कैसे Marriott International ने बिना एक भी होटल खरीदे बनाया अरबों डॉलर का साम्राज्य

टेन न्यूज नेटवर्क

National News (04/11/2025): दुनिया की सबसे बड़ी होटल चेन Marriott International के पास आज हजारों होटल हैं, लेकिन हैरानी की बात यह है कि इनमें से एक भी होटल की इमारत कंपनी की अपनी नहीं है। Marriott ने पारंपरिक होटल व्यवसाय की धारणा को बदलते हुए एक अनोखा “एसेट-लाइट मॉडल” अपनाया है, जिसने उसे अरबों डॉलर का साम्राज्य खड़ा करने में मदद की है।

इस मॉडल के तहत Marriott खुद रियल एस्टेट में निवेश नहीं करती, बल्कि होटल मालिकों के साथ फ्रैंचाइज़ी और मैनेजमेंट एग्रीमेंट करती है। कंपनी अपने पार्टनर होटलों को ब्रांड नाम, प्रबंधन विशेषज्ञता, बुकिंग नेटवर्क और लॉयल्टी प्रोग्राम (Marriott Bonvoy) प्रदान करती है, जबकि होटल की इमारत, रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी होटल मालिक की होती है। इसके बदले Marriott को मैनेजमेंट फीस और फ्रैंचाइज़ी रॉयल्टी के रूप में आय होती है।

इस रणनीति ने Marriott को न्यूनतम पूंजी निवेश के साथ वैश्विक स्तर पर तेजी से विस्तार करने का मौका दिया। आज कंपनी के पास दुनिया भर में 8,800 से अधिक होटल और 30 से ज़्यादा ब्रांड हैं, जिनमें Ritz-Carlton, JW Marriott, Sheraton, Courtyard और Fairfield जैसे नाम शामिल हैं। भारत में भी Marriott के 140 से अधिक होटल संचालित हैं, और आने वाले वर्षों में दर्जनों नए प्रोजेक्ट शुरू होने की योजना है। कंपनी का कहना है कि भारत उसके सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक है, खासकर टियर-2 और टियर-3 शहरों में।

Marriott का यह मॉडल इसलिए भी सफल रहा क्योंकि यह रियल एस्टेट जोखिमों से मुक्त है। कंपनी को न तो संपत्ति खरीदनी पड़ती है और न ही बाजार मूल्य में उतार-चढ़ाव की चिंता करनी होती है। इसके बजाय वह अपने ब्रांड वैल्यू और संचालन दक्षता के बल पर लगातार मुनाफा कमाती है। यही कारण है कि Marriott हर साल अरबों डॉलर का स्थायी राजस्व अर्जित करती है, जबकि उसका पूंजीगत खर्च बेहद सीमित रहता है।

हालांकि इस मॉडल की कुछ चुनौतियाँ भी हैं — जैसे सभी फ्रैंचाइज़ी होटलों में एक जैसा ग्राहक अनुभव सुनिश्चित करना, ब्रांड की गुणवत्ता बनाए रखना और होटल मालिकों के साथ अनुबंधों का संतुलित प्रबंधन करना। फिर भी Marriott ने सख्त गुणवत्ता मानकों, निरीक्षण प्रणालियों और वैश्विक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के ज़रिए इन चुनौतियों को काफी हद तक सफलतापूर्वक संभाला है।

Marriott International का यह बिजनेस मॉडल इस बात का प्रतीक है कि कभी-कभी संपत्ति से ज़्यादा महत्व सोच और रणनीति का होता है। बिना एक भी होटल खरीदे, सिर्फ अपने ब्रांड और प्रबंधन सेवाओं के दम पर Marriott ने साबित कर दिया है कि आधुनिक दौर में साम्राज्य “जमीन से नहीं, दिमाग से” बनाए जाते हैं।

डिस्क्लेमर: यह लेख / न्यूज आर्टिकल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी और प्रतिष्ठित / विश्वस्त मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित है।यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। पाठक कृपया स्वयं इस की जांच कर सूचनाओं का उपयोग करे ॥


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