दिल्ली में AAP को बड़ा झटका: MCD के तीन पार्षद BJP में शामिल

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (15 फरवरी 2025): दिल्ली में आम आदमी पार्टी (AAP) को लगातार झटके लग रहे हैं। विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद अब MCD (दिल्ली नगर निगम) में भी उसकी स्थिति कमजोर होती जा रही है। शनिवार को AAP के तीन पार्षदों ने पार्टी छोड़कर भारतीय जनता पार्टी (BJP) का दामन थाम लिया। इसे हार के बाद AAP में पहली बड़ी टूट मानी जा रही है, जिससे MCD में सत्ता संतुलन बदल सकता है।

MCD में भाजपा और AAP की बराबरी

दिल्ली नगर निगम में कुल 250 सीटें हैं। 2022 के चुनावों में AAP ने 134 सीटें और भाजपा ने 104 सीटें जीती थीं। लेकिन अब AAP के पार्षदों के भाजपा में जाने से उसकी संख्या घटकर 116 रह गई है और भाजपा की संख्या 116 हो गई है। यानी अब MCD में दोनों दल बराबर हैं। आने वाले उपचुनाव इस संतुलन को बदल सकते हैं। शनिवार को भाजपा कार्यालय में AAP के तीन पार्षदों अनिता बसोया, निखिल चपराना और धरमवीर सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने उन्हें पार्टी का पटका पहनाकर स्वागत किया।

1. अनिता बसोया – वार्ड 145, एंड्रूज गंज से AAP की पार्षद थीं।

2. निखिल चपराना – वार्ड 183, हरिनगर से AAP के पार्षद थे।

3. धरमवीर सिंह – वार्ड RK पुरम से दो बार पार्षद रह चुके हैं।

इसके अलावा, AAP के नई दिल्ली जिला अध्यक्ष संदीप बसोया ने भी भाजपा की सदस्यता ले ली है।

भाजपा ने इस मौके पर MCD में अपनी सरकार बनाने का संकेत दिया। दिल्ली भाजपा अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, “अब दिल्ली को डबल इंजन सरकार नहीं, बल्कि ट्रिपल इंजन सरकार चाहिए। अगर MCD, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार एक साथ होंगे, तो दिल्ली का विकास तेज़ी से होगा।” भाजपा का दावा है कि AAP में अभी और टूट हो सकती है और जल्द ही MCD में भाजपा की सरकार बन सकती है। MCD में अभी 11 सीटें खाली हैं, जिन पर जल्द ही उपचुनाव होने वाले हैं। अगर भाजपा इन उपचुनावों में अच्छा प्रदर्शन करती है, तो वह बहुमत हासिल कर सकती है। अगर AAP के और पार्षद भाजपा में जाते हैं, तो AAP की सरकार गिर सकती है। कांग्रेस के पास 7 पार्षद हैं, जो किसी भी पार्टी की सरकार बनाने में अहम भूमिका निभा सकते हैं।

AAP ने अपने पार्षदों के भाजपा में जाने को ‘ऑपरेशन लोटस’ करार दिया और भाजपा पर पार्षदों को खरीदने का आरोप लगाया। पार्टी नेतृत्व ने अपने सभी पार्षदों की आपात बैठक बुलाई है ताकि भाजपा में और टूट को रोका जा सके।

क्या कांग्रेस बनेगी किंगमेकर?

MCD में अब कांग्रेस के 7 पार्षद अहम भूमिका निभा सकते हैं। अगर कांग्रेस AAP का समर्थन करती है, तो AAP की सरकार बच सकती है। लेकिन अगर कांग्रेस तटस्थ रहती है या भाजपा को समर्थन देती है, तो AAP की MCD सरकार गिर सकती है।

MCD में सत्ता के लिए अब बड़ा खेल शुरू हो चुका है। भाजपा अपनी पकड़ मजबूत कर रही है, तो AAP अपनी सरकार बचाने की पूरी कोशिश में जुटी है। उपचुनावों के नतीजे तय करेंगे कि दिल्ली में ‘ट्रिपल इंजन सरकार’ बनेगी या AAP अपनी सत्ता बचाने में कामयाब होगी।


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