RAU’S कोचिंग सेंटर हादसा: दो फायर अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई, एलजी सक्सेना ने दी मंजूरी

New Delhi News (07 November 2025): दिल्ली के उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने RAU’S कोचिंग सेंटर हादसे के मामले में बड़ी कार्रवाई की है। उपराज्यपाल ने दिल्ली फायर सर्विस (DFS) के दो वरिष्ठ अधिकारियों वेदपाल और उदयवीर सिंह के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक जांच को मंजूरी दे दी है। दोनों अधिकारी 27 जुलाई 2024 को ओल्ड राजेंद्र नगर स्थित कोचिंग सेंटर की बेसमेंट लाइब्रेरी में हुई तीन छात्रों की दर्दनाक मौत के बाद निलंबित कर दिए गए थे। जांच में पाया गया कि दोनों अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान सुरक्षा नियमों की घोर अनदेखी की थी।

हादसे की पृष्ठभूमि: बारिश में डूब गई बेसमेंट, तीन छात्रों की मौत

यह दर्दनाक घटना 27 जुलाई 2024 को उस समय हुई थी जब दिल्ली में मूसलाधार बारिश ने जनजीवन ठप कर दिया था। भारी जलभराव के कारण RAU’S IAS Study Circle कोचिंग सेंटर की बेसमेंट में अचानक पानी घुस गया। पानी का दबाव इतना अधिक था कि बेसमेंट का गेट टूट गया और देखते ही देखते 10 से 12 फीट तक गंदा पानी भर गया। इस दौरान तीन युवा छात्राएं — श्रेया यादव, तान्या सोनी और नवीन — बेसमेंट में फंस गईं और डूबने से उनकी मौत हो गई। बाकी छात्रों को एनडीआरएफ और फायर डिपार्टमेंट ने कड़ी मशक्कत के बाद बाहर निकाला था।

बेसमेंट का अवैध इस्तेमाल बना हादसे की वजह

जांच में यह बात सामने आई कि कोचिंग सेंटर के बेसमेंट को अवैध रूप से लाइब्रेरी के रूप में उपयोग किया जा रहा था, जबकि मंजूरी केवल पार्किंग या स्टोर रूम के लिए दी गई थी। यहां जल निकासी की कोई उचित व्यवस्था नहीं थी और निकास द्वारों पर लगे बायोमेट्रिक लॉक भी हादसे के वक्त जाम हो गए। यह लापरवाही छात्रों की जान लेने का कारण बनी। DM की रिपोर्ट में कहा गया कि फायर अधिकारियों ने निरीक्षण के दौरान इस खतरनाक व्यवस्था को अनदेखा कर फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी करने की सिफारिश की थी।

जांच में उजागर हुई मिलीभगत और लापरवाही

जिला मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट के अनुसार, अधिकारी वेदपाल और उदयवीर सिंह ने 1 जुलाई 2024 को फायर सेफ्टी निरीक्षण किया था, लेकिन बेसमेंट के दुरुपयोग पर कोई आपत्ति नहीं जताई। उनकी सिफारिश पर ही 9 जुलाई को अग्निशमन विभाग ने फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट जारी कर दिया। रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि दोनों अधिकारियों ने जानबूझकर तथ्यों को छिपाया और अवैध निर्माण की जानकारी उच्च अधिकारियों को नहीं दी। इस वजह से उन्हें “गंभीर लापरवाही और मिलीभगत” का दोषी पाया गया।

उपराज्यपाल का सख्त रुख, तय समय में पूरी हो जांच

उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने इस मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए कहा कि विभागीय जांच निर्धारित समयसीमा में पूरी की जाए। उन्होंने निदेशालय सतर्कता को निर्देश दिया है कि मामले से जुड़े सभी दस्तावेजों की विस्तृत जांच कर दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। एलजी ने यह भी कहा कि सरकारी अधिकारियों की लापरवाही से छात्रों की जान गई है, इसलिए किसी भी स्तर पर ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

शिक्षा संस्थानों में सुरक्षा को लेकर उठे सवाल

इस हादसे ने दिल्ली के कोचिंग हब ओल्ड राजेंद्र नगर और मुखर्जी नगर में सुरक्षा मानकों को लेकर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। राजधानी में हजारों छात्र बेसमेंट लाइब्रेरी में पढ़ाई करते हैं, जिनमें से अधिकतर जगहों पर फायर सेफ्टी या आपात निकास की व्यवस्था नहीं है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह घटना चेतावनी है कि सुरक्षा नियमों का पालन किए बिना चल रहे कोचिंग सेंटरों पर तुरंत कार्रवाई होनी चाहिए, ताकि ऐसी त्रासदी दोबारा न हो।।


Discover more from टेन न्यूज हिंदी

Subscribe to get the latest posts sent to your email.

टिप्पणियाँ बंद हैं।