परिसीमन विवाद पर क्या बोले संजय सिंह, दक्षिण भारत के साथ AAP

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (13 मार्च 2025): आम आदमी पार्टी (AAP) के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने परिसीमन के मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा अपने प्रभाव वाले राज्यों में लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ाकर नरेंद्र मोदी को आजीवन प्रधानमंत्री बनाए रखने की रणनीति पर काम कर रही है। संजय सिंह ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी दक्षिण भारत के राज्यों के साथ खड़ी है और किसी भी राज्य के साथ भेदभाव को स्वीकार नहीं करेगी।

संजय सिंह ने कहा कि, डिलिमिटेशन के मुद्दे पर हम दक्षिण भारत के राज्यों के साथ हैं। परिसीमन केवल जनसंख्या के आधार पर नहीं होना चाहिए। पंजाब, जहां हमारी सरकार है, वहां भी प्रतिनिधित्व घटने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि यदि लोकसभा सीटों की संख्या 850 तक बढ़ती है, तो पंजाब समेत कई राज्यों का प्रतिनिधित्व प्रतिशत घट जाएगा।

सिंह ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “ऐसा नहीं है कि सारी अक्ल भाजपा के नेताओं को ही मिली हुई है। जिन राज्यों में भाजपा का प्रभाव है, वहां सीटें बढ़ाकर वो मोदी जी को आजीवन प्रधानमंत्री बनाना चाहते हैं। लेकिन, हम ऐसा नहीं होने देंगे।”

त्योहारों पर भी राजनीति का आरोप

भाजपा पर तीखा हमला बोलते हुए संजय सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा ने होली, दिवाली और ईद जैसे त्योहारों को भी विवादों से भर दिया है। भाजपा ने सभी त्योहारों का बेड़ा गर्क कर दिया है। कोई भी त्योहार अब शांति से नहीं मनाया जा सकता। हर बार भाजपा और मीडिया देश में नफरत फैलाने में लग जाते हैं।

इतिहास पर भी निशाना

इतिहास को लेकर भी संजय सिंह ने भाजपा पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि बच्चों को भाजपा के नेताओं के अतीत के बारे में भी पढ़ाया जाना चाहिए। आरोप लगाया कि, आरएसएस ने तिरंगे का विरोध किया था। श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अंग्रेजों को पत्र लिखकर स्वतंत्रता संग्राम को कुचलने की बात कही थी। भाजपा के लोग इतिहास पढ़ाने की बात करते हैं, तो ये इतिहास भी पढ़ाया जाना चाहिए।

परिसीमन विवाद क्या है?

गौरतलब है कि लोकसभा सीटों के परिसीमन की प्रक्रिया जल्द शुरू होने वाली है। अगर यह केवल जनसंख्या के आधार पर होता है, तो दक्षिण भारत के राज्यों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इस मुद्दे पर तमिलनाडु से डीएमके सांसद डीएम कथिर आनंद ने संसद में कहा कि परिसीमन में केवल जनसंख्या को आधार न बनाकर प्रति व्यक्ति आय, GST संग्रह, कृषि आय और निर्यात जैसे मानदंडों को भी शामिल किया जाना चाहिए।

DMK की सर्वदलीय बैठक

इस मुद्दे पर DMK ने 22 मार्च को चेन्नई में दक्षिण भारत के सभी प्रमुख दलों की बैठक बुलाई है। इस बैठक का उद्देश्य परिसीमन पर चर्चा करना और केंद्र सरकार के प्रस्तावों पर संयुक्त रणनीति बनाना है।

भाजपा की ओर से अभी इस मुद्दे पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन पार्टी पहले भी परिसीमन को न्यायसंगत प्रक्रिया बताते हुए कह चुकी है कि यह संविधान और लोकतांत्रिक मूल्यों के तहत किया जाएगा। परिसीमन का मुद्दा अब राजनीतिक विवाद का रूप ले चुका है। AAP, DMK और दक्षिण भारत के अन्य दल भाजपा की परिसीमन नीति का विरोध कर रहे हैं। आने वाले दिनों में इस मुद्दे पर राजनीतिक खींचतान और तेज हो सकती है।।


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