साइबर ठगी: 14 महीनों में पुलिस ने 553 जालसाजों को दबोचा, लौटाए 25 करोड़ से अधिक
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (7 मार्च 2025): नोएडा-ग्रेटर नोएडा में साइबर क्राइम के बढ़ते मामलों के बीच पुलिस की कड़ी कार्रवाई जारी है। बीते 14 महीनों में साइबर अपराध से जुड़ी घटनाओं पर शिकंजा कसते हुए गौतमबुद्ध नगर पुलिस ने 553 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया है। इसके साथ ही पुलिस ने ठगी के शिकार हुए लोगों को 25 करोड़ 96 लाख रुपये से अधिक की रकम वापस दिलाई है।
समय रहते शिकायत करने वालों को मिला फायदा
डीसीपी साइबर सुरक्षा प्रीति यादव के अनुसार, नोएडा और ग्रेटर नोएडा में साइबर अपराध की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। लेकिन पुलिस की तत्परता और प्रभावी कार्रवाई के चलते कई पीड़ितों को राहत मिली है। उन्होंने बताया कि यदि कोई व्यक्ति साइबर ठगी का शिकार होता है और समय रहते पुलिस से शिकायत दर्ज करा देता है, तो उसके पैसे वापस मिलने की संभावना काफी बढ़ जाती है।
साइबर क्राइम पुलिस की सख्त कार्रवाई
गौतमबुद्ध नगर पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने बताया कि साइबर अपराधियों के खिलाफ लगातार कड़े कदम उठाए जा रहे हैं। पिछले 14 महीनों में साइबर क्राइम पुलिस व साइबर सेल ने डिजिटल अरेस्ट, निवेश धोखाधड़ी, केवाईसी अपडेट फ्रॉड, बिजली बिल छूट जैसे मामलों में 553 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
इनमें से 87 आरोपियों को डिजिटल अरेस्ट, निवेश फ्रॉड और केवाईसी फ्रॉड में पकड़ा गया, जबकि आईटी एक्ट के तहत 466 जालसाजों पर कार्रवाई हुई। इस दौरान विभिन्न साइबर अपराधों से संबंधित मामलों में 10 करोड़ 32 लाख 28 हजार 231 रुपये वापस कराए गए। इसके अलावा, डिजिटल अरेस्ट से ठगी गई 1 करोड़ 31 लाख 67 हजार 874 रुपये की राशि और आईटी एक्ट के तहत 1 करोड़ 8 लाख 94 हजार 666 रुपये भी पीड़ितों को लौटाए गए।
एनसीआरपी पोर्टल से भी मिल रही मदद
साइबर अपराध से निपटने के लिए सरकार द्वारा बनाए गए एनसीआरपी (National Cybercrime Reporting Portal) पर पिछले 14 महीनों में 29,048 शिकायतें दर्ज हुईं। इन मामलों में कार्रवाई करते हुए पुलिस ने 13 करोड़ 23 लाख 60 हजार 581 रुपये पीड़ितों को वापस कराए। इसके अलावा, साइबर ठगों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे 10,000 से अधिक संदिग्ध मोबाइल नंबरों को भी बंद कराया गया है, जिससे आगे की ठगी को रोका जा सके।
साइबर अपराधों के प्रमुख रूप
नोएडा-ग्रेटर नोएडा में सबसे ज्यादा साइबर ठगी के मामले इन प्रकार के रहे:
इनवेस्टमेंट फ्रॉड: अधिक मुनाफे का झांसा देकर लोगों को फंसाया गया।
पार्ट-टाइम जॉब फ्रॉड: नौकरी देने के नाम पर ठगी की गई।
डिजिटल अरेस्ट: लोगों को झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देकर पैसे वसूले गए।
एयरपोर्ट पार्सल/गिफ्ट फ्रॉड: विदेश से गिफ्ट भेजने का झांसा देकर ठगा गया।
मेट्रिमोनियल फ्रॉड: शादी के नाम पर आर्थिक ठगी की गई।
लोन फ्रॉड: आसान कर्ज देने के बहाने पैसे ऐंठे गए।
सोशल इंजीनियरिंग फ्रॉड: रिश्तेदार या परिचित के नाम पर जालसाजी की गई।
फिशिंग: फर्जी वेबसाइट या ईमेल के जरिए बैंकिंग डिटेल चुराई गई।
पुलिस की अपील: सावधानी ही सुरक्षा है।
पुलिस कमिश्नर लक्ष्मी सिंह ने नागरिकों से साइबर ठगों के जाल में न फंसने की अपील करते हुए कहा कि किसी भी अनजान कॉल, एसएमएस या लिंक पर भरोसा न करें। साथ ही, किसी भी तरह की साइबर ठगी होने पर तुरंत 1930 हेल्पलाइन नंबर या साइबर क्राइम पोर्टल (www.cybercrime.gov.in) पर शिकायत दर्ज कराएं। उन्होंने कहा, अगर लोग डर और लालच से बचें और सतर्कता बरतें, तो साइबर ठगी से बचा जा सकता है। पुलिस की लगातार कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि साइबर अपराधियों पर नकेल कसने के लिए सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन आम जनता को भी सतर्क रहने की जरूरत है।।
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