नोएडा में गड्ढे न भरने वाले ठेकेदारों पर होगी सख्त कार्रवाई

टेन न्यूज नेटवर्क

नोएडा (27 फरवरी 2025): नोएडा में बिजली केबल डालने के बाद ठेकेदारों द्वारा गड्ढे न भरने की लापरवाही अब भारी पड़ सकती है। क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (RPCB) ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPPCL) को पत्र लिखकर ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड का कहना है कि यदि निगम खुद उचित कार्रवाई नहीं करता, तो वह लगातार इस मुद्दे पर हस्तक्षेप करता रहेगा।

निर्माण कार्य की अनदेखी से बढ़ रहा प्रदूषण और दुर्घटनाओं का खतरा

प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों द्वारा हाल ही में किए गए निरीक्षण में पाया गया कि बिजली की लाइनें बिछाने के लिए ठेकेदारों द्वारा सड़कों की खुदाई की गई थी, लेकिन काम पूरा होने के बाद इन गड्ढों को भरने की जहमत नहीं उठाई गई। इस वजह से खुले गड्ढों से दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ गया है। राहगीरों के गिरने की आशंका बनी रहती है, जबकि वाहनों की आवाजाही से मिट्टी और धूल उड़कर वायु प्रदूषण को और बढ़ा रही है।

बोर्ड के अनुसार, नियमों के तहत खुदाई से निकली मिट्टी को खुले में नहीं छोड़ना चाहिए। इसे ग्रीन शेड से ढकने का प्रावधान है, ताकि धूल उड़ने से प्रदूषण न हो, लेकिन ठेकेदार इस नियम का पालन नहीं कर रहे हैं। इसके अलावा, कई जगहों पर केबल भी खुले में छोड़ दिए गए हैं, जिससे अव्यवस्था फैल रही है।

UPPCL को पत्र लिखकर दिए गए निर्देश, अधिकारियों ने साधी चुप्पी

इस लापरवाही को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने यूपीपीसीएल के मुख्य अभियंता को पत्र भेजकर दोषी ठेकेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा है। क्षेत्रीय अधिकारी उत्सव शर्मा ने कहा, यदि निगम अपने ठेकेदारों पर कार्रवाई नहीं करता, तो हम लगातार इस मुद्दे को उठाते रहेंगे और आवश्यक कदम उठाएंगे। हालांकि, जब इस मुद्दे पर यूपीपीसीएल के मुख्य अभियंता हरीश बंसल से संपर्क करने की कोशिश की गई, तो उन्होंने फोन नहीं उठाया। यहां तक कि मैसेज करने के बावजूद कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली।

प्रदूषण नियंत्रण के लिए सख्त कदम जरूरी

नोएडा में निर्माण कार्यों के दौरान बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए यह जरूरी हो गया है कि संबंधित विभाग और अधिकारी अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से लें। यदि समय पर गड्ढे नहीं भरे गए और नियमों का पालन नहीं किया गया, तो यह न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगा, बल्कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए भी खतरा बन सकता है। अब देखने वाली बात होगी कि यूपीपीसीएल इस मुद्दे पर क्या कार्रवाई करता है, या फिर यह मामला भी अन्य शिकायतों की तरह ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।।


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