राजधानी में आतंकी गिरोह पर प्रहार, परवेज अहमद खान गिरफ्तार

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (28 फरवरी 2025): जम्मू-कश्मीर पुलिस के काउंटर इंटेलिजेंस विंग (CIK) ने दिल्ली पुलिस की मदद से एक बड़े आतंकी फंडिंग नेटवर्क के ऑपरेटर परवेज अहमद खान उर्फ पीके उर्फ शेख तजम्मुल इस्लाम उर्फ खालिद को गिरफ्तार किया है। परवेज पिछले 12 दिनों से हजरत निजामुद्दीन के द फजर रेजीडेंसी गेस्ट हाउस में रह रहा था और दिल्ली व चंडीगढ़ में शॉल बेचने की आड़ में आतंकी संगठनों को फंडिंग व लॉजिस्टिक सहायता मुहैया करा रहा था।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, परवेज अहमद खान पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI के निर्देशों पर काम कर रहा था और उसने एक संगठित आतंकी फंडिंग नेटवर्क तैयार किया था। यह नेटवर्क दुबई, ओमान, सऊदी अरब, तुर्किये, पाकिस्तान और यूरोपीय देशों से कश्मीर में आतंकियों के लिए पैसा और हथियारों की आपूर्ति करता था। इस नेटवर्क के जरिए पाकिस्तान में बैठे आतंकी सरगनाओं से फंडिंग सीधे कश्मीर में सक्रिय आतंकियों तक पहुंचाई जाती थी।

जम्मू-कश्मीर पुलिस के CIK विंग ने 2023 में आतंकी फंडिंग से जुड़े एक मामले की जांच शुरू की थी। छानबीन के दौरान यह पता चला कि परवेज अहमद खान आतंकियों की फंडिंग का मुख्य संचालक है। परवेज को पकड़ना आसान नहीं था क्योंकि वह फर्जी नामों और कोड वर्ड्स का इस्तेमाल करता था और नेटवर्क के अन्य सदस्यों से सीधा संपर्क करने से बचता था। जांच के दौरान जब CIK को परवेज की गतिविधियों की पुख्ता जानकारी मिली, तो उसे पूछताछ के लिए तलब किया गया। लेकिन जैसे ही उसे अपने पकड़े जाने का आभास हुआ, वह अचानक श्रीनगर से गायब हो गया और अपने परिवार से भी संपर्क तोड़ लिया। इसके बाद CIK ने उसकी गिरफ्तारी के लिए स्थानीय अदालत से वारंट जारी करवाया और उसके करीबी रिश्तेदारों और दोस्तों पर निगरानी शुरू कर दी। सोशल मीडिया पर भी उसकी गतिविधियों पर नजर रखी गई।

दिल्ली में छिपकर विदेश भागने की फिराक में था परवेज

जांच के दौरान सुरक्षाबलों को पता चला कि परवेज दिल्ली में छिपा हुआ है और किसी भी समय विदेश भागने की योजना बना रहा है। इस इनपुट के आधार पर जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक दल दिल्ली पहुंचा और दिल्ली पुलिस की मदद से हजरत निजामुद्दीन इलाके में स्थित द फजर रेजीडेंसी गेस्ट हाउस में छापा मारा, जहां से परवेज को गिरफ्तार कर लिया गया।फिलहाल उसे ट्रांजिट रिमांड पर जम्मू-कश्मीर ले जाया गया है, जहां उससे आगे की पूछताछ की जाएगी।

ISI के समर्थन से तैयार किया गया था यह आतंकी फंडिंग नेटवर्क

CIK के अनुसार, ISI और पाकिस्तान में बैठे आतंकी संगठनों ने कश्मीर में आतंकी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए नया फंडिंग नेटवर्क तैयार किया था। इस नेटवर्क का मुख्य उद्देश्य हवाला चैनलों और अन्य माध्यमों से कश्मीर में आतंकियों के लिए पैसा और लॉजिस्टिक सपोर्ट जुटाना था। परवेज इस नेटवर्क के अहम सदस्यों में से एक था और वह शॉल बेचने की आड़ में आतंकी संगठनों तक पैसा पहुंचाने का काम कर रहा था। वह खासतौर पर हवाला लेन-देन, नकदी के रूप में पैसे ट्रांसफर करने और अन्य साधनों के जरिए आतंकियों को आर्थिक सहायता देने में माहिर था।

पहले भी हो चुकी हैं आतंकी संपत्तियों की जब्ती

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में आतंकी फंडिंग के खिलाफ चलाए जा रहे ऑपरेशन के तहत पिछले हफ्ते ही पुलिस ने कुपवाड़ा जिले में 2011 के एक मामले में आतंकी ताहिर अहमद पीर और मोहम्मद रमजान गनी की लाखों रुपये की संपत्तियां जब्त की थीं। इन संपत्तियों में तीन कनाल और 12 मरला जमीन शामिल थी।

परवेज अहमद खान की गिरफ्तारी से पाकिस्तान समर्थित आतंकी फंडिंग नेटवर्क का एक बड़ा खुलासा हुआ है। यह गिरफ्तारी सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है क्योंकि इस नेटवर्क के जरिए कश्मीर में आतंकियों को न सिर्फ आर्थिक मदद, बल्कि हथियार और अन्य जरूरी संसाधन भी मिल रहे थे। अब CIK और अन्य सुरक्षा एजेंसियां इस पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश करने के लिए आगे की जांच में जुट गई हैं और परवेज से पूछताछ के आधार पर अन्य संदिग्धों को भी जल्द गिरफ्तार किया जा सकता है। यह ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ भारत की सख्त नीति और सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता को दर्शाता है, जिससे देश की सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी।।


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