रेलवे कर्मचारियों का विरोध प्रदर्शन: NPS, UPS और नई जिम्मेदारियों को लेकर उठी आवाज

टेन न्यूज नेटवर्क

नई दिल्ली (10 फरवरी 2025): भारतीय रेलवे, जो देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है, भारतीय रेलवे में 12 लाख से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं, और इनमें से कई कर्मचारी अपनी विभिन्न मांगों को लेकर 10 फरवरी को प्रदर्शन करेंगे। हालांकि, इस विरोध प्रदर्शन से यात्री सेवाओं पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन रेलवे के संचालन में कुछ व्यवधान आ सकता है।

एनपीएस और यूपीएस के विरोध में प्रदर्शन

उत्तरीय रेलवे मजदूर यूनियन (एनआरएमयू) के युवा विंग ने 10 फरवरी को नॉर्दर्न रेलवे के सभी ब्रांचों में सुबह 11 बजे से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। यह प्रदर्शन नई पेंशन स्कीम (एनपीएस) और यूनिफाइड पेंशन स्कीम (यूपीएस) के विरोध में किया जा रहा है। प्रदर्शन के दौरान रेलवे कर्मचारी यूपीएस का गजट जलाकर अपनी नाराजगी जाहिर करेंगे। रेलवे कर्मचारियों का कहना है कि ये योजनाएं उनके भविष्य को असुरक्षित बना रही हैं, इसलिए इन्हें तुरंत खत्म किया जाना चाहिए।

गार्ड और लोको पायलटों का सांकेतिक विरोध

ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल और ऑल इंडिया लोको रनिंग स्टाफ एसोसिएशन ने भी इस प्रदर्शन में भाग लेने का फैसला किया है। ट्रेन के लोको पायलट और गार्ड काले बैज लगाकर ट्रेन का संचालन करेंगे, जिससे वे रेलवे प्रशासन तक अपना विरोध दर्ज कराना चाहते हैं।

गार्ड और लोको पायलटों का यह विरोध एक नए नियम के खिलाफ है, जिसमें ट्रेन रुकने के बाद गार्ड को खुद हैंडब्रेक लगाना होगा। इसके लिए गार्ड को ट्रेन से उतरकर कई कोचों के पहिए के पास गुटका (स्टॉपर) लगाना होगा और ट्रेन चलने से पहले इसे हटाना भी होगा। पहले यह कार्य रेलवे स्टेशन पर तैनात कर्मचारी करते थे, लेकिन अब इसे गार्ड की जिम्मेदारी बना दिया गया है। इस बदलाव से गार्डों को अतिरिक्त श्रम करना पड़ेगा, जिसका वे विरोध कर रहे हैं।

एनआरएमयू का जारी है आंदोलन

ऑल इंडिया रेलवेमेंस फेडरेशन (एआईआरएफ) और नॉर्दर्न रेलवे मेंस यूनियन (एनआरएमयू) पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर दिल्ली मंडल के डीआरएम ऑफिस के बाहर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनका आरोप है कि रेलवे नियम 14.2 का दुरुपयोग कर रहा है। रेलवे बिना किसी जांच के कर्मचारियों को निलंबित कर रहा है। दिल्ली मंडल में अब तक तीन कर्मचारियों के साथ ऐसा हो चुका है, जिससे कर्मचारियों में भारी रोष है।

रेलवे कर्मचारियों की मांगें

1. एनपीएस और यूपीएस को खत्म किया जाए ताकि कर्मचारियों की पेंशन सुरक्षित रह सके।

2. गार्डों को दी गई अतिरिक्त जिम्मेदारी वापस ली जाए, जिससे उनकी कार्यशैली प्रभावित न हो।

3. रेलवे नियम 14.2 का दुरुपयोग बंद किया जाए और बिना जांच के निलंबन की प्रक्रिया रोकी जाए।

 

रेलवे कर्मचारियों का यह आंदोलन आने वाले दिनों में और तेज हो सकता है। कर्मचारियों का कहना है कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे और बड़े स्तर पर प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होंगे। रेलवे प्रशासन के लिए यह जरूरी हो गया है कि वह कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान जल्द से जल्द निकाले, ताकि रेलवे संचालन सुचारू रूप से चलता रहे।।


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