निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ CoRWA की नई पहल, शिक्षा क्षेत्र में सुधार की मांग

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (7 दिसंबर 2024): इस्कॉन मंदिर, ईस्ट ऑफ कैलाश में आज CoRWA (आरडब्ल्यूए का अखिल भारतीय राष्ट्रीय शीर्ष निकाय) की राष्ट्रीय कार्यकारी समिति की बैठक आयोजित की गई। यह बैठक देशभर के नागरिक संगठनों को एकजुट करने और सामाजिक मुद्दों पर सक्रिय कार्रवाई की दिशा में महत्वपूर्ण रही।

CoRWA, जो 2012 से विशाखापत्तनम, त्रिवेंद्रम, मुंबई, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और दिल्ली समेत देश के कई शहरों में RWAs के राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रहा है, ने शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ अभियान चलाने का निर्णय लिया है।

निजी स्कूलों पर कड़ी आलोचना

CoRWA के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेंद्र पाल त्यागी ने कहा, “निजी स्कूल अब मुनाफा कमाने वाली व्यावसायिक दुकानें बन चुके हैं। इन स्कूलों की फीस और किताबों का बोझ इतना बढ़ गया है कि माता-पिता अपने बच्चों को इनमें दाखिला दिलाकर खुद को आर्थिक संकट में डाल रहे हैं।” उन्होंने दिल्ली पब्लिक स्कूल की 200 से अधिक शाखाओं को विशेष रूप से निशाने पर लेते हुए कहा कि इन स्कूलों ने नियमों का उल्लंघन करते हुए गरीब बच्चों को दाखिला देने से इनकार किया है।

त्यागी ने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में ऐसे स्कूलों को आवंटित जमीन के संबंध में कड़े निर्णय दिए हैं। उन्होंने मांग की कि इन स्कूलों की मान्यता रद्द की जानी चाहिए और शिक्षा में मुनाफाखोरी को रोका जाना चाहिए।

एनसीईआरटी किताबें अनिवार्य करने की मांग

CoRWA के महासचिव बीटी श्रीनिवासन ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में निजी स्कूलों का शोषण बढ़ता जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकारी निर्देशों के अनुसार कक्षा 1 से 11 तक एनसीईआरटी या एससीईआरटी की किताबों का उपयोग अनिवार्य किया जाना चाहिए। “निजी स्कूल अपनी महंगी किताबें और यूनिफॉर्म थोपकर संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन कर रहे हैं,” श्रीनिवासन ने कहा।

उन्होंने सभी निजी स्कूलों से अपील की कि वे अपने पाठ्यक्रम में एनसीईआरटी या संबंधित राज्य द्वारा निर्धारित पुस्तकें लागू करें। यदि ऐसा नहीं होता, तो CoRWA देशभर के अभिभावकों से इन नीतियों के खिलाफ आवाज उठाने की अपील करेगा।

अखिल भारतीय समर्थन

बैठक में तमिलनाडु, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल, दिल्ली और उत्तर प्रदेश से आए प्रतिनिधियों ने एक स्वर में निजी स्कूलों को एनसीईआरटी किताबें लागू करने की बात कही। बैठक में जेएमएस नागार्जुनन, नीलकन्नन, सेरालाथन, जीएसई प्रसाद, केएचएस सरमा, डॉ. केएसआर मूर्ति, रूबी मखीजा, उर्वशी वालिया, राजीव जॉली और अन्य प्रमुख प्रतिनिधियों ने भाग लिया।

आगे की योजना

CoRWA ने वर्ष 2025 में शिक्षा क्षेत्र में सुधार को प्राथमिकता देते हुए निजी स्कूलों की मनमानी को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का संकल्प लिया है। साथ ही, यह अभिभावकों को उचित शिक्षा और आर्थिक राहत दिलाने के लिए प्रतिबद्ध है।

CoRWA की इस पहल से नागरिक समाज में शिक्षा क्षेत्र को लेकर एक नई जागरूकता और सक्रियता की उम्मीद की जा रही है।।


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