नई दिल्ली (28 फरवरी 2025): आम आदमी पार्टी (AAP) की नेता एवं दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष आतिशी (Atishi) ने भारतीय जनता पार्टी (BJP) पर दिल्ली में “अघोषित आपातकाल(Emergency)” लगाने का आरोप लगाया है। आतिशी का कहना है कि बीजेपी की तानाशाही सरकार विपक्ष की आवाज दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है। मुझे और अन्य AAP विधायकों को विधानसभा जाने से रोका गया, जिससे यह साफ दिखता है कि लोकतंत्र पर हमला किया जा रहा है।बीजेपी(BJP) विपक्ष को चुप कराने के लिए दिल्ली पुलिस का दुरुपयोग कर रही है।
विधानसभा में विपक्ष की नेता आतिशी ने दावा किया कि उनके कई विधायकों को उनके घरों से 20-30 किलोमीटर दूर ही रोक दिया गया, जिससे वे विधानसभा सत्र में शामिल नहीं हो सके। यह न केवल असंवैधानिक है, बल्कि जनता द्वारा चुने गए प्रतिनिधियों को उनके कर्तव्यों से रोकने की साजिश भी है। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी इसे सीधे तौर पर लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला बताया। आतिशी ने कहा कि दिल्ली विधानसभा में बाबा साहेब आंबेडकर और भगत सिंह की तस्वीरें हटाने के बाद अब बीजेपी सरकार ने बाबा साहेब के नारे लगाने पर AAP विधायकों को निलंबित कर दिया। इतना ही नहीं, अब विधानसभा में घुसने से रोकने के लिए पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। लोकतांत्रिक प्रक्रियाओं का अपमान करार देते हुए बीजेपी पर संविधान विरोधी रवैया अपनाने का आरोप लगाया। दिल्ली पुलिस पूरी तरह से बीजेपी के इशारे पर काम कर रही है और विपक्ष को दबाने के लिए गुंडागर्दी पर उतर आई है। सत्ता के नशे में चूर बीजेपी पुलिस बल का गलत इस्तेमाल कर रही है और विधानसभा परिसर को छावनी में बदल दिया गया है। इसके अलावा, मीडिया को भी अंदर जाने से रोका गया, जो प्रेस की स्वतंत्रता पर भी सीधा हमला है। इस दौरान आतिशी मार्लेना और दिल्ली पुलिस के अधिकारियों के बीच नोंक –झोंक करते। हुए देखा जा रहा है। AAP द्वारा जारी किए गए वीडियो में देखा जा रहा है कि आतिशी दिल्ली पुलिस के अधिकारियों से उन्हें विधानसभा परिसर से बाहर रोके जाने के मातहत आदेश की प्रति मांगते दिख रही है, लेकिन इस दौरान पुलिस अधिकारी द्वारा उनको बताया जा रहा है कि यह विधानसभा अध्यक्ष का आदेश है।
दिल्ली विधानसभा में विपक्ष को रोके जाने के विरोध में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं और समर्थकों ने सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन किया। पार्टी नेताओं ने बीजेपी सरकार पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाया और इसे “तानाशाही” करार दिया। उन्होंने कहा कि वे इस अन्याय के खिलाफ हर कानूनी और संवैधानिक रास्ता अपनाएंगे।
इस घटना से दिल्ली की राजनीति में तनाव और बढ़ सकता है। AAP सरकार पहले ही केंद्र सरकार और उपराज्यपाल के साथ कई मुद्दों पर टकराव में रही है। अब विधानसभा में विपक्ष में आने के बाद भी उन्हें रोके जाने से यह टकराव और गहरा सकता है। AAP ने संकेत दिया है कि वह इस मुद्दे को अदालत तक ले जाने से भी पीछे नहीं हटेगी।
अब सवाल यह है कि आगे क्या होगा? क्या AAP इस मामले को अदालत में ले जाकर बीजेपी को कानूनी चुनौती देगी, या फिर सड़कों पर प्रदर्शन को और तेज करेगी? क्या बीजेपी इस पर कोई सफाई देगी या विपक्ष के दावों को खारिज करेगी? फिलहाल, दिल्ली की राजनीति में यह विवाद बड़ा मोड़ ले सकता है और आने वाले दिनों में इसे लेकर और उथल-पुथल देखने को मिल सकती है।।
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