संजय सिंह ने जाति जनगणना और आरक्षण पर सरकार को घेरा, बोले- सामाजिक न्याय के लिए लड़ाई जारी रहेगी
टेन न्यूज नेटवर्क
नई दिल्ली (03 दिसंबर, 2024): नई दिल्ली के न्यू महाराष्ट्र सदन में आयोजित “ऑल इंडिया फेडरेशन फॉर सोशल जस्टिस” की तीसरे राष्ट्रीय सम्मेलन में आप नेता संजय सिंह ने जाति जनगणना, महिला अधिकार और आरक्षण जैसे अहम मुद्दों पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि जाति जनगणना का मुद्दा आज सरकार के लिए सबसे बड़ा सिरदर्द बन गया है और सरकार इस मुद्दे से ध्यान भटकाने की हरसंभव कोशिश कर रही है।
जाति जनगणना क्यों ज़रूरी?
संजय सिंह ने जाति जनगणना की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए कहा कि इससे वंचित वर्गों के लिए नीतियां और योजनाएं प्रभावी ढंग से बनाई जा सकती हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर हमें यह नहीं पता कि तमाम श्रेणियों की कितनी भागीदारी है, तो कल्याणकारी योजनाएं कैसे धरातल पर लागू होंगी।
भेदभाव के किस्से और समाज की हकीकत
उन्होंने समाज में व्याप्त भेदभाव की कुछ घटनाओं का जिक्र किया, जैसे बुलंदशहर में एक दलित जाति के व्यक्ति को घोड़ी पर चढ़ने के लिए पुलिस सुरक्षा लेनी पड़ी और गुजरात में अनुसूचित जाति के एक बच्चे का अंगूठा काट लिया गया, क्योंकि उसने एक गेंद को छू लिया था। यह घटनाएं दिखाती हैं कि समाज में अभी भी समानता का अभाव है।
आरक्षण और निजीकरण
संजय सिंह ने कहा कि सरकार निजीकरण के जरिए आरक्षण को खत्म कर रही है। लेटरल एंट्री और आउटसोर्सिंग जैसे तरीकों से आरक्षित वर्गों के अधिकारों को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि यह प्रक्रिया सामाजिक न्याय के लिए खतरा बन सकती है।
संघ और बीजेपी पर निशाना
आरएसएस और बीजेपी पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज तक संघ प्रमुखों में कोई दलित या पिछड़ा नहीं हुआ है। बीजेपी के संगठन में भी इसी तरह के भेदभाव का उदाहरण मिलता है।
जाति जनगणना का समर्थन जरूरी
संजय सिंह ने सभी सामाजिक न्याय समर्थकों से जाति जनगणना के मुद्दे को जीवित रखने और सरकार पर दबाव बनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह मुद्दा फीका नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि यह सामाजिक न्याय के स्तंभों में से एक है।
उन्होंने कहा, “जाति जनगणना से समाज में व्याप्त असमानता को उजागर किया जा सकता है और वंचित वर्गों को उनका हक दिलाया जा सकता है। यह समय एकजुट होने और न्याय की लड़ाई लड़ने का है। इस मुद्दे पर आम आदमी पार्टी का सभी दलों के साथ पूरा समर्थन है।”
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