एनपीसीएल दफ्तर का किसानों ने किया घेराव, खेड़ी भनौता की घटना पर जताया रोष
टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (5 फरवरी 2025): जिले में किसानों का गुस्सा एक बार फिर बिजली कंपनी एनपीसीएल के खिलाफ फूटा। अखिल भारतीय किसान सभा और किसान एकता संघ के नेतृत्व में सैकड़ों किसानों ने एनपीसीएल के तुगलपुर स्थित कार्यालय का घेराव किया और धरने पर बैठ गए। इस दौरान खेड़ी भनौता गांव में हुई एक घटना को लेकर किसानों ने कड़ा आक्रोश जताया।
खेड़ी भनौता की घटना पर रोष, कार्रवाई का आश्वासन
धरने के दौरान किसानों ने खेड़ी भनौता गांव में संतराज के परिवार के साथ हुई कथित बदसलूकी पर नाराजगी जाहिर की। एनपीसीएल अधिकारियों से बातचीत के लिए 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भेजा गया, जिसमें अधिकारियों ने 12 फरवरी तक जांच के आधार पर उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया।
हालांकि, किसानों द्वारा उठाए गए अन्य प्रमुख मुद्दों—फिक्स कनेक्शन को जारी रखने, बिजली समस्याओं का स्थायी समाधान निकालने और चोरी के मामलों में दर्ज मुकदमों को रद्द करने—पर कोई ठोस सहमति नहीं बन पाई। इस संबंध में अब 13 फरवरी को दोबारा वार्ता होगी।
आंदोलन के लिए किसानों को तैयार रहने का आह्वान
वार्ता के असफल रहने के बाद किसानों को संबोधित करते हुए किसान सभा के जिला अध्यक्ष डॉ. रुपेश वर्मा ने कहा कि एनपीसीएल के रुख से साफ है कि किसानों को अपने हक के लिए बड़ा आंदोलन करना होगा। उन्होंने सभी किसानों से 13 फरवरी को होने वाले आंदोलन के लिए तैयार रहने की अपील की।
किसान एकता संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सोरन प्रधान ने एनपीसीएल पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा, “बिजली कंपनी झूठे मुकदमे दर्ज कर किसानों का उत्पीड़न कर रही है। अब हमारे पास आंदोलन के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा है। हमें दिन-रात धरना देने की तैयारी करनी होगी।”
किसान सभा के संयोजक वीर सिंह नागर ने भी आंदोलन को आर-पार की लड़ाई बताते हुए कहा कि जब तक किसानों की मांगें नहीं मानी जातीं, तब तक मोर्चा जारी रहेगा। उन्होंने किसानों से अपील की कि वे पूर्ण तैयारी के साथ लंबे आंदोलन के लिए तैयार रहें।
धरना प्रदर्शन में किसानों की भारी भागीदारी
इस विरोध प्रदर्शन में खेड़ी भनौता गांव सहित विभिन्न क्षेत्रों से किसान बड़ी संख्या में शामिल हुए। प्रमुख किसान नेताओं में शेरू, गुरप्रीत एडवोकेट, सतीश कनारसी, विक्रम, मुकेश मटोल, सतीश नेताजी, डॉ. जगदीश, अजीत एडवोकेट, सत्येंद्र, संतराज, सुरेश यादव, गवरी मुखिया, अशोक भाटी, शिशांत भाटी, निशांत रावल, सुधीर रावल, पप्पू ठेकेदार, एसपी सिंह, नितिन चौहान, ओमदत्त शर्मा, देशराज राणा, अजब सिंह नेताजी, बॉबी भाटी, सुशील सुनपुरा, नरेश नागर, सुंदर प्रधान, अरुण सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
अब सभी की निगाहें 13 फरवरी को होने वाली वार्ता और किसानों के आगामी आंदोलन पर टिकी हैं। यदि वार्ता फिर विफल रही तो किसान बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
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