दिल्ली हाईकोर्ट की सख्ती: दवाओं की कमी को लेकर RML अस्पताल से मांगी रिपोर्ट
टेन न्यूज़ नेटवर्क
New Delhi News (02 November 2025): दिल्ली हाईकोर्ट ने राजधानी के प्रमुख सरकारी अस्पताल राम मनोहर लोहिया (RML) अस्पताल में दवाओं और जांच सुविधाओं की कमी को लेकर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने अस्पताल प्रशासन से पूछा कि जब मरीजों को बुनियादी स्वास्थ्य सुविधाएं तक नहीं मिल रहीं, तो उनकी जिम्मेदारी कौन लेगा। जस्टिस प्रतिभा एम. सिंह और जस्टिस मनीत प्रीतम सिंह अरोड़ा की बेंच ने अस्पताल के मेडिकल सुपरिंटेंडेंट को आदेश दिया है कि वे एक विस्तृत हलफनामा दायर करें और बताएं कि अस्पताल में न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (NAT) सुविधा बंद क्यों है तथा मरीजों को जरूरी दवाएं क्यों नहीं दी जा रही हैं।
एनजीओ कुटुंब की याचिका पर सुनवाई जारी
यह मामला एनजीओ ‘कुटुंब’ द्वारा दायर याचिका से जुड़ा है, जिसमें अस्पताल में स्वास्थ्य सेवाओं की कमी पर चिंता जताई गई थी। एनजीओ के वकील ने अदालत को बताया कि पिछले एक वर्ष से RML अस्पताल में NAT मशीन खराब है, जिससे खून से जुड़ी बीमारियों की जांच प्रभावित हो रही है। वकील ने कहा कि नवंबर 2024 से यह मशीन बंद है और अब केवल साधारण सेरोलॉजी टेस्ट किए जा रहे हैं, जो पर्याप्त नहीं हैं। अदालत ने इस पर गंभीरता जताते हुए कहा कि मरीजों की सुरक्षा से जुड़ा यह मुद्दा किसी भी हाल में नजरअंदाज नहीं किया जा सकता।
थैलेसीमिया जैसे मरीजों पर मंडरा रहा खतरा
याचिकाकर्ता की ओर से यह भी बताया गया कि NAT टेस्ट बंद होने से थैलेसीमिया और अन्य रक्त संक्रमण से ग्रसित मरीजों पर खतरा बढ़ गया है। इन मरीजों को बार-बार रक्त चढ़ाने की आवश्यकता होती है, और जांच सुविधा न होने से संक्रमित रक्त चढ़ने का जोखिम बना हुआ है। हाईकोर्ट ने इस स्थिति को बेहद चिंताजनक बताते हुए कहा कि यह अस्पताल प्रशासन की लापरवाही का गंभीर उदाहरण है, जिसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता है।
जरूरी दवाओं की कमी पर भी अदालत की नाराजगी
याचिका में यह भी आरोप लगाया गया कि अस्पताल में जरूरी दवाओं की भारी कमी है, जिससे गरीब मरीजों को मजबूर होकर बाहर से महंगी दवाएं खरीदनी पड़ती हैं। अदालत ने इस पर नाराजगी जताते हुए कहा कि अगर सरकारी अस्पतालों में ही दवाएं उपलब्ध नहीं होंगी, तो आमजन के इलाज का उद्देश्य कैसे पूरा होगा। कोर्ट ने कहा कि यह स्थिति गरीब और जरूरतमंद मरीजों के साथ अन्याय के समान है।
17 दिसंबर को अगली सुनवाई, रिपोर्ट तलब
दिल्ली हाईकोर्ट ने आरएमएल अस्पताल से विस्तृत रिपोर्ट तलब करते हुए कहा कि प्रशासन को यह स्पष्ट करना होगा कि दवाओं और जांच सुविधाओं में सुधार के लिए अब तक क्या कदम उठाए गए हैं। अदालत ने चेतावनी दी कि यदि सुधारात्मक कार्रवाई नहीं हुई, तो यह मामला आगे की सख्त कार्रवाई का आधार बनेगा। अब इस मामले की अगली सुनवाई 17 दिसंबर को होगी, जब अस्पताल को अपना पक्ष अदालत के समक्ष रखना होगा।।
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