नई दिल्ली (26 फरवरी 2025): दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास “शीशमहल” को लेकर एक बार फिर विवाद खड़ा हो गया है। भाजपा ने आरटीआई रिपोर्ट के आधार पर दावा किया है कि केजरीवाल के आवास पर अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक कुल 41.5 लाख रुपये का बिजली बिल आया, जो एक आम आदमी की औसत खपत से तीन गुना ज्यादा है। इस मुद्दे पर भाजपा ने केजरीवाल को घेरते हुए आरोप लगाया कि वे आम आदमी के लिए नहीं, बल्कि “बिजलीवाल” बन चुके हैं।
आरटीआई से खुलासा, रोजाना 770 यूनिट की खपत
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक आरटीआई रिपोर्ट जो RTI एक्टिविस्ट कन्हैया कुमार द्वारा दायर किया गया था, का हवाला देते हुए दावा किया कि केजरीवाल के बंगले पर दो साल में 560,000 यूनिट से ज्यादा बिजली खपत हुई। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (ट्विटर) पर लिखा कि “एक आम आदमी महीने में औसतन 250-300 यूनिट बिजली खर्च करता है, जबकि केजरीवाल रोजाना ही 770 से ज्यादा यूनिट खर्च कर रहे हैं। यानी उनकी एक दिन की बिजली खपत आम आदमी की एक महीने की खपत से तीन गुना ज्यादा है।”
सीएम आवास में कितने एसी चलते हैं?
भाजपा ने सवाल उठाया कि इतनी ज्यादा बिजली खपत आखिर हो कहां रही है? पूनावाला ने पोस्ट में तंज कसते हुए कहा, “सीएम आवास पर कितने एसी चलाए जाते हैं? इतनी बिजली की खपत से साफ है कि यह आम आदमी के घर जैसा नहीं, बल्कि किसी राजमहल जैसा है।” बीजेपी का दावा है कि दिल्ली सरकार आम जनता को मुफ्त बिजली देने की बात करती है, लेकिन खुद आलीशान सुविधाओं पर करोड़ों रुपये खर्च कर रही है।
‘शीश महल’ पर पहले भी विवाद, 45 करोड़ का रेनोवेशन
यह पहला मौका नहीं है जब केजरीवाल के सरकारी बंगले को लेकर विवाद हुआ हो। इससे पहले, उनके आवास के रेनोवेशन पर 45 करोड़ रुपये खर्च करने का आरोप भी भाजपा ने लगाया था। इसी वजह से भाजपा ने इस बंगले को ‘शीश महल’ नाम दिया है। पार्टी का कहना है कि आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार “गरीबों और मध्यम वर्ग की पार्टी” होने का दावा करती है, लेकिन उसके नेता खुद शाही जिंदगी जी रहे हैं।
AAP सरकार के 7 मंत्रियों का करोड़ों का बिजली बिल
आरटीआई रिपोर्ट के मुताबिक, सिर्फ मुख्यमंत्री के आवास पर ही नहीं, बल्कि AAP सरकार के सात मंत्रियों का भी भारी भरकम बिजली बिल आया है। अक्टूबर 2022 से अक्टूबर 2024 तक सात मंत्रियों के सरकारी आवासों पर कुल 1.15 करोड़ रुपये का बिजली बिल आया। पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया के सरकारी बंगले पर भी 14.95 लाख रुपये का बिजली बिल आया, जो आम लोगों के लिए चौंकाने वाला आंकड़ा है।
बीजेपी का हमला, केजरीवाल की चुप्पी
भाजपा ने इस मुद्दे को लेकर केजरीवाल सरकार पर सीधा हमला बोला है। पार्टी का कहना है कि दिल्ली में मुफ्त बिजली देने के वादे के पीछे खुद की ऐशो-आराम की जिंदगी छिपी हुई है। भाजपा ने मांग की है कि इस भारी-भरकम बिजली बिल की जांच हो और जनता के पैसे का हिसाब दिया जाए। हालांकि, इस पूरे मामले पर अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।।
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