नई दिल्ली (16 मार्च 2025): देशभर में इन दिनों औरंगजेब को लेकर सियासत गर्म है, जहां देश का एक बड़ा वर्ग औरंगजेब को आक्रांता और क्रूर शासक मानता है तो वहीं कुछ लोग उसे अतीत के नायक बताने में जुटे हैं। इसी कड़ी में प्रखर हिंदूवादी नेता और भाजपा नोएडा महानगर व्यापार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष सी.पी. शर्मा ने टेन न्यूज़ से खास बातचीत में औरंगजेब के मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि औरंगजेब जैसे क्रूर शासक का भारत में कोई स्थान नहीं होना चाहिए और उसका नामोनिशान मिट जाना चाहिए। बातचीत के दौरान उन्होंने मुगल शासन की नीतियों, हिंदू सभ्यता पर हुए अत्याचारों और भारतीय संस्कृति के संरक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि सनातन परंपरा केवल हिंदुओं की नहीं, बल्कि पूरे विश्व की विरासत है और इसे संरक्षित रखना आवश्यक है।
सी.पी. शर्मा ने एक महत्वपूर्ण बयान देते हुए कहा कि भारत की सनातन संस्कृति, ऐतिहासिक धरोहरों और मंदिरों की पुनर्स्थापना आवश्यक है। उन्होंने इस विषय पर औरंगजेब के शासनकाल, मुगलों द्वारा हिंदू मंदिरों के ध्वंस, और सनातन धर्म के महत्व को रेखांकित किया। शर्मा ने यह भी कहा कि ऐतिहासिक स्थलों को उनका मूल स्वरूप लौटाने की दिशा में सरकार को कदम उठाने चाहिए।
इतिहास और संस्कृति पर जोर
सी.पी. शर्मा ने कहा कि जैसे भारत के युवाओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने अंग्रेजों को देश से बाहर निकाला, वैसे ही ऐतिहासिक धरोहरों और संस्कृति की पुनर्स्थापना भी आज की आवश्यकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुगल शासक औरंगजेब ने संभाजी महाराज की हत्या की, अपने भाइयों का वध किया, तथा हिंदू मंदिरों को ध्वस्त कर मस्जिदों का निर्माण कराया। शर्मा के अनुसार, ऐसे व्यक्ति का मकबरा भारत में नहीं होना चाहिए, क्योंकि यह मानवता के मूल सिद्धांतों के विरुद्ध था।
उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी धर्म विशेष के विरुद्ध उनकी कोई दुर्भावना नहीं है। उदाहरण के रूप में उन्होंने शाहजहां का उल्लेख किया, जिनका ताजमहल आज भी ऐतिहासिक दृष्टि से देखा जाता है। लेकिन जबरन मंदिरों को तोड़कर बनाई गई संरचनाओं का समर्थन नहीं किया जा सकता।
कुतुब मीनार और मंदिरों का ध्वंस
सी.पी. शर्मा ने कुतुब मीनार को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि यह वास्तव में “विष्णु ध्वज” था, जिसे हिंदू वैज्ञानिक अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित किया गया था। लेकिन बाद में 27 मंदिरों को तोड़कर इसे कुतुब मीनार के रूप में परिवर्तित कर दिया गया। उन्होंने इस बात पर भी नाराजगी जताई कि गणेश जी की मूर्तियों को उल्टा लटकाया गया है, जो हिंदू समाज के प्रति घोर अन्याय है।
सनातन संस्कृति का उत्थान और मोदी सरकार की भूमिका
शर्मा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। राम मंदिर, कृष्ण जन्मभूमि और अन्य धार्मिक स्थलों के विकास से पर्यटन, अर्थव्यवस्था और रोजगार में वृद्धि होगी, जिससे देश समृद्ध बनेगा।
उन्होंने कांग्रेस सरकार पर भी आरोप लगाया कि 60 वर्षों तक उन्होंने भारत को पीछे ले जाने का काम किया, लेकिन अब भाजपा सरकार सनातन परंपरा के आधार पर देश को आगे ले जा रही है।
सी.पी. शर्मा ने अपने बयान में भारत की ऐतिहासिक धरोहरों, सनातन धर्म और हिंदू मंदिरों की पुनर्स्थापना को आवश्यक बताया। उन्होंने कहा कि विकसित भारत के निर्माण के लिए अपनी परंपराओं और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजना जरूरी है। इसके साथ ही, उन्होंने अपील की कि सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने चाहिए ताकि सनातन संस्कृति को पुनर्जीवित किया जा सके और भारत अपनी मूल जड़ों से फिर से जुड़ सके।।
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