यमुना प्राधिकरण के भूमि अधिग्रहण पर भड़के किसान, न्यायपूर्ण मुआवजे की मांग
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा, (15 फरवरी 2025): यमुना प्राधिकरण द्वारा किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को लेकर किसानों में भारी आक्रोश है। भारतीय किसान यूनियन (अ) के युवा प्रदेश अध्यक्ष पवन चीरौली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नेतृत्व में संगठन ने जेवर एयरपोर्ट के निर्माण के नाम पर विस्थापित हो रहे 14 गांवों के किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई अहम मांगें रखी हैं। यूनियन का कहना है कि भूमि अधिग्रहण से हजारों किसानों की आजीविका प्रभावित होगी, इसलिए सरकार को न्यायपूर्ण मुआवजा और पुनर्वास नीति लागू करनी चाहिए।
किसानों की प्रमुख मांगें:
1. 20% विकसित भूमि का अधिकार
भारतीय किसान यूनियन ने मांग की है कि अधिग्रहित भूमि के बदले प्रत्येक किसान को 20% विकसित भूखंड दिया जाए। संगठन का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ‘मन की बात’ कार्यक्रम में इस नीति की जरूरत को स्वीकार किया था। यह कदम किसानों को उनकी जमीन के बदले न्यायसंगत मुआवजा देने की दिशा में मददगार साबित होगा।
2. सर्किल रेट का पुनः मूल्यांकन
किसानों ने गौतमबुद्ध नगर को औद्योगिक शहरी क्षेत्र घोषित करने के तहत भूमि अधिग्रहण के लिए सर्किल रेट को संशोधित करने की मांग की है। यूनियन के अनुसार, अधिग्रहण कानून के अनुसार किसानों को उचित मुआवजा मिलना चाहिए और इसके लिए सर्किल रेट का पुनर्मूल्यांकन आवश्यक है।
3. नौमका खाजपुर और बोरा गांव का विस्थापन अस्वीकार्य
यूनियन ने नौमका खाजपुर और बोरा गांव के विस्थापन का कड़ा विरोध किया है। उनका कहना है कि ‘SIA’ (सोशल इम्पैक्ट असेसमेंट) टीम ने भी इन गांवों को विस्थापित न करने की सिफारिश की थी, इसलिए इन गांवों के किसानों को उनकी जमीन से बेदखल नहीं किया जाना चाहिए।
4. पुनर्वास भूमि के आकार में संशोधन
किसानों ने सुझाव दिया है कि विस्थापन के बाद कम से कम 100 मीटर और अधिकतम 1000 मीटर तक का प्लॉट दिया जाए, ताकि वे अपने नए घरों के लिए पर्याप्त भूमि प्राप्त कर सकें।
5. मुआवजे की उचित दर तय की जाए
किसान नेताओं का कहना है कि जिन गांवों में आवासीय क्षेत्र अधिक है, वहां के किसानों को बचे हुए हिस्से का मुआवजा 28,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर (VEIDA रेट) के हिसाब से दिया जाए। उदाहरण के लिए, यदि किसी किसान का घर 2000 मीटर में फैला है और उसे 1000 मीटर का प्लॉट दिया जाता है, तो शेष 1000 मीटर का मुआवजा 28,000 रुपये प्रति वर्ग मीटर की दर से मिलना चाहिए।
6. मकान का उचित मूल्यांकन हो
यूनियन ने मांग की है कि किसानों के मकानों का मूल्यांकन PWD और रेलवे के बदले हुए मानकों के अनुसार किया जाए। सभी मकानों के लिए एक समान मूल्यांकन नीति अपनाई जाए, ताकि किसी भी किसान को नुकसान न उठाना पड़े।
7. बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार या मुआवजा
भारतीय किसान यूनियन ने सुझाव दिया है कि प्रत्येक प्रभावित किसान परिवार के बेरोजगार युवाओं को उनकी योग्यता के अनुसार सरकारी नौकरी दी जाए। यदि नौकरी नहीं दी जा सकती, तो उन्हें कम से कम 30 लाख रुपये का एकमुश्त मुआवजा दिया जाए।
8. भूमिहीन मजदूरों के लिए मुआवजा
यूनियन ने खेतीहर भूमिहीन मजदूरों के लिए भी मुआवजे की मांग की है। संगठन का कहना है कि प्रत्येक भूमिहीन मजदूर को 20 लाख रुपये का बेरोजगारी भत्ता दिया जाए। वहीं, घर के मुखिया को 50 लाख रुपये का एकमुश्त मुआवजा मिलना चाहिए, ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण कर सकें।
9. नाबालिग बच्चों के अधिकार सुनिश्चित किए जाएं
भारतीय किसान यूनियन ने यह भी कहा है कि अधिग्रहण प्रक्रिया के दौरान नाबालिग बच्चों के अधिकारों की सुरक्षा की जाए। उन्हें बालिग बच्चों के समान मुआवजा और सुविधाएं मिलनी चाहिए।
किसानों ने दी आंदोलन की चेतावनी
भारतीय किसान यूनियन (अ) ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। संगठन ने सरकार से अपील की है कि किसानों के अधिकारों की रक्षा के लिए उचित कदम उठाए जाएं, ताकि वे अधिग्रहण के कारण किसी भी तरह के अन्याय का शिकार न हों।
सरकार के सामने चुनौती, क्या मिलेगा न्याय?
जेवर एयरपोर्ट के निर्माण और यमुना प्राधिकरण द्वारा भूमि अधिग्रहण के कारण हजारों किसानों के सामने अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है। भारतीय किसान यूनियन (अ) की मांगें किसानों के अधिकारों की सुरक्षा की दिशा में एक ठोस कदम हो सकती हैं, लेकिन अब यह देखना होगा कि सरकार इन पर क्या फैसला लेती है। यदि किसानों को उनकी मांगों के अनुरूप न्याय नहीं मिला, तो यह मुद्दा एक बड़े आंदोलन का रूप ले सकता है।
प्रिय पाठकों एवं दर्शकों, प्रतिदिन नई दिल्ली, दिल्ली सरकार, दिल्ली राजनीति, दिल्ली मेट्रो, दिल्ली पुलिस, दिल्ली नगर निगम, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे क्षेत्र की ताजा एवं बड़ी खबरें पढ़ने के लिए hindi.tennews.in : हिंदी न्यूज पोर्टल को विजिट करते रहे एवं अपनी ई मेल सबमिट कर सब्सक्राइब भी करे। विडियो न्यूज़ देखने के लिए TEN NEWS NATIONAL यूट्यूब चैनल को भी ज़रूर सब्सक्राइब करे।
Discover more from टेन न्यूज हिंदी
Subscribe to get the latest posts sent to your email.
टिप्पणियाँ बंद हैं।