नई दिल्ली, (30 मार्च 2025): दिल्ली सरकार के बजट में इस बार अरविंद केजरीवाल द्वारा 2017 में शुरू की गई ‘फरिश्ते योजना’ को बंद कर दिया गया है। इस फैसले के खिलाफ आम आदमी पार्टी ने कड़ा विरोध जताया है। पार्टी के वरिष्ठ नेता सौरभ भारद्वाज ने प्रेस वार्ता के दौरान इस पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि यह एक ऐसा निर्णय है जिससे हर साल हजारों लोगों की जान पर खतरा मंडराने लगेगा।
उन्होंने बताया कि फरिश्ते योजना दिल्ली सरकार की एक क्रांतिकारी पहल थी, जिसके तहत सड़क दुर्घटना में घायल किसी भी व्यक्ति को नजदीकी निजी अस्पताल में तुरंत भर्ती कराया जाता था और उसके इलाज का पूरा खर्च दिल्ली सरकार उठाती थी। इस योजना का उद्देश्य दुर्घटना पीड़ितों को जल्द से जल्द चिकित्सा सहायता उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाना था। सौरभ भारद्वाज ने कहा कि 2021 में केजरीवाल सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 2017 से 2021 के बीच करीब 10,000 लोगों की जान इस योजना के कारण बचाई जा सकी थी। उन्होंने आश्चर्य जताया कि भाजपा सरकार ने इतनी प्रभावी योजना को आखिर क्यों बंद कर दिया।
उन्होंने एक पुरानी घटना का जिक्र करते हुए बताया कि दिल्ली में एक सड़क दुर्घटना के बाद घायल व्यक्ति को एक सरकारी अस्पताल से दूसरे सरकारी अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उसे कहीं भी समय पर इलाज नहीं मिला, जिससे उसकी मौत हो गई। इस घटना के बाद हाईकोर्ट ने इस मामले पर संज्ञान लिया और अस्पतालों की अनियमितताओं को उजागर किया। इसी तरह की समस्याओं से निपटने के लिए ‘फरिश्ते योजना’ लागू की गई थी ताकि कोई भी घायल व्यक्ति इलाज के अभाव में दम न तोड़े।
सौरभ भारद्वाज ने यह भी खुलासा किया कि 2023 में, जब वह दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री थे, तो उन्होंने उपराज्यपाल को पत्र लिखकर इस योजना के फंड को रोके जाने की शिकायत की थी। लेकिन उपराज्यपाल ने उनकी शिकायत को खारिज कर दिया, जिससे उन्हें सुप्रीम कोर्ट का रुख करना पड़ा। इसके बाद अदालत ने उपराज्यपाल को नोटिस जारी किया और दबाव बढ़ने के बाद अधिकारियों ने योजना का फंड जारी किया, जिससे यह फिर से शुरू हो सकी। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा पहले ही इस योजना को बंद करने की कोशिश कर रही थी और अब जब दिल्ली में भाजपा सरकार है, तो उन्होंने इसे पूरी तरह से खत्म कर दिया है।
प्रेस वार्ता के दौरान सौरभ भारद्वाज ने फरिश्ते योजना से लाभान्वित कुछ दुर्घटना पीड़ितों के वीडियो भी दिखाए, जिनकी इस योजना के कारण जान बचाई जा सकी थी। उन्होंने कहा कि दुर्घटनाओं के दौरान लोग अक्सर घायलों की मदद करने से कतराते हैं, क्योंकि उन्हें इलाज के खर्च और पुलिस की पूछताछ का डर रहता है। लेकिन फरिश्ते योजना के तहत दिल्ली सरकार ने न केवल घायल के इलाज का पूरा खर्च उठाया, बल्कि घायल को अस्पताल पहुंचाने वाले व्यक्ति को भी सम्मानित किया। इससे लोगों के अंदर मदद का जज्बा बढ़ा और हजारों जिंदगियां बच सकीं।
उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटना के बाद का पहला घंटा ‘गोल्डन आवर’ कहलाता है, क्योंकि इस दौरान अगर घायल को इलाज मिल जाए तो उसकी जान बच सकती है। लेकिन भाजपा सरकार के इस फैसले के बाद अब सड़क हादसों में मरने वालों की संख्या बढ़ेगी। उन्होंने दिल्ली के नागरिकों से अपील की कि वे इस मुद्दे पर विचार करें, क्योंकि सड़क दुर्घटना यह नहीं देखती कि घायल व्यक्ति किस पार्टी का समर्थक है। अंत में, उन्होंने कहा कि “लोगों की जान बचाने वाली इतनी बेहतरीन योजना को बंद करने का काम सिर्फ राक्षसी मानसिकता वाला व्यक्ति ही कर सकता है।”
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