अब मुखर्जी नगर नहीं ये इलाका बनेगा प्रतियोगी छात्रों का अड्डा, एलजी ने दी मंजूरी

टेन न्यूज़ नेटवर्क

New Delhi News (06 November 2025): राजधानी दिल्ली में कोचिंग सेंटरों के लिए एक बड़ी पहल की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। उपराज्यपाल वीके सक्सेना की अध्यक्षता में हुई दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए) की बैठक में नरेला इलाके को कोचिंग और एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। इस निर्णय के तहत बाहरी दिल्ली में एजुकेशन हब के साथ एक आधुनिक स्टेडियम भी बनाया जाएगा। यह कदम उस योजना का हिस्सा है जिसके तहत भीड़भाड़ वाले इलाकों से कोचिंग संस्थानों को व्यवस्थित ढंग से स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है।

लक्ष्मी नगर और मुखर्जी नगर जैसे इलाकों पर पड़ेगा असर

दिल्ली के लक्ष्मी नगर, मुखर्जी नगर, बेर सराय, कटवारिया सराय और राजेंद्र नगर जैसे घनी आबादी वाले इलाकों में वर्षों से चल रहे कोचिंग सेंटर अब नरेला जैसे योजनाबद्ध क्षेत्र में स्थानांतरित किए जाएंगे। पिछले साल आरएयूज़ आईएएस कोचिंग हादसे के बाद एमसीडी ने बिना अनुमति चल रहे सैकड़ों कोचिंग सेंटरों पर कार्रवाई की थी, जिसके बाद उपराज्यपाल ने एक बैठक बुलाई थी। उसी प्रक्रिया के तहत अब नरेला को एजुकेशन जोन के रूप में विकसित करने का फैसला लिया गया है।

नरेला को मिलेगा नया स्वरूप

रोहिणी और नरेला जैसे क्षेत्रों में पहले से डीडीए द्वारा बनाए गए हज़ारों फ्लैट खाली पड़े हैं। इन इलाकों में कोचिंग हब बनने के बाद न केवल शिक्षा से जुड़े संस्थानों को आधुनिक सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि छात्रों को रहने की समस्या से भी राहत मिलेगी। डीडीए का उद्देश्य है कि एक ही परिसर में पढ़ाई और आवास दोनों की सुविधा उपलब्ध कराई जाए ताकि छात्रों की सुरक्षा और सुविधा सुनिश्चित की जा सके।

छात्रों की परेशानियों पर विशेष ध्यान

इस निर्णय से पहले हुई बैठकों में छात्र प्रतिनिधियों ने उपराज्यपाल से मिलकर अपनी समस्याएं साझा की थीं। उन्होंने बताया था कि पुराने इलाकों में मकान मालिक किराए के नाम पर भारी वसूली करते हैं, बिजली के दाम 24 रुपये प्रति यूनिट तक वसूलते हैं, और रिफंड या बुनियादी सुविधाओं को लेकर कोई शिकायत निवारण तंत्र मौजूद नहीं है। इन समस्याओं को देखते हुए उपराज्यपाल ने पारदर्शी और व्यवस्थित वातावरण में कोचिंग संस्थानों के संचालन की दिशा में ठोस कदम उठाने के निर्देश दिए।

डीडीए की बैठक में अन्य अहम फैसले

उपराज्यपाल की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में नरेला कोचिंग हब के अलावा कई अन्य प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली। इनमें दिल्ली के सबसे पुराने रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स — सफदरजंग डेवलपमेंट एरिया और ओल्ड राजेंद्र नगर — के पुनर्विकास को भी स्वीकृति दी गई। दोनों कॉम्प्लेक्स की संरचनात्मक हालत बेहद खराब हो चुकी थी, जिसे अब नए स्वरूप में विकसित किया जाएगा।

एनबीसीसी को मिली जिम्मेदारी
डीडीए ने इन पुनर्विकास

परियोजनाओं के लिए नेशनल बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन कॉरपोरेशन (एनबीसीसी) को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के रूप में नियुक्त किया है। एनबीसीसी को इन दोनों परियोजनाओं के साथ-साथ अन्य पुराने स्टाफ क्वॉर्टर के पुनर्निर्माण की योजना तैयार करने का भी कार्य सौंपा गया है। इससे दिल्ली के आवासीय ढांचे में नवीनीकरण और सुरक्षा दोनों सुनिश्चित किए जाएंगे।

भविष्य की योजनाओं का खाका तैयार

डीडीए की बैठक में लैंड पूलिंग पॉलिसी, कमर्शियल सेंटरों के लिए एफएआर (फ्लोर एरिया रेशियो) में सुधार जैसे कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को भी मंजूरी दी गई। विशेषज्ञों का मानना है कि नरेला में एजुकेशन हब का निर्माण दिल्ली के शैक्षणिक ढांचे को नई दिशा देगा और इसे राष्ट्रीय स्तर पर एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत किया जा सकेगा। यह निर्णय न केवल छात्रों की सुविधा के लिए बल्कि दिल्ली के शहरी नियोजन के लिहाज से भी एक बड़ा कदम माना जा रहा है।।


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