भाकियू को बड़ी सफलता: अस्तौली गांव के किसानों को मिला अतिरिक्त मुआवजा
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (28 जनवरी 2025): 65 दिन के धरने के बाद किसानों को मिला 1400 रुपये प्रति वर्गमीटर का बढ़ा हुआ मुआवजा। गौतम बुद्ध नगर के अस्तौली गांव में डंपिंग ग्राउंड के मुआवजे को लेकर किसानों का संघर्ष आखिरकार सफल रहा। भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में मार्च 2024 से शुरू हुआ यह धरना 65 दिनों तक चला। किसानों ने अपनी जमीन के मुआवजे में वृद्धि की मांग को लेकर आंदोलन किया था। जिलाधिकारी गौतम बुद्ध नगर के आश्वासन पर अप्रैल 2024 में धरने को अस्थायी रूप से स्थगित कर दिया गया था।
मुआवजे में 1400 रुपये प्रति वर्गमीटर की वृद्धि
ग्रेटर नोएडा स्थापना दिवस के अवसर पर अस्तौली गांव के किसानों को डंपिंग ग्राउंड के लिए अंतर धन राशि के रूप में 1400 रुपये प्रति वर्गमीटर का बढ़ा हुआ मुआवजा वितरित किया गया। इस मौके पर जेवर विधायक धीरेंद्र सिंह, भारतीय किसान यूनियन के पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना, ग्राम प्रधान राजे प्रधान, रोबिन नागर, सुनील प्रधान और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अधिकारी मौजूद रहे। प्राधिकरण की ओर से एसीओ सुनील सिंह, प्रेरणा और अन्नपूर्णा ने किसानों को मुआवजा वितरण प्रक्रिया में सहयोग किया।
10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त धनराशि वितरित
कुल 16 डंपिंग ग्राउंड के किसानों को इस मुआवजा वितरण के तहत 10 करोड़ रुपये की अतिरिक्त राशि दी गई। कार्यक्रम के दौरान सैकड़ों किसान उपस्थित रहे, जिन्होंने अपनी वर्षों पुरानी मांग के पूरा होने पर संतोष व्यक्त किया।
धरने के दौरान किसानों की मांग
भारतीय किसान यूनियन ने मार्च 2024 में मुआवजे में वृद्धि के लिए आंदोलन शुरू किया था। किसानों का कहना था कि उनकी जमीन का मुआवजा उनकी उम्मीदों और बाजार दरों के अनुसार नहीं था। संगठन के नेताओं ने जिलाधिकारी से वार्ता की और उन्हें अपनी समस्याओं से अवगत कराया। जिलाधिकारी ने आश्वासन दिया था कि सरकार से बातचीत कर मुआवजा राशि बढ़ाने का प्रयास किया जाएगा।
प्रशासन और सरकार का प्रयास
किसानों की मांग को लेकर जिला प्रशासन ने राज्य सरकार से वार्ता की। इसके परिणामस्वरूप मुआवजा राशि में 1400 रुपये प्रति वर्गमीटर की वृद्धि की गई। यह कदम किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने और उनकी जमीन के उचित मूल्य को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया गया।
किसानों की प्रतिक्रिया
मुआवजा प्राप्त करने के बाद किसानों ने भारतीय किसान यूनियन और प्रशासन के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि संगठन के निरंतर प्रयासों और जिला प्रशासन के सहयोग से उनकी मांगें पूरी हुईं। किसान नेताओं ने इस जीत को किसानों के अधिकारों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
यह घटना दिखाती है कि जब किसान एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष करते हैं, तो उनकी आवाज को दबाया नहीं जा सकता। भारतीय किसान यूनियन ने एक बार फिर साबित किया है कि किसानों के हक की लड़ाई में वह हमेशा अग्रिम पंक्ति में खड़ा रहेगा। अस्तौली गांव के किसानों को मिला यह मुआवजा संघर्ष और सहयोग का प्रतीक है। यह न केवल उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारने का काम करेगा, बल्कि किसानों के लिए एक नई उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत भी बनेगा।
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