नई दिल्ली (21 जनवरी 2025): दिल्ली की राजनीति में रावण को लेकर बयानबाजी का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के मुखिया और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने अपने बयान का बचाव करते हुए बीजेपी पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने आरोप लगाया कि उनके बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है और बीजेपी इसे राजनीतिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रही है।
केजरीवाल का बचाव
प्रेस वार्ता करते हुए केजरीवाल ने कहा, “मैंने जो कहा, वह गरीबों और आम जनता के अधिकारों के लिए था। लेकिन बीजेपी ने मेरे बयान को गलत तरीके से पेश करके एक बेवजह का विवाद खड़ा किया है। रावण एक प्रतीक है, और मैंने उसे सिर्फ उस तरह के शासकों का प्रतिनिधि कहा, जो सत्ता के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
केजरीवाल ने यह भी कहा कि बीजेपी असल मुद्दों से भटकाने के लिए इस विवाद को बढ़ावा दे रही है। उन्होंने जनता से अपील करते हुए कहा कि वे बीजेपी की “साजिश” को समझें और दिल्ली के विकास को लेकर उनके द्वारा किए गए कामों पर ध्यान दें।
केजरीवाल ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए कहा,
“बीजेपी झूठ और नफरत की राजनीति करती है। वे न तो गरीबों के लिए कुछ करते हैं, न ही उनके अधिकारों की रक्षा करते हैं। उनके पास असली मुद्दों पर बात करने के लिए कुछ नहीं है, इसलिए वे धार्मिक प्रतीकों और भावनाओं का इस्तेमाल करके जनता को गुमराह करते हैं।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि बीजेपी झुग्गी वासियों, मजदूरों, और निम्न वर्ग के खिलाफ योजनाएं बना रही है।
“वे गरीबों को रावण कह रहे हैं और अमीरों के लिए काम कर रहे हैं। अगर यह सही नहीं है, तो जनता को जवाब दें कि क्यों वे अडानी जैसे उद्योगपतियों के लिए नीतियां बना रहे हैं, लेकिन गरीबों के लिए कुछ नहीं कर रहे?”
बीजेपी का पलटवार
बीजेपी ने केजरीवाल के बयान को “हिंदू समाज का अपमान” करार दिया और कहा कि केजरीवाल खुद अपनी असफलताओं को छिपाने के लिए इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं। बीजेपी प्रवक्ता ने कहा, “केजरीवाल जानबूझकर धार्मिक भावनाओं को आहत कर रहे हैं। यह उनकी पुरानी रणनीति है कि वे असली मुद्दों से ध्यान भटकाकर जनता को गुमराह करें।”
बीजेपी ने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के नेता बार-बार विवादित बयान देकर जनता की सहानुभूति हासिल करने की कोशिश करते हैं, लेकिन इस बार उन्हें जवाब देना होगा।
AAP के नेता लगातार बीजेपी पर “अमीरों के हितैषी” होने का आरोप लगा रहे हैं, जबकि बीजेपी खुद को “सबका साथ, सबका विकास” के एजेंडे पर काम करने वाली पार्टी बताने में जुटी है।
रावण पर शुरू हुआ यह विवाद सियासी बिसात का एक और मोहरा बन गया है। जहां एक ओर केजरीवाल इसे गरीबों और झुग्गी वासियों के अधिकारों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं बीजेपी इसे हिंदू भावनाओं से। असली सवाल यह है कि क्या इस सियासी शोर में जनता के असली मुद्दे दबकर रह जाएंगे, या यह विवाद दिल्ली के चुनावी नतीजों को प्रभावित करेगा।।
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