दिल्ली मेट्रो का बड़ा माइलस्टोन: वसंत कुंज में टनलिंग ब्रेकथ्रू, फेज-4 का काम तेज़ी से जारी
टेन न्यूज़ नेटवर्क
नई दिल्ली (06 मार्च 2025): दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) ने फेज-4 के तहत एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल करते हुए तुगलकाबाद-एरोसिटी कॉरिडोर पर किशनगढ़ से वसंत कुंज मेट्रो स्टेशन के बीच भूमिगत सुरंग का निर्माण पूरा कर लिया है। यह ब्रेकथ्रू दिल्ली मेट्रो के विस्तार के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जिससे शहर में यातायात की सुगमता बढ़ेगी।
टनल बोरिंग मशीन (TBM) ने बृहस्पतिवार सुबह वसंत कुंज मेट्रो स्टेशन पर सफलता पूर्वक 1550 मीटर लंबी सुरंग की खुदाई पूरी की। इस ऐतिहासिक अवसर पर केंद्रीय आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल और राज्य मंत्री तोखन साहू भी उपस्थित थे। 91 मीटर लंबी TBM मशीन का उपयोग करके यह कार्य पूरा किया गया। इस कॉरिडोर में दो समानांतर सुरंगें बनाई जा रही हैं, जिनमें से दूसरी सुरंग का ब्रेकथ्रू जून 2025 में होने की योजना है।
भूमिगत निर्माण की प्रमुख विशेषताएँ
नई सुरंग को औसतन 23 मीटर की गहराई पर बनाया गया है, जिसमें न्यूनतम गहराई 15.7 मीटर और अधिकतम गहराई 30.2 मीटर है। इस सुरंग के निर्माण में 1107 सुरंग रिंग्स स्थापित किए गए, जिनका आंतरिक व्यास 5.8 मीटर है। टनल बोरिंग मशीन (TBM) की मदद से भूमिगत खुदाई करते समय किसी भी प्रकार के कंपन या अव्यवस्था से बचने के लिए अर्थ प्रेशर बैलेंसिंग मेथड (EPBM) तकनीक का उपयोग किया गया। सुरंग की दीवारों को मजबूती देने के लिए प्री-कास्ट कंक्रीट टनल रिंग्स का उपयोग किया गया, जिन्हें मुंडका स्थित पूरी तरह स्वचालित कास्टिंग यार्ड में तैयार किया गया था। इन रिंग्स को अधिक मजबूती प्रदान करने के लिए स्टीम क्योरिंग सिस्टम से ट्रीट किया गया।
टनलिंग के दौरान आई चुनौतियाँ
टनलिंग ड्राइव की शुरुआत 30 अक्टूबर 2023 को हुई थी। इस दौरान माइका, कठोर चट्टानें और तीव्र ढलान जैसी भूगर्भीय चुनौतियाँ सामने आईं। हालांकि, DMRC की टीम ने अत्याधुनिक तकनीकों और सावधानियों का पालन करते हुए इस कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। सुरंग के ऊपर स्थित इमारतों और अन्य संरचनाओं की स्थिरता बनाए रखने के लिए हाई-सेंसिटिविटी उपकरणों से लगातार निगरानी की गई, जिससे जमीन धंसने या कंपन जैसी कोई समस्या उत्पन्न नहीं हुई। फेज-4 के तहत अब तक स्वीकृत 40.109 किलोमीटर भूमिगत लाइन का निर्माण किया जा रहा है। इसमें एरोसिटी-तुगलकाबाद कॉरिडोर का भूमिगत हिस्सा 19.343 किलोमीटर लंबा होगा। DMRC इस परियोजना के माध्यम से दिल्ली के मेट्रो नेटवर्क को और सशक्त बना रहा है, जिससे यात्रियों को आधुनिक और कुशल परिवहन सेवा मिल सके।
टनल बोरिंग मशीन (TBM) का उपयोग
टनल बोरिंग मशीन (TBM) एक उन्नत तकनीक है, जो कठोर चट्टानों से लेकर रेतीली मिट्टी तक हर प्रकार की सतह पर भूमिगत सुरंगें खोद सकती है। यह मशीन बिल्डिंगों और सतह की अन्य संरचनाओं को बिना किसी नुकसान के टनल निर्माण करने में सक्षम है। DMRC ने फेज-1 से ही TBM तकनीक का उपयोग किया है। फेज-3 के दौरान जब लगभग 50 किलोमीटर भूमिगत मार्ग का निर्माण किया गया था, तब 30 TBM मशीनों को तैनात किया गया था। दिल्ली जैसे घनी आबादी वाले शहरी क्षेत्रों में यह तकनीक बेहद कारगर साबित हो रही है।
यात्रियों को मिलेगा बड़ा फायदा
यह सफलता दिल्ली मेट्रो के विस्तार और यात्रियों की सुविधा बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जैसे-जैसे फेज-4 का काम पूरा होगा, दिल्ली मेट्रो का नेटवर्क और मजबूत होगा। इससे लाखों यात्रियों को बेहतर कनेक्टिविटी, तेज़ सफर और सुरक्षित यात्रा का अनुभव मिलेगा। इस उपलब्धि के साथ DMRC दिल्ली को विश्वस्तरीय मेट्रो नेटवर्क प्रदान करने के लक्ष्य की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।