नई दिल्ली विधानसभा: केजरीवाल, प्रवेश वर्मा या संदीप दीक्षित, किसकी होगी जीत?
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (04 फरवरी, 2025): दिल्ली विधानसभा चुनाव के लिए आगामी 05 फरवरी को मतदान होना है। इस बार नई दिल्ली विधानसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प हो गया है। यहां से आम आदमी पार्टी (AAP) के संयोजक और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, भारतीय जनता पार्टी (BJP) के प्रवेश वर्मा और कांग्रेस के संदीप दीक्षित मैदान में हैं। यह सीट हमेशा से हाई-प्रोफाइल रही है, और इस बार का चुनाव कई राजनीतिक समीकरण बदल सकता है।
क्या केजरीवाल अपनी पकड़ बनाए रख पाएंगे?
अरविंद केजरीवाल 2013, 2015 और 2020 के विधानसभा चुनावों में इस सीट से जीतते आए हैं। बतौर मुख्यमंत्री उन्होंने बिजली, पानी, स्वास्थ्य और शिक्षा के मुद्दों पर ध्यान दिया, जिससे उन्हें मजबूत जनसमर्थन मिला। लेकिन इस बार स्थितियां बदल गई हैं।
1. मुख्यमंत्री पद से हटना:
केजरीवाल अब दिल्ली के मुख्यमंत्री नहीं हैं, जिससे सत्ता की वह पकड़ कमजोर हो सकती है, जो AAP को फायदा पहुंचाती थी।
2. भ्रष्टाचार के आरोप और गिरफ्तारी:
शराब नीति घोटाले को लेकर उनके कई सहयोगियों पर आरोप लगे हैं, जिससे उनकी छवि प्रभावित हुई है।
3. दिल्ली में केंद्र का हस्तक्षेप:
दिल्ली सरकार और केंद्र के बीच अधिकारों को लेकर लगातार टकराव रहा है, जिससे प्रशासनिक फैसलों पर असर पड़ा।
केजरीवाल के समर्थन में अभी भी उनकी योजनाओं का लाभ उठाने वाले लोग हैं, लेकिन बीजेपी इस बार उनकी कमजोरियों को भुनाने की पूरी कोशिश कर रही है।
बीजेपी की रणनीति – प्रवेश वर्मा को कितना फायदा?
बीजेपी ने इस बार साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा को मैदान में उतारा है। बीजेपी की रणनीति पूरी तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और हिंदुत्व के एजेंडे पर टिकी हुई है।
1. मोदी लहर का फायदा?
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भले ही बीजेपी को सफलता न मिली हो, लेकिन लोकसभा में बीजेपी का प्रदर्शन हमेशा शानदार रहा है। अगर मोदी लहर बनी रहती है, तो प्रवेश वर्मा को फायदा हो सकता है।
2. केजरीवाल पर भ्रष्टाचार के आरोप:
बीजेपी लगातार आम आदमी पार्टी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगा रही है और चुनाव प्रचार में इसे बड़ा मुद्दा बनाया गया है।
3. हिंदुत्व और राष्ट्रवाद:
बीजेपी हिंदुत्व और राष्ट्रवाद के मुद्दे को भी जोर-शोर से उठा रही है। प्रवेश वर्मा का संघ परिवार और जाट समुदाय में मजबूत पकड़ मानी जाती है, जो उन्हें वोट दिला सकती है।
प्रवेश वर्मा अगर केजरीवाल को उनके गढ़ में चुनौती देने में सफल होते हैं, तो यह बीजेपी के लिए बड़ी जीत होगी।
संदीप दीक्षित – कांग्रेस की खोई ज़मीन वापस आएगी?
नई दिल्ली सीट कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करती थी। शीला दीक्षित के कार्यकाल में इस क्षेत्र में कांग्रेस मजबूत रही, लेकिन AAP के उभार के बाद कांग्रेस पिछड़ गई।
1. शीला दीक्षित की विरासत:
संदीप दीक्षित को कांग्रेस के पुराने वोटरों का समर्थन मिल सकता है, लेकिन क्या यह समर्थन जीत में बदल पाएगा?
2. तीसरे नंबर की लड़ाई:
दिल्ली में कांग्रेस का संगठन कमजोर पड़ चुका है। पार्टी को मुस्लिम और पारंपरिक वोटरों को वापस लाने की चुनौती होगी।
3. क्या AAP विरोधी वोट मिलेंगे?
अगर बीजेपी और AAP में सीधी टक्कर होती है, तो कांग्रेस के पास ज्यादा मौका नहीं रहेगा, लेकिन अगर AAP विरोधी वोट बंटते हैं, तो कांग्रेस को फायदा मिल सकता है।
चुनावी माहौल और मतदाताओं की सोच
AAP समर्थक: वे अब भी केजरीवाल के काम पर भरोसा करते हैं, खासकर शिक्षा और स्वास्थ्य सुधारों पर।
BJP समर्थक: वे मोदी के नेतृत्व में विश्वास रखते हैं और केजरीवाल पर लगे भ्रष्टाचार के आरोपों को बड़ा मुद्दा मानते हैं।
कांग्रेस समर्थक: वे पुरानी कांग्रेस सरकार के विकास कार्यों को याद कर रहे हैं, लेकिन पार्टी की स्थिति कमजोर दिख रही है।
कौन जीत सकता है?
केजरीवाल: अगर AAP का कोर वोट बैंक बना रहता है, तो उनकी जीत संभव है। जोकि कुछ कम हुए हैं।
प्रवेश वर्मा: अगर मोदी लहर और AAP के खिलाफ माहौल बना, तो बीजेपी जीत सकती है। परंतु स्थानीय मुद्दे ज्यादा महत्वपूर्ण हो रहे है।
संदीप दीक्षित: अगर कांग्रेस अपने वोटरों को संगठित कर लेती है और AAP विरोधी वोट बंट जाते हैं, तो वह चौंका सकते हैं।
नई दिल्ली सीट पर फिलहाल सीधा मुकाबला अरविंद केजरीवाल और प्रवेश वर्मा के बीच दिख रहा है। हालांकि, अगर संदीप दीक्षित कांग्रेस के वोटरों को वापस जोड़ने में सफल हुए, तो मुकाबला त्रिकोणीय हो सकता है।।
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