30 करोड़ की ठगी: जेष्ठा प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स का बड़ा घोटाला

 

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (11 फरवरी 2025): दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने 30 करोड़ रुपये की ठगी के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए ज्येष्ठा प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड के निदेशक हरिंदर बशिष्ठ (49) को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह ग्रेटर नोएडा के नॉलेज पार्क-3 में वर्धमान-आई वैली नामक प्रोजेक्ट में निवेश के नाम पर लोगों से करोड़ों रुपये ऐंठ रहा था।

कैसे हुआ 30 करोड़ रुपये का घोटाला?

आरोपियों ने निवेशकों को लुभावने ऑफर दिए और उन्हें ऑफिस स्पेस, रेजिडेंशियल यूनिट और कॉमर्शियल यूनिट खरीदने के लिए प्रेरित किया। निवेशकों को यह विश्वास दिलाया गया कि इस प्रोजेक्ट में आईटी कंपनियां भी निवेश कर रही हैं, जिससे संपत्ति की कीमत दोगुनी-चौगुनी हो जाएगी। बड़े मुनाफे के लालच में निवेशकों ने करोड़ों रुपये लगाए, लेकिन न तो उन्हें संपत्ति मिली और न ही उनके पैसे वापस किए गए। जब पीड़ितों को ठगी का एहसास हुआ, तो उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

कैसे पकड़ा गया आरोपी?

दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने मामले की गहराई से जांच की और पाया कि आरोपियों ने एक ही प्रॉपर्टी को कई लोगों को बेचकर धोखाधड़ी की है। पुलिस को इस मामले में कुल 75 शिकायतें मिलीं लेकिन जांच में सामने आया कि जेस्था प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स को बीबीए करने की अनुमति ही नहीं थी। इसके अलावा, कंपनी ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए निवेशकों से पैसे वसूले थे।

ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की मदद से जब लीज डीड की गहन जांच की गई, तो पुलिस को इस घोटाले का पूरा खुलासा हुआ। पुलिस ने 13 जनवरी को हरिंदर बशिष्ठ को गिरफ्तार किया और चार दिन की रिमांड पर लेने के बाद कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया।

न निवेशकों को प्रॉपर्टी मिली, न पैसे लौटे

जेष्ठा प्रोजेक्ट्स और वर्धमान एस्टेट्स प्राइवेट लिमिटेड ने निवेशकों से वादा किया था कि वे साढ़े तीन साल में प्रोजेक्ट को पूरा करके यूनिट्स सौंप देंगे। लेकिन सालों बीत जाने के बावजूद न तो प्रोजेक्ट पूरा हुआ और न ही निवेशकों को उनका पैसा वापस मिला। इस घोटाले के अन्य आरोपियों की तलाश अब भी जारी है, और पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है।

हरिंदर बशिष्ठ की बेल पर क्या है अपडेट?

मामले में शिकायतकर्ता सुनील गुप्ता के वकील एडवोकेट देव कुमार यति ने बताया कि हरिंदर बशिष्ठ की जमानत याचिका द्वारका कोर्ट की एडिशनल सेशन जज गुरमोहिना कौर के न्यायालय में विचाराधीन है। पुलिस इस मामले के बाकी आरोपियों तक पहुंचने के लिए अपनी जांच को और तेज कर रही है, हालांकि अब तक इस मामले में पुलिस ने चार्जशीट दाखिल नहीं किया है।

आगे क्या होगा?

आर्थिक अपराध शाखा की इस कार्रवाई से यह साफ हो गया है कि पुलिस बड़े रियल एस्टेट घोटालों को लेकर सख्त रवैया अपनाए हुए है। इस मामले में अभी कई और खुलासे हो सकते हैं। निवेशकों की मांग है कि उन्हें उनका पैसा वापस मिले और आरोपियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जाए। पुलिस भी इस दिशा में तेजी से काम कर रही है ताकि इस तरह की ठगी को रोका जा सके।

उक्त मामले को लेकर टेन न्यूज की टीम ने ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन उनकी तरफ से जवाब नहीं दिया गया है। संपर्क स्थापित होने के बाद खबर को अपडेट किया जाएगा। साथ ही कंपनी से संपर्क स्थापित करने का प्रयास किया जा रहा है।।


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