New Delhi Railway Station Stampede: संजय सिंह बोले – कब तक चलेगा लीपा पोती का खेल?
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (16 फरवरी, 2025): नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार शाम भगदड़ मचने से 18 लोगों की मौत हो गई, जिनमें 3 बच्चे भी शामिल हैं, जबकि कई अन्य घायल हो गए। हादसे की मुख्य वजह भारी भीड़ और प्रशासन की लापरवाही बताई जा रही है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, प्रयागराज कुंभ के लिए रवाना होने वाली ट्रेनों में चढ़ने के लिए प्लेटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर अचानक भीड़ उमड़ पड़ी। इसी दौरान, रेलवे प्रशासन ने प्लेटफॉर्म बदलने की घोषणा कर दी, जिससे यात्रियों में अफरातफरी मच गई। स्थिति बेकाबू होते ही भगदड़ मच गई, जिसमें कई लोग गिर पड़े और उनकी जान चली गई।
इस घटना को लेकर विपक्ष ने सरकार और रेलवे प्रशासन को घेरा है। राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने रेल मंत्री से इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, सरकार की लापरवाही के कारण कोई घटना होती है तो पहला काम लीपा-पोती का होता है। पीड़ितों के खिलाफ कोई संवेदना नहीं है। रिपोर्टर के कैमरे तोड़ो, उन्हें हादसे की तस्वीरों को कैद करने से रोको। पहले तो कहते हैं कुछ नहीं हुआ, फिर जब सबके सामने आने लगती हैं चीजें तब मजबूरी में स्वीकार करते हैं हादसे को। यह कब तक चलेगा देश में। रेल मंत्री की जवाबदेही कब और कितनी घटनाओं के बाद तय होगी। रोज ट्रेन एक्सीडेंट हो रहे हैं, उन्हें भुला दिया गया या दबा दिया गया। पूरा प्लेटफॉर्म कल भरा हुआ था, रेलवे का प्रशासन वहां नहीं दिख रहा था व्यवस्थाओं को संभालने के लिए। भगदड़ हो गई, लोगों की जान चली गई, और रेल मंत्री कह रहे हैं कुछ नहीं हुआ। LG ट्वीट कर रहे हैं और 29 मिनट बाद एडिट कर रहे हैं। ऐसे ही घटना प्रयागराज में हो चुकी है। क्या उन्हें नहीं पता था कि इतनी बड़ी तादाद में लोग हैं तो यह भीड़ मैनेज करनी चाहिए और ऐसे में प्लेटफॉर्म चेंज की अनाउंसमेंट।
क्या मरना हमारी नियति बन गई। कभी नोटबंदी की लाइन में लगे रहने से मरते हैं, कभी कोरोना की महामारी में मरते हैं, कभी पुल के टूटने में मरते हैं, कभी रोड एक्सीडेंट में, कभी ट्रेन एक्सीडेंट में मरना है, तो कभी बेरोजगारी की मार से मरना है। इतने लोग कुंभ में मर गए यह कहते हैं मोक्ष को प्राप्त कर गए। ये गुनाहों को दबाने की कोशिश कब तक होती रहेगी। संख्या को छिपाकर क्या दिखाना चाहते हैं?
आगे उन्होंने कहा कि, अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं, जिन लोगों ने जान गंवाई, उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे और सरकार को सद्बुद्धि दे। कुछ भी बोलने पर धर्मविरोधी बताना, विपक्ष को बदनाम करना बंद करें। ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए प्रयास कीजिए।
144 साल का इतना बड़ा प्रचार किया कि लोग दुनिया भर से वहां पहुंचने लगे पर व्यवस्था नहीं। 2014 में जनता ने भगवान चुन लिया, और भगवान की तो आलोचना हो नहीं सकती? कब आखिर रेल मंत्री की जवाबदेही तय होगी, आखिर कितनी मौतों का इंतजार करना होगा। रेल मंत्री से इस्तीफा मांगेंगे तो 4 साल और रखेंगे।
संजय सिंह ने सरकार की नीयत और प्रशासन की लापरवाही पर गंभीर सवाल उठाए हैं। हादसे के बाद दिल्ली सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं, जबकि रेलवे प्रशासन ने सफाई दी है कि स्थिति अब नियंत्रण में है। लेकिन विपक्ष सरकार की जवाबदेही तय करने की मांग कर रहा है।
इस दर्दनाक हादसे के बाद रेलवे की भीड़ प्रबंधन नीति और सुरक्षा व्यवस्थाओं पर फिर से सवाल उठने लगे हैं।।
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