चीन के साइबर ठगों संग मिलकर करोड़ों की ठगी करने वाले दो आरोपी गिरफ्तार

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (27 फरवरी 2025): उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने चीन के नागरिकों के साथ मिलकर साइबर ठगी करने वाले गिरोह के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। ये आरोपी डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग और ट्रेडिंग एप्स के माध्यम से लोगों को ठगते थे। एसटीएफ ने आरोपियों के कब्जे से 14 डेबिट व क्रेडिट कार्ड, तीन आधार कार्ड, एक पैन कार्ड, एक ड्राइविंग लाइसेंस, सात मोबाइल फोन और चार लाख रुपये नकद बरामद किए हैं। गिरफ्तार आरोपियों की पहचान रोहन अग्रवाल (29) निवासी प्रयागराज और हर्ष वर्धन गुप्ता (28) निवासी कानपुर के रूप में हुई है। हर्ष वर्धन छत्तीसगढ़ की कलिंगा यूनिवर्सिटी से बीएएलएलबी का छात्र है, जबकि रोहन ने 12वीं तक की पढ़ाई की है।

गिरफ्तारी से पहले तीन अन्य आरोपी भी पकड़े गए थे

एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि 12 फरवरी को इस गिरोह के तीन सदस्यों को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका था। पूछताछ के दौरान खुलासा हुआ कि ये आरोपी चीन में बैठे साइबर ठगों के लिए भारतीय नागरिकों के बैंक खाते उपलब्ध करा रहे थे। इनकी गिरफ्तारी के बाद एसटीएफ गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश कर रही थी। इसी क्रम में मंगलवार को नोएडा के सूरजपुर कोतवाली क्षेत्र से रोहन और हर्ष वर्धन को गिरफ्तार किया गया।

सट्टेबाजी से बना साइबर ठग

जांच के दौरान पता चला कि रोहन पहले सट्टा खेलता था, जहां उसकी मुलाकात कानपुर निवासी आमिर से हुई थी। आमिर के जरिए वह एक ऐसे गिरोह के संपर्क में आया, जो कमीशन पर चीन के नागरिकों को भारतीय बैंक खातों की जानकारी मुहैया कराता था। बाद में रोहन ने टेलीग्राम एप के जरिए चीन के ठगों से सीधा संपर्क बना लिया और बड़ी संख्या में भारतीय खातों की जानकारी उन्हें देनी शुरू कर दी।

खातों का दुरुपयोग और ठगी का तरीका

एसटीएफ के अनुसार, चीन के साइबर ठग भारतीय बैंक खातों को अपने एप से लिंक कर लेते थे। ये ठग एक “ड्रेगन मैसेज एप” डाउनलोड कराते थे, जो खाता धारक के रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आने वाले OTP (वन-टाइम पासवर्ड) को अपने आप पढ़ लेता था। इसके बाद, “फिन एप” के माध्यम से खाते से पैसे ट्रांसफर किए जाते थे। यह एप API (एप्लिकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस) टूल से जुड़ा होता है, जिससे बैंकिंग लेन-देन स्वतः हो जाता था। इस ठगी के जरिए प्राप्त रकम को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर विदेश भेज दिया जाता था। गिरोह के भारतीय सदस्य डॉलर या नकदी के रूप में अपना कमीशन प्राप्त करते थे।

रोहन के खाते में आए 3.49 करोड़ रुपये

पूछताछ के दौरान आरोपी रोहन ने स्वीकार किया कि नवंबर 2024 से अब तक उसके बैंक खाते में 3.49 करोड़ रुपये आ चुके हैं। यह धनराशि चीन के साइबर ठगों से प्राप्त हुई थी। वह इसे हवाला के जरिए नकद में बदलवा लेता था। एसटीएफ को आरोपियों के पास से 150 बैंक खातों की जानकारी मिली है, जिनका उपयोग साइबर ठगी के लिए किया जा रहा था। ये खाते देशभर में साइबर अपराधों में संलिप्त पाए गए हैं।

देशभर में 471 से अधिक मामले दर्ज

एसटीएफ की जांच में पता चला कि इन बैंक खातों से जुड़े साइबर अपराधों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, तेलंगाना, तमिलनाडु, कर्नाटक, केरल, ओडिशा, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों में कुल 471 मामले दर्ज हैं।

एसटीएफ अधिकारियों ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश की जा रही है। यह जांच इस दिशा में भी की जा रही है कि चीन के ठगों के संपर्क में और कौन-कौन लोग शामिल हैं और इस नेटवर्क का असली मास्टरमाइंड कौन है। एसटीएफ का कहना है कि साइबर ठगी के मामलों में शामिल लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी और उनके नेटवर्क को पूरी तरह खत्म किया जाएगा।


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