ग्रेटर नोएडा (17 जनवरी 2025): जहां एक तरफ पूरे देश में जाति, धर्म, संप्रदाय सहित अलग-अलग मुद्दों पर चर्चाएं आम हो चली है वहीं जिला सहारनपुर में आज कल शिक्षा पर चर्चा की धूम है। शिक्षा पर चर्चा की इस धूम के पीछे वरिष्ठ शिक्षाविद् , समाज सेवी, पर्यावरण प्रेमी एवं बरगद बाबा के नाम से मशहूर प्रोफेसर कुलदीप मलिक का जिले में एक सप्ताह का प्रवास है जहां वह अलग-अलग शैक्षणिक संस्थाओं में जाकर शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे लोगों से शिक्षा पर चर्चा करते नजर आ रहे है।
प्रोफेसर कुलदीप मलिक ने अपने प्रवास की शुरुआत पिछले रविवार से छुटमलपुर क्षेत्र से की थी जहां उन्होंने राजकीय बालिका हाई स्कूल तोता टांडा, गुरु नानक इंटर कॉलेज कुरड़ी खेड़ा, इंदिरा गांधी इंटर कॉलेज तल्लापुर, जय किसान शाकुंभरी देवी इंटर कॉलेज फतेहपुर कला, नेहरू इंटर कॉलेज कलासिया, महर्षि दयानंद इंटर कॉलेज कलासिया, वैदिक इंटर कॉलेज मुजफ्फराबाद, ए एच पी इंटर कॉलेज छुटमलपुर, राष्ट्रीय विद्यापीठ छुटमलपुर, ग्रीन फील्ड इंटर कॉलेज छुटमलपुर जैसे शैक्षणिक संस्थानों में जाकर अपने उद्बोधन से शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले लोगों से शिक्षा पर चर्चा करके उन्हें जागरूक करने का कार्य किया। बाद में उन्होंने गागल हेड़ी, नागल, तल्लहेड़ी और रामपुर मनिहारान क्षेत्र के राजकीय हाई स्कूल सोना माजरा, राजकीय कन्या इंटर कॉलेज गंगाल हेड़ी, सियाराम इंटर कॉलेज गागल हेड़ी, SR पब्लिक स्कूल गागल हेड़ी, सत्य श्री इंटर कॉलेज गागल हेड़ी, HPH इंटर कॉलेज गागल हेड़ी, जनता इंटर कॉलेज नांगल, भारतीय इंटर कॉलेज तल्लहेड़ी, सर्वोदय एकेडमी तल्लहेड़ी, दिव्य ज्ञान ज्योति इंटर कॉलेज तल्लहेड़ी, संस्कार भारती कन्वेंट स्कूल तल्लहेड़ी, गोचर इंटर कॉलेज रामपुर मनिहारान, सरदार पटेल गोचर कन्या विद्यालय रामपुर मनिहारान, गोचर महाविद्यालय रामपुर मनिहारान, जैन इंटर कॉलेज रामपुर मनिहारान एवं चमन लाल दिगंबर जैन कन्या इंटर कॉलेज रामपुर मनिहारान जैसे शैक्षणिक संस्थानों में जाकर शिक्षा क्षेत्र में काम करने वाले सभी लोगों को शिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम के संबंध में जागरूक किया।
प्रोफेसर कुलदीप मलिक के अनुसार आज शिक्षा क्षेत्र के चारों पिलर जिसमें शिक्षक, छात्र छात्राएं(युवा), अभिभावक एवं प्रबंधक शामिल है धराशाई होने की रहा पर है और सरकार शिक्षा क्षेत्र पर ध्यान न देकर जनता को जाति, धर्म एवं संप्रदाय के मुद्दों पर लोगों को गुमराह करने का कार्य कर रही है। प्रोफेसर मलिक के अनुसार पिछले 20 सालों में शिक्षा का सबसे कम बजट इसी का एक बड़ा उदाहरण है। उन्होंने जगह-जगह देश में सम शिक्षा व्यवस्था की आवाज उठाकर सरकारी क्षेत्र में काम करने वाले शिक्षकों को पुरानी पेंशन बहाली एवं वित्तीय विहीन में काम करने वाले शिक्षकों को एक सम्मानजनक मानदेय देने की सरकार से मांग की। उन्होंने सरकार से अलग अलग जगहों पर सवाल किया कि जिस देश में गुरु सामाजिक, राजनीतिक एवं आर्थिक रूप से कमजोर होता जा रहा हो तो फिर उस देश को विश्व गुरु यानी विकसित कैसे बनाया जा सकता है?
ध्यान रहे प्रोफेसर मलिक 4 साल पहले मेरठ सहारनपुर मंडल से एमएलसी शिक्षक वर्ग में चुनाव भी लड़ चुके हैं और वह पिछले कहीं दशकों से शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यावरण एवं बढ़ती जनसंख्या जैसे मुद्दों पर लोगों को जागरूक करने का काम कर रहे है। अभी हाल ही में उन्होंने अपनी मातश्री शिक्षाविद् वेदवती देवी की की प्रथम पुण्यतिथि पर राष्ट्रीय स्तर पर शिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का शुभारंभ किया है।
इसी कार्यक्रम के तहत वह एक सप्ताह के प्रवास पर सहारनपुर जिले में अलग-अलग विद्यालयों में जाकर शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोगों लोगों से मिलकर शिक्षा के मुद्दे पर उन्हें जागरूक करने का काम तो कर ही रहे हैं साथ ही साथ लगभग प्रत्येक संस्थान में बरगद के पौधे लगाकर सभी को पर्यावरण संरक्षण के लिए भी प्रेरित कर रहे हैं। प्रोफेसर मलिक के अनुसार देश को विकसित करने का रास्ता केवल और केवल शिक्षा के गलियारे से होकर गुजरता है और इस गलियारे को आज के समय में दुरुस्त करने की सख्त आवश्यकता है।
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