीं की गई। उन्होंने बताया कि अब 101 किसानों का अगला जत्था 14 दिसंबर को शंभू सीमा से दिल्ली के लिए रवाना होगा।
रविवार को आंसूगैस और पुलिस की कार्रवाई के कारण किसानों ने अपना मार्च स्थगित कर दिया था। हरियाणा के सुरक्षाकर्मियों ने प्रदर्शनकारियों को सीमा पार करने से रोकने के लिए कड़ी कार्रवाई की थी। पंधेर ने केंद्र सरकार पर असमंजस में होने का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार किसान आंदोलन को लेकर स्पष्ट नीति नहीं अपना रही है।
इस बीच, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन मंगलवार को 15वें दिन भी जारी रहा। किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ ने बताया कि डल्लेवाल की हालत बेहद नाजुक हो चुकी है। उनका वजन 11 किलोग्राम से ज्यादा घट चुका है और उन्हें चलने में सहारे की जरूरत पड़ रही है। डल्लेवाल के समर्थन में खनौरी में किसानों ने मंगलवार को खाना नहीं पकाया।
किसानों ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी), कर्ज माफी, पेंशन, और बिजली दरों में बढ़ोतरी न करने जैसी मांगों के साथ-साथ 2021 की लखीमपुर खीरी हिंसा के पीड़ितों को न्याय और मुआवजे की मांग भी रखी है। प्रदर्शनकारी किसान 13 फरवरी से शंभू और खनौरी सीमा पर डटे हुए हैं, लेकिन हरियाणा पुलिस द्वारा बार-बार रोके जाने से उनका दिल्ली पहुंचने का प्रयास विफल हो रहा है।
पंधेर ने 13 दिसंबर को किसानों से शंभू और खनौरी विरोध स्थलों पर बड़ी संख्या में पहुंचने की अपील की है। उनका दावा है कि किसानों के आंदोलन ने केंद्र सरकार को असमंजस की स्थिति में डाल दिया है, और दिल्ली कूच करके किसान अपनी मांगों को और मजबूती से सामने रखेंगे।
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