यूनानी दिवस 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने किया अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (12 फरवरी 2025): विज्ञान भवन, नई दिल्ली में यूनानी दिवस 2025 के अवसर पर “एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार – एक नई दिशा” विषय पर अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का भव्य उद्घाटन किया गया। इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहीं।
कार्यक्रम में आयुष मंत्रालय के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री प्रतापराव जाधव ने संबोधन दिया। उन्होंने महामहिम राष्ट्रपति जी की उपस्थिति को ऐतिहासिक बताते हुए उनके आयुष चिकित्सा प्रणाली के प्रति गहरे जुड़ाव का विशेष उल्लेख किया।
हकीम अजमल खान की जयंती पर यूनानी चिकित्सा के महत्व को किया रेखांकित
जाधव ने अपने संबोधन में हकीम अजमल खान की जयंती पर मनाए जाने वाले यूनानी दिवस का विशेष महत्व बताया। उन्होंने कहा कि हकीम अजमल खान ने यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में अपना पूरा जीवन समर्पित किया और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए हम प्रतिबद्ध हैं।
उन्होंने सम्मेलन के विषय की सराहना करते हुए कहा कि “एकीकृत स्वास्थ्य समाधान के लिए यूनानी चिकित्सा में नवाचार” पर आयोजित यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन वैचारिक मंथन, शोध और नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करेगा।
आयुष मंत्रालय के प्रयास और सरकार की प्रतिबद्धता
जाधव ने भारत सरकार द्वारा आयुष चिकित्सा प्रणालियों के संवर्धन के लिए किए जा रहे प्रयासों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में आयुष प्रणाली को मुख्यधारा की स्वास्थ्य सेवाओं के साथ एकीकृत किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आयुष मिशन के तहत देशभर में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (PHC), सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (CHC) और जिला अस्पतालों में आयुष सेवाओं का सफलतापूर्वक एकीकरण किया गया है। इसके अलावा, आयुष औषधि केंद्रों का विस्तार भी किया जा रहा है, जिससे आमजन को उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता वाली आयुष दवाएं उपलब्ध हो सकें।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की पारंपरिक चिकित्सा की बढ़ती पहचान
जाधव ने इस बात पर जोर दिया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के जामनगर में परंपरागत चिकित्सा के लिए एक वैश्विक केंद्र स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है, और आयुष चिकित्सा पद्धतियों के लिए विदेशी नागरिक भी भारत का रुख कर रहे हैं।
यूनानी चिकित्सा में नवाचार की आवश्यकता
जाधव ने यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत आयुष पैकेजों को शामिल किए जाने से स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच में सुधार होगा और मरीजों पर वित्तीय बोझ कम होगा।
सम्मेलन से मिलेगी यूनानी चिकित्सा को नई दिशा
कार्यक्रम के अंत में जाधव ने CCRUM (केंद्रीय यूनानी चिकित्सा अनुसंधान परिषद) के महानिदेशक और उनकी टीम को सफल आयोजन के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन यूनानी चिकित्सा सहित आयुष प्रणाली को वैश्विक स्तर पर आगे बढ़ाने में सहायक सिद्ध होगा।
उन्होंने यह भी कहा कि भारत सरकार आयुष चिकित्सा प्रणालियों के माध्यम से समग्र स्वास्थ्य सेवाओं को जन-जन तक पहुंचाने के लिए पूर्ण रूप से प्रतिबद्ध है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस सम्मेलन से नए नवाचारों को बढ़ावा मिलेगा और पारंपरिक व आधुनिक चिकित्सा प्रणालियों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित किया जा सकेगा।
समापन: “स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत” के संकल्प के साथ
कार्यक्रम का समापन “स्वस्थ भारत, समृद्ध भारत” की भावना के साथ हुआ। सम्मेलन में उपस्थित विशेषज्ञों, चिकित्सकों और शोधकर्ताओं ने यूनानी चिकित्सा के नवाचारों को अपनाने और उन्हें आधुनिक स्वास्थ्य प्रणाली के साथ जोड़ने के महत्व पर सहमति जताई।
यूनानी दिवस 2025 का यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन न केवल यूनानी चिकित्सा प्रणाली को नई ऊंचाइयों तक ले जाने में सहायक होगा, बल्कि भारत की पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों को वैश्विक स्तर पर मजबूत पहचान भी दिलाएगा।।
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