दिल्ली चुनाव से पहले सियासी संग्राम: आतिशी के आरोपों पर बिधूड़ी का पलटवार

टेन न्यूज़ नेटवर्क

नई दिल्ली (4 फरवरी 2025): दिल्ली में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान से एक दिन पहले आम आदमी पार्टी (AAP) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के बीच सियासी घमासान तेज हो गया है। कालकाजी सीट पर सोमवार रात हुए हंगामे के बाद AAP प्रत्याशी आतिशी ने भाजपा प्रत्याशी रमेश बिधूड़ी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि, बाद में मामला उलझता चला गया और अब आतिशी ने खुद स्वीकार किया है कि जिसे उन्होंने रमेश बिधूड़ी का बेटा बताया था, वह कोई और था।

सोमवार रात आतिशी ने एक युवक की तस्वीर साझा करते हुए दावा किया कि वह भाजपा नेता रमेश बिधूड़ी के भतीजे मनीष बिधूड़ी हैं और कालकाजी इलाके में घूमकर चुनाव प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। कुछ देर बाद उन्होंने फिर से दावा किया कि मनीष बिधूड़ी रमेश बिधूड़ी के भतीजे नहीं, बल्कि उनके बेटे हैं। इसके बाद पुलिस ने इस मामले में एफआईआर भी दर्ज कर ली।लेकिन मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में आतिशी ने माना कि जिसे उन्होंने मनीष बिधूड़ी बताया था, वह असल में कोई और था। उन्होंने उस युवक की पहचान दिनेश चौधरी के रूप में की, जो संगम विहार का रहने वाला है। आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि भाजपा नेताओं ने रात में झुग्गी बस्तियों में जाकर लोगों को धमकाया और आचार संहिता का उल्लंघन किया।

AAP नेता के आरोपों और उनके यू-टर्न पर भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “झूठे आरोप लगाना और फिर माफी मांग लेना, यह AAP नेताओं की पुरानी आदत बन चुकी है। पहले उन्होंने मेरे बेटे के बारे में गलत दावा किया, फिर नाम बदलकर किसी और को मेरा बेटा बता दिया। मेरे एक बेटा वकील है और दूसरा विदेश में एक कंपनी में डायरेक्टर है। इस तरह के झूठे आरोप लगाना बेहद निंदनीय है।” बिधूड़ी ने आगे कहा कि “संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को ऐसी गैर-जिम्मेदाराना बयानबाजी शोभा नहीं देती। चुनाव में सस्ती लोकप्रियता पाने के लिए AAP नेता झूठ का सहारा ले रहे हैं।”

हालांकि, आतिशी अपने आरोपों पर कायम हैं। उन्होंने दावा किया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने रात को झुग्गी-झोपड़ी के लोगों को डराने की कोशिश की और उन्हें AAP को वोट न देने की धमकी दी। उन्होंने कहा कि उनकी शिकायत के बावजूद पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। इसके अलावा, आतिशी ने पुलिस पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा, “जब हमने पुलिस और चुनाव आयोग को बुलाया तो कार्रवाई करने के बजाय मेरे ही कार्यकर्ताओं को निशाना बनाया गया। दो स्थानीय युवकों को, जो इस पूरे घटनाक्रम का वीडियो बना रहे थे, पुलिस ने रातभर हिरासत में रखा और उनके साथ मारपीट की।”

अब देखना यह होगा कि चुनाव आयोग इस विवाद पर क्या रुख अपनाता है ।।


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