नई दिल्ली (24 मार्च 2025): दिल्ली विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन रेखा गुप्ता सरकार ने दिल्ली परिवहन निगम (DTC) में हुई अनियमितताओं को लेकर तीसरी CAG रिपोर्ट पेश की। सरकार ने संकेत दिया है कि आम आदमी पार्टी (AAP) के कार्यकाल की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने के लिए जल्द ही एक श्वेत पत्र भी जारी किया जाएगा। इस बीच, आम आदमी पार्टी ने बजट सत्र के दौरान आर्थिक सर्वेक्षण न पेश किए जाने पर कड़ी आपत्ति जताई।
विपक्ष का सवाल: आर्थिक सर्वेक्षण क्यों नहीं किया गया पेश?
नेता विपक्ष आतिशी ने विधानसभा में यह सवाल उठाया कि आखिर दिल्ली सरकार आर्थिक सर्वेक्षण को छिपाने की कोशिश क्यों कर रही है। उन्होंने कहा कि संसद हो या विधानसभा, बजट से पहले आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया जाता है ताकि सरकार की आर्थिक स्थिति का सही आकलन किया जा सके। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया कि वह आर्थिक आंकड़ों को जनता से छिपा रही है। आतिशी ने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण से यह पता चलता है कि दिल्ली की प्रति व्यक्ति आय कितनी है, अर्थव्यवस्था की स्थिति क्या है और कर संग्रह कितना हुआ है।
“बिना आर्थिक सर्वेक्षण के कैसे बनाया गया बजट?”
आतिशी ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह पहली बार हो रहा है कि किसी सरकार ने बिना आर्थिक सर्वेक्षण के बजट तैयार कर लिया। उन्होंने कहा, “आज तक किसी भी सरकार को बिना आर्थिक सर्वेक्षण के बजट बनाते नहीं देखा गया। भाजपा सरकार आखिर इसे क्यों छिपा रही है? क्या उन्हें सरकार चलानी नहीं आती?” आतिशी ने इस बात पर भी सवाल उठाया कि जब उन्होंने इस विषय पर चर्चा की मांग की, तो विधानसभा अध्यक्ष ने इसकी अनुमति क्यों नहीं दी।
बजट का आर्थिक सर्वेक्षण से कोई लेना-देना नहीं
मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने विपक्ष के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि CAG ऑडिट रिपोर्ट अभी तक पूरी नहीं हुई है और इसका बजट से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि बजट किसी “खीर बांटने” की प्रक्रिया से नहीं बनता, बल्कि यह आर्थिक आंकड़ों के आधार पर तैयार किया जाता है। उन्होंने AAP पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी सरकार पूरी पारदर्शिता के साथ काम कर रही है और AAP सरकार के कार्यकाल की वित्तीय अनियमितताओं को उजागर करने के लिए एक श्वेत पत्र लाने की तैयारी कर रही है।
विधानसभा में हंगामा, AAP ने किया वाकआउट
AAP विधायक संजीव झा ने भी इस मुद्दे पर सरकार को घेरा और कहा कि बिना आर्थिक सर्वेक्षण के बजट सत्र आयोजित करना लोकतंत्र के खिलाफ है। उन्होंने कहा, “सदन इस तरह नहीं चल सकता। आर्थिक सर्वेक्षण वित्तीय स्थिति दिखाने का एक महत्वपूर्ण दस्तावेज है, लेकिन सरकार इस पर चर्चा से बच रही है।” संजीव झा ने विधानसभा अध्यक्ष पर भी सरकार के साथ मिलकर सदन को गुमराह करने का आरोप लगाया। जब अध्यक्ष ने आर्थिक सर्वेक्षण पर चर्चा की अनुमति नहीं दी, तो आम आदमी पार्टी के विधायकों ने विरोध स्वरूप सदन से वाकआउट कर दिया।
क्या है आर्थिक सर्वेक्षण और यह क्यों जरूरी है?
आर्थिक सर्वेक्षण किसी भी राज्य या देश की वित्तीय स्थिति का विश्लेषण करने के लिए तैयार किया जाता है। इसमें सरकार की आमदनी, खर्च, राजस्व घाटा, आर्थिक विकास दर और अन्य महत्वपूर्ण आर्थिक आंकड़ों का विस्तृत विवरण होता है। बजट तैयार करने से पहले इसे प्रस्तुत किया जाता है ताकि आर्थिक नीति और वित्तीय योजनाओं को सही दिशा दी जा सके। AAP का आरोप है कि दिल्ली सरकार आर्थिक सर्वेक्षण को छिपाकर जनता को वास्तविक आर्थिक स्थिति से अनजान रखना चाहती है।
दिल्ली सरकार और विपक्ष के बीच इस मुद्दे पर टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। जहां एक ओर सरकार श्वेत पत्र लाने की बात कर रही है, वहीं विपक्ष आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर आक्रामक रुख अपनाए हुए है। आने वाले दिनों में बजट सत्र के दौरान इस विषय पर और अधिक हंगामा होने की संभावना है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि सरकार विपक्ष के इन आरोपों का किस तरह जवाब देती है और क्या आर्थिक सर्वेक्षण को लेकर कोई नई जानकारी सामने आती है।
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