नई दिल्ली (22 फरवरी 2025): देश के प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में अब छत्रपति शिवाजी महाराज पर गहन अध्ययन किया जा सकेगा। यह पहली बार है जब जेएनयू किसी ऐतिहासिक व्यक्तित्व पर केंद्रित स्नातकोत्तर (एमए) डिग्री प्रदान करेगा। अंतरराष्ट्रीय छात्र भी इस कोर्स में दाखिला ले सकेंगे।
शिवाजी महाराज पर शोध और अध्ययन को बढ़ावा देने के लिए महाराष्ट्र सरकार की मदद से 25 करोड़ रुपये की लागत से एक भव्य भवन बनाया गया है। यह अध्ययन केंद्र 27 फरवरी से काम करना शुरू कर देगा, जिसे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे व अजीत पवार की मौजूदगी में औपचारिक रूप से शुरू किया जाएगा। यह पहल विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम में भारतीय संस्कृति और इतिहास को महत्व देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।सूत्रों के अनुसार, इस साल विश्वविद्यालय का पूरा अकादमिक कैलेंडर भारतीय इतिहास और परंपराओं पर केंद्रित रहेगा। इसके तहत अन्य भारतीय महापुरुषों पर भी अध्ययन केंद्र खोले जा रहे हैं। इनमें असम के महान कवि और समाज सुधारक श्रीमंत शंकरदेव पर एक विशेष अध्ययन केंद्र शामिल है। इसके अलावा, जेएनयू में बौद्ध अध्ययन केंद्र, हिंदू अध्ययन केंद्र, जैन अध्ययन केंद्र, आयुर्वेद और बायोलॉजी केंद्र की भी स्थापना की जा रही है। दक्षिण भारत के आध्यात्मिक संत राजेंद्र चोल और असम के महान योद्धा लाचित बरफुकन पर भी शोध केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं।
शिवाजी महाराज को लेकर दो विभागों में टकराव
दिलचस्प बात यह रही कि छत्रपति शिवाजी महाराज पर अध्ययन केंद्र स्थापित करने को लेकर जेएनयू के दो विभागों स्पेशल सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज और स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के बीच विवाद देखने को मिला। स्पेशल सेंटर फॉर नेशनल सिक्योरिटी स्टडीज का तर्क था कि शिवाजी महाराज की गुप्त युद्ध नीति और समुद्री युद्धकला को देखते हुए यह अध्ययन उनके विभाग के तहत आना चाहिए। वहीं, स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज का कहना था कि यह कोर्स दुनियाभर के छात्रों को आकर्षित करेगा, इसलिए इसे उनके विभाग में रखा जाना चाहिए। अंततः फैसला स्कूल ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज के पक्ष में गया।
शिक्षा क्षेत्र में ऐतिहासिक बदलाव
जेएनयू को अब तक वामपंथी विचारधारा के गढ़ के रूप में देखा जाता था, लेकिन अब भारतीय इतिहास और परंपराओं को केंद्र में रखकर नए कोर्स शुरू किए जा रहे हैं। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारतीय मूल्यों और ऐतिहासिक धरोहर को वैश्विक मंच पर स्थापित करने में मददगार साबित होगा। जेएनयू के इस नए कोर्स से इतिहास प्रेमी छात्रों के लिए एक नई दिशा खुलेगी, जिससे वे शिवाजी महाराज के अद्वितीय प्रशासनिक और सैन्य नेतृत्व को गहराई से समझ सकेंगे। आने वाले वर्षों में इन अध्ययन केंद्रों का विस्तार अन्य ऐतिहासिक हस्तियों और भारतीय संस्कृति के विभिन्न पहलुओं पर भी किया जा सकता है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।