दिल्ली HC ने यूपी पुलिस से मांगी रिपोर्ट, अंतरराज्यीय गिरफ्तारी में प्रोटोकॉल उल्लंघन पर जताई चिंता

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (26 फरवरी 2025): दिल्ली हाईकोर्ट ने अंतरराज्यीय गिरफ्तारी में उचित प्रक्रियाओं का पालन न करने को लेकर यूपी पुलिस से जवाब तलब किया है। अदालत ने नोएडा पुलिस कमिश्नर को निर्देश दिया है कि वे दिल्ली पुलिस को बिना सूचित किए एक व्यक्ति को हिरासत में लेने के मामले में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करें। हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि बिना निर्धारित प्रोटोकॉल का पालन किए किसी भी राज्य की पुलिस अंतरराज्यीय गिरफ्तारी नहीं कर सकती।

बिना सूचना गिरफ्तारी पर अदालत की कड़ी टिप्पणी

जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस धर्मेश शर्मा की बेंच ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए यूपी पुलिस को चेताया कि कानून सम्मत प्रक्रियाओं का पालन सुनिश्चित किया जाए। अदालत ने पुलिस कमिश्नर से उन अधिकारियों की जानकारी मांगी, जिन्होंने दिल्ली निवासी को गिरफ्तार किया, साथ ही उस वाहन का विवरण भी मांगा जिसमें याचिकाकर्ता को ले जाया गया।

याचिकाकर्ता को 18 फरवरी को दिल्ली के कनॉट प्लेस से यूपी पुलिस द्वारा हिरासत में लिया गया था, जबकि स्थानीय दिल्ली पुलिस को इसकी कोई पूर्व सूचना नहीं दी गई। गिरफ्तारी के बाद याचिकाकर्ता को अज्ञात स्थान पर ले जाया गया और 19 फरवरी को यूपी की एक अदालत ने उसे रिहा करने का आदेश दिया। हाईकोर्ट ने इसे “अवैध गिरफ्तारी” करार दिया और कहा कि प्रथम दृष्टया “इसमें निर्धारित प्रक्रियाओं का पूरी तरह उल्लंघन किया गया।” अदालत ने कहा कि गिरफ्तारी के समय कोई कानूनी आधार नहीं दिया गया, जो गंभीर चिंता का विषय है।

सीसीटीवी फुटेज और निजी वाहनों के इस्तेमाल की होगी जांच

दिल्ली हाईकोर्ट ने पुलिस की कार्रवाई पर कई सवाल उठाए हैं। अदालत ने निर्देश दिया कि पूरे घटनाक्रम की सीसीटीवी फुटेज की जांच की जाएगी ताकि यह स्पष्ट हो सके कि याचिकाकर्ता को कैसे और किन परिस्थितियों में हिरासत में लिया गया। क्या दिल्ली पुलिस को सूचित किए बिना गिरफ्तारी की गई? यूपी पुलिस के अधिकारी वर्दी में क्यों नहीं थे? गिरफ्तारी में निजी वाहनों का उपयोग क्यों किया गया?

अदालत ने ग्रेटर नोएडा के पुलिस कमिश्नर को जांच कर वस्तुस्थिति रिपोर्ट दाखिल करने का निर्देश दिया। हाईकोर्ट ने यूपी पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों से भी जवाब मांगा कि क्या दिल्ली पुलिस के साथ कोई अंतरराज्यीय गिरफ्तारी प्रोटोकॉल तय किया गया है? अदालत ने इस मामले पर हाईकोर्ट के पूर्व निर्देशों का भी हवाला दिया और कहा कि कानूनी प्रक्रियाओं के उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

न्यायालय की सख्ती: कानूनी प्रक्रिया का पालन अनिवार्य

दिल्ली हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि यदि पुलिस निर्धारित प्रक्रियाओं का पालन नहीं करती है, तो यह गिरफ्तारी कानून के विरुद्ध होगी। अदालत ने कहा कि पुलिस को अपनी शक्तियों का दुरुपयोग नहीं करना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किसी भी नागरिक के मौलिक अधिकारों का हनन न हो। अब यूपी पुलिस को इस पूरे मामले पर विस्तृत रिपोर्ट कोर्ट में पेश करनी होगी। यदि रिपोर्ट में कानूनी प्रक्रियाओं के उल्लंघन की पुष्टि होती है, तो जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई हो सकती है। इस मामले की अगली सुनवाई में अदालत के फैसले से यह तय होगा कि क्या यूपी पुलिस ने कानून तोड़ा है और अगर हां, तो इसके क्या परिणाम होंगे।


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