ग्रेटर नोएडा, (14 फरवरी 2025): खेड़ी गांव के किसान संत राज और उनके परिवार पर दर्ज कथित नाजायज एफआईआर को लेकर किसानों में भारी आक्रोश देखने को मिला। इस मामले में निष्पक्ष कार्रवाई की मांग को लेकर सैकड़ों किसानों ने डीसीपी कार्यालय और एनपीसीएल (नोएडा पावर कंपनी लिमिटेड) कार्यालय का घेराव किया। किसानों का आरोप था कि बिजली कंपनी और प्रशासन की मिलीभगत से उनके साथ अन्याय किया जा रहा है, जिसकी वे कड़ी निंदा करते हैं।
घटना की शुरुआत 27 जनवरी को हुई थी, जब खेड़ी निवासी संत राज के साथ कथित रूप से मारपीट और बदसलूकी की गई थी। किसानों का कहना है कि इस मामले में बिजली कंपनी की तहरीर पर पुलिस ने तुरंत एफआईआर दर्ज कर ली, जबकि पीड़ित किसानों की शिकायत को नजरअंदाज कर दिया गया। इस पक्षपातपूर्ण कार्रवाई से नाराज होकर, किसान भारी संख्या में डीसीपी कार्यालय पहुंचे और विरोध प्रदर्शन किया।
डीसीपी से हुई बातचीत, निष्पक्ष कार्रवाई का मिला आश्वासन
प्रदर्शन के दौरान किसानों ने डीसीपी सेंट्रल से बातचीत की और निष्पक्ष न्याय की मांग की। किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने पुलिस पर एकतरफा कार्रवाई करने का आरोप लगाया और कहा कि पुलिस को निष्पक्ष भूमिका निभानी चाहिए। डीसीपी अवस्थी ने किसानों को आश्वासन दिया कि मामले की जांच के बाद तिलपता चौकी इंचार्ज के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी और किसानों पर दर्ज एफआईआर को फाइनल रिपोर्ट लगाकर समाप्त किया जाएगा।
एनपीसीएल दफ्तर में बिजली मुद्दों पर बातचीत रही बेनतीजा
डीसीपी कार्यालय से आश्वासन मिलने के बाद, किसान पहले से तय कार्यक्रम के अनुसार केपी-3 स्थित एनपीसीएल दफ्तर पहुंचे। वहां बिजली समस्याओं को लेकर कंपनी अधिकारियों से वार्ता की गई, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। बिजली कंपनी के अधिकारी सुबोध त्यागी और हरेंद्र ने किसानों से एक हफ्ते का समय मांगते हुए 22 फरवरी को दोबारा बातचीत का प्रस्ताव रखा, जिसे किसानों के प्रतिनिधिमंडल ने स्वीकार कर लिया।
22 फरवरी को बड़े आंदोलन की चेतावनी
सभा को संबोधित करते हुए किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने कहा कि बिजली कंपनी की मनमानी और प्रशासन की पक्षपातपूर्ण कार्रवाई अब बर्दाश्त से बाहर हो गई है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि 22 फरवरी तक कोई समाधान नहीं निकला, तो किसान तुगलपुर स्थित बिजली कंपनी कार्यालय के बाहर बड़ा धरना-प्रदर्शन करेंगे।
खेड़ी भनौता के किसान नेता मुकेश खेड़ी ने भी किसानों का समर्थन करते हुए कहा कि गांव के लोग आक्रोशित हैं और बिना न्याय के पीछे हटने वाले नहीं हैं। उन्होंने प्रशासन को चेताते हुए कहा कि यदि जल्द ही संतोषजनक हल नहीं निकला तो किसानों का गुस्सा और भड़क सकता है।
बड़ी संख्या में किसान रहे मौजूद
इस घेराव और वार्ता में बड़ी संख्या में किसान शामिल हुए, जिनमें सुंदर प्रधान, डॉ. जगदीश, संदीप भाटी, सतीश नेताजी, सत्येंद्र, जय किशन, गंभीर भाटी, निशांत रावल, शिशांत भाटी, सुशील सुनपुरा, नवाब प्रधान, दिनेश कुमार, जितेंद्र भाटी, नितिन चौहान, देशराज राणा, ओम दत्त पंडित, सुरेंद्र यादव, वीर सिंह नागर, गुरप्रीत एडवोकेट सहित सैकड़ों किसान उपस्थित रहे।
अब सभी की नजरें 22 फरवरी की बैठक पर टिकी हैं, जहां यह तय होगा कि बिजली कंपनी और प्रशासन किसानों की मांगों को मानते हैं या नहीं। यदि समाधान नहीं निकला, तो किसानों का बड़ा आंदोलन होना तय है।।
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