दिल्ली में AI तकनीक से पुरानी गाड़ियों की होगी निगरानी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (03 मार्च 2025): दिल्ली में वायु प्रदूषण (Air Pollution) को कम करने के लिए सरकार ने 1 अप्रैल से 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल नहीं देने का फैसला किया है। इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए ट्रांसपोर्ट विभाग (Transport Department) सभी पेट्रोल पंपों पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) आधारित ऑटोमेटेड पहचान प्रणाली लगा रहा है। यह प्रणाली पुरानी गाड़ियों की पहचान करेगी और उन्हें ईंधन भरने से रोका जाएगा। परिवहन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा (Transport Minister Manjinder Singh Sirsa) ने शनिवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा कि यह कदम प्रदूषण नियंत्रण (Pollution Control) और नियमों को सख्ती से लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

AI कैमरों से होगी गाड़ियों की पहचान

अब तक पुरानी गाड़ियों की पहचान ट्रैफिक पुलिस और परिवहन विभाग की चेकिंग के दौरान दस्तावेजों की जांच करके की जाती थी। लेकिन पेट्रोल पंपों पर, जहां रोजाना हजारों गाड़ियां आती हैं, वहां यह तरीका व्यवहारिक रूप से संभव नहीं था। इसी समस्या का हल निकालते हुए दिल्ली सरकार ने ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) तकनीक से लैस कैमरे लगाने का निर्णय लिया है। ये AI-आधारित कैमरे गाड़ियों की नंबर प्लेट को स्कैन करके उनकी उम्र और वैधता की तुरंत पहचान कर लेंगे। ये स्मार्ट कैमरे सीधे दिल्ली ट्रांसपोर्ट विभाग के सर्वर से जुड़े होंगे। जैसे ही कोई गाड़ी पेट्रोल पंप पर पहुंचेगी, कैमरे उसकी नंबर प्लेट स्कैन करेंगे और डेटाबेस से मिलान करके उसकी उम्र और वैध PUC (पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल) सर्टिफिकेट की स्थिति की जांच करेंगे। अगर कोई गाड़ी 15 साल से पुरानी होगी या उसके पास वैध PUC नहीं होगा, तो सिस्टम तुरंत अलर्ट देगा। पेट्रोल पंप पर लगी स्क्रीन पर गाड़ी का नंबर और अलर्ट संदेश दिखेगा, जिससे पंप स्टाफ उस गाड़ी को पेट्रोल देने से रोक सकेगा।

पुरानी गाड़ियों को जब्त कर स्क्रैप किया जाएगा

दिल्ली सरकार पहले ही 10 साल पुरानी डीजल और 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को सड़कों से हटाने के लिए अभियान चला रही है। परिवहन विभाग ऐसे वाहनों को डी-रजिस्टर्ड कर रहा है और पकड़े जाने पर उन्हें स्क्रैप सेंटर भेजने की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। AI सिस्टम लागू होने के बाद इन गाड़ियों को पकड़ना और भी आसान और तेज हो जाएगा। अधिकारियों के मुताबिक, गाड़ी मालिकों को नोटिस भेजने की प्रक्रिया भी डिजिटल तरीके से होगी। दिल्ली में कुल 402 पेट्रोल पंप हैं, जिनमें से 367 पर यह AI-आधारित कैमरा सिस्टम पहले ही स्थापित किया जा चुका है। मार्च के अंत तक शेष 35 पेट्रोल पंपों पर भी यह तकनीक लागू कर दी जाएगी। एक बार जब यह प्रणाली पूरी तरह से काम करने लगेगी, तो सरकार को उम्मीद है कि दिल्ली की सड़कों से ओवरएज गाड़ियां जल्द ही हट जाएंगी, जिससे प्रदूषण स्तर में कमी आएगी।

प्रदूषण नियंत्रण और यातायात नियमों को मिलेगी मजबूती

परिवहन अधिकारियों का मानना है कि यह नया सिस्टम न केवल पुरानी गाड़ियों को हटाने में मदद करेगा बल्कि बिना वैध PUC प्रमाणपत्र के चल रही गाड़ियों की भी पहचान करेगा। सरकार पहले ही पुरानी गाड़ियों के पुनः रजिस्ट्रेशन पर प्रतिबंध लगा चुकी है, लेकिन अब इस नई तकनीक से नियमों को और सख्ती से लागू किया जाएगा । इस नए नियम के चलते दिल्ली में लाखों वाहन मालिकों के सामने नई चुनौती आ सकती है। जिनके पास 15 साल पुरानी पेट्रोल गाड़ियां हैं, उन्हें जल्द ही वैकल्पिक व्यवस्था करनी होगी। सरकार गाड़ी मालिकों को पुराने वाहनों को स्क्रैप कराने और इलेक्ट्रिक या नए वाहनों में अपग्रेड करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है।

परिवहन मंत्री बोले – यह नियम दिल्ली के लिए आवश्यक

परिवहन मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि यह कदम दिल्ली में प्रदूषण को नियंत्रित करने और यातायात नियमों को प्रभावी बनाने के लिए अनिवार्य था। उन्होंने कहा, “AI आधारित यह नई प्रणाली सुनिश्चित करेगी कि पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहन दिल्ली की सड़कों पर न चलें। सरकार की प्राथमिकता एक स्वच्छ और हरित राजधानी बनाना है।” 1 अप्रैल के बाद दिल्ली में 15 साल से पुरानी पेट्रोल गाड़ियों को पेट्रोल नहीं मिलेगा और AI तकनीक से इनकी पहचान और निगरानी की जाएगी। सरकार की यह पहल प्रदूषण नियंत्रण और यातायात नियमों के सख्ती से पालन में मील का पत्थर साबित हो सकती है।।


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