YEIDA के सेक्टर-32 व 33 में उद्यमी उद्योग शुरू करें, वरना होगी कार्रवाई: राकेश कुमार सिंह, CEO, YEIDA
टेन न्यूज नेटवर्क
Greater Noida News (15 नवंबर 2025): यमुना एक्सप्रेसवे इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट एरिया (YEIDA) के सेक्टर-32 और 33 से जुड़े पुराने औद्योगिक मामलों को लेकर Yamuna Expressway Entrepreneurs Association (YEEA) ने जिलाधिकारी गौतमबुद्ध नगर को पत्र लिखते हुए हस्तक्षेप की मांग की है। एसोसिएशन का कहना है कि 2013 की औद्योगिक प्लॉट स्कीम के अंतर्गत आवंटित कई प्लॉट्स पर अभी तक बुनियादी सुविधाएँ उपलब्ध नहीं हैं और पूर्ण कब्ज़ा भी लंबित है। 12 साल बीत जाने के बाद भी बिजली, पानी, सड़क और सुरक्षा जैसी बेसिक सुविधाओं जैसे मुद्दों पर समाधान की मांग की है। यह पत्र आगामी उद्योग बंधु बैठक से ठीक पहले भेजा गया है।
YEEA का पक्ष: पुरानी समस्याएं अब भी अनसुलझी
YEEA ने अपने पत्र में साफ कहा है कि लगभग 20–30% भूमि अधिग्रहण अभी अधूरा बताया जा रहा है, कई प्लॉट धारकों की चेकलिस्ट जारी नहीं हुई है और ज़ीरो पीरियड समेत अन्य लंबित प्रक्रियाएँ निवेशकों को परेशान कर रही हैं। एसोसिएशन का कहना है कि अधूरे बुनियादी ढांचे की वजह से उद्योग स्थापित करने में लगातार बाधाएँ उत्पन्न हो रही हैं और इस कारण से MSME इकाइयां शुरू नहीं हो पाई है।
यमुना प्राधिकरण के CEO का बयान
इस बीच YEIDA के CEO राकेश कुमार सिंह (IAS) ने टेन न्यूज़ नेटवर्क से बातचीत में उद्यमियों के आरोपों पर अपनी स्पष्ट स्थिति रखी। उन्होंने बताया कि सेक्टर-32 और 33 में 80% से अधिक भूमि अधिग्रहण पूरा हो चुका है तथा कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय कंपनियाँ अपनी यूनिट स्थापित कर उत्पादन शुरू कर चुकी हैं। उनके अनुसार क्षेत्र में सड़क, बिजली, पानी और सुरक्षा से जुड़ी सुविधाओं के विकास पर निरंतर काम हो रहा है और अधिकांश प्लॉट ऐसे हैं जहाँ उद्योग तुरंत शुरू किए जा सकते हैं। सख्त रुख अपनाते हुए यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने कहा कि , इतने वर्षों में जहां जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट (Jewar International Airport) जैसा मेगा प्रोजेक्ट लगभग पूरा हो गया, वहीं कुछ प्लॉट मालिक अब भी उद्योग शुरू नहीं कर पाए, क्यों?
सरकार ने ये प्लॉट रोजगार बढ़ाने और उद्योग बढ़ाने के लिए दिए: सीईओ
CEO ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसे प्लॉट धारकों की पहचान की जा रही है जिन्होंने वर्षों बीत जाने के बाद भी निर्माण या उत्पादन शुरू नहीं किया है। उन्होंने कहा कि कई लोग प्लॉट लेकर उद्योग लगाने के बजाय उसे निवेश और पुनर्विक्रय का साधन बनाए हुए हैं। इस पर सख्त रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा,
“सरकार ने ये प्लॉट रोजगार बढ़ाने और उद्योग को बढ़ावा देने के लिए दिए थे, न कि प्रॉपर्टी डीलिंग के लिए। जो लोग सिर्फ कीमत बढ़ने का इंतज़ार कर रहे हैं, उनके प्लॉट जल्द ही कैंसल किए जाएंगे।”
YEIDA ने इसके लिए एक विशेष टीम नियुक्त की है जो देरी, गैर-अनुपालन और निवेश उद्देश्यों से प्लॉट होल्ड करने के मामलों की जांच कर रही है। CEO के अनुसार यदि समय पर उद्योग स्थापित होते, तो क्षेत्र में अब तक 4 लाख से अधिक रोजगार उत्पन्न हो सकते थे, लेकिन कई प्लॉट खाली रहने से यह लक्ष्य प्रभावित हुआ है।
इधर उद्यमी एसोसिएशन ने प्रशासन से स्पष्ट टाइमलाइन, सुविधाओं में तेजी और लंबित फाइलों के समाधान की मांग की है। वहीं YEIDA ने भरोसा दिलाया है कि सरकार की उद्योग-हितैषी नीति के अनुरूप आवश्यक विकास कार्य और प्रशासनिक कार्रवाई जारी रहेगी।।
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