दिल्ली में ट्रैफिक जाम पर गृह मंत्री की सख्ती, पुलिस ने बनाई 90 दिनों की कार्ययोजना

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (06 मार्च 2025): राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में लगातार बढ़ते ट्रैफिक जाम की समस्या पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सख्त रुख अपनाया है। हाल ही में उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, दिल्ली पुलिस आयुक्त और अन्य निकाय प्रमुखों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में गृह मंत्री ने पूछा कि आखिर दिल्ली की सड़कों पर इतना भारी जाम क्यों लगता है, खासकर वीआईपी इलाकों में। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इस समस्या को जल्द से जल्द हल किया जाए और जनता को राहत दी जाए।

दिल्ली पुलिस ने बताई जाम की असली वजह

गृह मंत्री के सवाल के जवाब में दिल्ली पुलिस ने बताया कि राजधानी की ट्रैफिक समस्या का मुख्य कारण सड़कों की खराब “सोशल इंजीनियरिंग” है। पुलिस के अनुसार, कई सड़कों का डिज़ाइन दोषपूर्ण है, जिससे वहां आसानी से जाम लग जाता है। बस स्टैंडों का गलत स्थान पर होना, अव्यवस्थित वेंडिंग ज़ोन, अतिक्रमण, अवैध पार्किंग और अवरोधक इस समस्या को और बढ़ा रहे हैं। दिल्ली पुलिस ने इस मुद्दे से निपटने के लिए 90 दिनों की एक कार्ययोजना तैयार की है, जिसमें विभिन्न सुधार किए जाएंगे। दिल्ली पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, ट्रैफिक जाम के पीछे कई प्रमुख कारण हैं। गलत तरीके से बनाए गए बस स्टैंड, जो अक्सर ट्रैफिक लाइट्स और फुटओवर ब्रिज के पास होते हैं।सड़कों की खराब स्थिति, जिनमें गड्ढे, जलभराव और अवरोधक शामिल हैं। पैदल यात्रियों के लिए रोड क्रॉसिंग सुविधाओं का अभाव, जिससे लोग ट्रैफिक रोककर सड़क पार करते हैं।पर्याप्त साइनेज (सड़क संकेत) न होने के कारण वाहनों की अव्यवस्थित आवाजाही। बिजली के खंभों, ट्रांसफार्मरों और धार्मिक स्थलों का गलत स्थान पर होना।

90 दिनों में ट्रैफिक सुधार के लिए 25 बिंदुओं की योजना

दिल्ली पुलिस ने 90 दिनों की कार्ययोजना के तहत 25 अहम सुधार बिंदुओं को शामिल किया है। इनमें प्रमुख रूप से बस स्टैंडों को सही स्थान पर लगाना, सड़कों की मरम्मत, जल निकासी व्यवस्था दुरुस्त करना, सड़क संकेत और जेब्रा क्रॉसिंग लगाना, अवैध पार्किंग को हटाना, वेंडिंग ज़ोन को पुनर्गठित करना, अंडरपास और फुटओवर ब्रिज का सही इस्तेमाल सुनिश्चित करना शामिल हैं। इसके अलावा, आवारा पशुओं को हटाने, सड़कों पर कट को खोलने और बंद करने, और ट्रैफिक प्रभावित क्षेत्रों में नई नीतियां बनाने पर भी काम किया जाएगा। दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त दिनेश कुमार ने बताया कि 114 प्रमुख स्थानों का निरीक्षण किया गया, जहां अक्सर जाम लगता है। निरीक्षण में पाया गया कि अधिकतर बस स्टैंड गलत स्थानों पर हैं, जिससे वाहनों का बहाव बाधित होता है। इसके अलावा, कई सड़कों पर बिजली के पोल, अवैध निर्माण, साप्ताहिक बाजार और धार्मिक ढांचे भी ट्रैफिक जाम की समस्या को बढ़ाते हैं। पुलिस ने यह भी पाया कि फुटओवर ब्रिज होने के बावजूद लोग सड़क पर चलकर ट्रैफिक जाम का कारण बनते हैं।

दिल्ली पुलिस द्वारा तैयार की गई 90 दिनों की कार्ययोजना से उम्मीद की जा रही है कि इससे राजधानी की ट्रैफिक व्यवस्था में सुधार होगा। हालांकि, ट्रैफिक जाम की समस्या केवल प्रशासनिक सुधारों से नहीं सुलझ सकती, बल्कि जनता को भी ट्रैफिक नियमों का पालन करना होगा। अगर पुलिस, नगर निगम और आम नागरिक मिलकर काम करें, तो दिल्ली की सड़कों पर जाम की समस्या को काफी हद तक नियंत्रित किया जा सकता है। गृह मंत्री के निर्देशों के बाद अब देखना होगा कि क्या इस कार्ययोजना से दिल्ली की जनता को जाम से राहत मिल पाती है या नहीं।


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