जेवर और आसपास के क्षेत्रों में जल परियोजनाओं को फिर से गति मिली | Yamuna Authority

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (16 फरवरी 2025): जेवर और यमुना प्राधिकरण क्षेत्र में पेयजल की समस्याओं को लेकर दैनिक जागरण द्वारा चलाए गए अभियान “जेवर मांगता पानी” का सकारात्मक प्रभाव देखने को मिला है। छह से नौ फरवरी तक प्रकाशित एक समाचार श्रृंखला ने प्रशासन और प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों को अपनी जिम्मेदारी का एहसास कराया। इस अभियान ने पेयजल संकट की गंभीरता को उजागर किया और प्रशासन को तत्परता से कदम उठाने के लिए प्रेरित किया।

अब, जल निगम ने जेवर में लंबित पेयजल परियोजना पर काम को फिर से शुरू कर दिया है। इसके अलावा, दनकौर, रबूपुरा, और जहांगीरपुर नगर पंचायतों में भी जल आपूर्ति परियोजनाओं के लिए 70 करोड़ रुपये की लागत से प्रस्ताव स्वीकृत कर दिए गए हैं। इन योजनाओं के तहत अमृत 2.0 योजना के तहत निशुल्क पानी की आपूर्ति की जाएगी, जिससे इन क्षेत्रों के नागरिकों को बेहतर जल आपूर्ति मिलेगी।

परियोजनाओं की विस्तृत जानकारी:

जल निगम के अधिकारियों ने बताया कि जहांगीरपुर नगर पंचायत में 14 करोड़ रुपये की लागत से ओवरहेड टंकी और 27 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जाएगी। इस परियोजना में तीन ट्यूबवेल भी शामिल होंगे और तीन हजार घरों को निशुल्क जल कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे।

वहीं, रबूपुरा नगर पंचायत में 22.67 करोड़ रुपये की लागत से एक ओवरहेड टंकी, 47 किलोमीटर पाइपलाइन, चार ट्यूबवेल और पांच हजार घरों को निशुल्क जल कनेक्शन की योजना है। इसी प्रकार, दनकौर नगर पंचायत में 16 करोड़ रुपये की लागत से एक ओवरहेड टंकी और 44 किलोमीटर पाइपलाइन के साथ जल आपूर्ति की व्यवस्था की जाएगी, जिसमें 4,300 घरों को निशुल्क कनेक्शन मिलेगा।

जेवर नगर पंचायत में पहले बंद पड़ी पेयजल योजना को भी फिर से चालू किया जा रहा है, जिससे स्थानीय नागरिकों को जल संकट से राहत मिल सकेगी। अधिकारियों का कहना है कि इन परियोजनाओं के सफलतापूर्वक लागू होने से जल आपूर्ति में सुधार होगा, और लोगों को आरओ प्लांट से पानी खरीदने की विवशता से भी मुक्ति मिलेगी।

जल संकट की गंभीरता और प्रशासन की लापरवाही:

यह क्षेत्र लंबे समय से पेयजल संकट से जूझ रहा है। अधिकारियों की लापरवाही के कारण, कई बार बिजली बिल तक जमा नहीं किए गए, जिसके कारण कई स्थानों पर पेयजल आपूर्ति ठप हो गई थी। विशेष रूप से नीमका गांव में पेयजल आपूर्ति करने वाली ओवरहेड टंकी को भरने के लिए ट्यूबवेल का कनेक्शन काट दिया गया था, जिससे क्षेत्रवासियों को भूजल पर निर्भर रहना पड़ा। इसके कारण, आरओ प्लांट से पानी खरीदना एक अनिवार्यता बन गई थी।

जनसरोकार का असर:

दैनिक जागरण की इस समाचारीय श्रृंखला के जरिए प्रशासन पर दबाव बनाया गया, जिससे जल निगम और यमुना प्राधिकरण ने योजना पर फिर से काम शुरू किया। इस अभियान ने न केवल जल संकट की समस्या को उजागर किया, बल्कि प्रशासन को अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता से निभाने की दिशा में भी प्रेरित किया। इसके परिणामस्वरूप, जल निगम अब इन परियोजनाओं को प्राथमिकता पर लागू कर रहा है, ताकि क्षेत्रवासियों को शुद्ध और पर्याप्त जल मिल सके।

अमृत 2.0 योजना का लाभ:

जल निगम के अधिकारियों ने कहा कि अमृत 2.0 योजना के तहत इन क्षेत्रों में पेयजल की आपूर्ति निशुल्क की जाएगी, जिससे नागरिकों को राहत मिलेगी और जल संकट का समाधान होगा। इन परियोजनाओं से उम्मीद जताई जा रही है कि जल आपूर्ति की स्थिति में सुधार होगा और लोगों को दूषित पानी से होने वाली बीमारियों से भी बचाव होगा।

जेवर और आसपास के क्षेत्रों में पेयजल संकट को लेकर उठाए गए कदमों से यह स्पष्ट होता है कि जनसरोकार और नागरिक जागरूकता का बहुत बड़ा प्रभाव हो सकता है। अब यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि इन परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जाए, जिससे लोगों को जल्द ही शुद्ध और पर्याप्त जल मिल सके।।


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