अमेरिकी प्रभुत्व को चुनौती, वैश्विक आर्थिक शक्ति संतुलन में बड़ा बदलाव संभावित

टेन न्यूज नेटवर्क

National News (02/11/2025): विश्व अर्थव्यवस्था में बदलते समीकरणों के बीच BRICS देशों (ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका) का प्रभाव निरंतर बढ़ता जा रहा है। वर्ष 2029 तक इस संगठन के आर्थिक और भू-राजनीतिक प्रभाव में उल्लेखनीय वृद्धि की संभावना जताई जा रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि BRICS की यह प्रगति अमेरिकी आर्थिक प्रभुत्व को गंभीर चुनौती दे सकती है, हालांकि “अमेरिका के समाप्त होने” जैसी अटकलें अभी अतिशयोक्ति मानी जा रही हैं।

BRICS ने पिछले कुछ वर्षों में अपने ढांचे को विस्तार देते हुए नए देशों जैसे इजिप्ट, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल किया है। इससे समूह की आर्थिक क्षमता और राजनीतिक पहुँच में वृद्धि हुई है। BRICS का प्रमुख उद्देश्य है — वैश्विक वित्तीय व्यवस्था में पश्चिमी देशों, विशेषकर अमेरिका की एकाधिकारवादी नीतियों को संतुलित करना और विकासशील देशों के लिए समान अवसर प्रदान करना।

(De-Dollarisation) की दिशा में कदम बढ़ाते हुए आपसी व्यापार में स्थानीय मुद्राओं के प्रयोग को प्रोत्साहित किया है। इसके साथ ही BRICS ने “न्यू डेवलपमेंट बैंक” (NDB) को सशक्त बनाकर विश्व बैंक और IMF जैसे पश्चिमी वित्तीय संस्थानों के विकल्प के रूप में स्थापित करने की दिशा में कार्य तेज किया है। ऊर्जा व्यापार, बुनियादी ढांचा निवेश और डिजिटल भुगतान तंत्र में भी समूह साझा नीति की ओर अग्रसर है।

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यदि BRICS देश तेल एवं ऊर्जा व्यापार में डॉलर के स्थान पर वैकल्पिक मुद्राओं का प्रयोग करने में सफल हो जाते हैं, तो वैश्विक वित्तीय प्रणाली में एक नया अध्याय शुरू हो सकता है। इससे अमेरिकी डॉलर की वैश्विक मांग में गिरावट आ सकती है, जो अमेरिकी अर्थव्यवस्था के लिए दीर्घकालिक चुनौती सिद्ध हो सकती है।

विशेषज्ञ यह भी चेतावनी देते हैं कि अमेरिका की अर्थव्यवस्था अभी भी गहराई और स्थायित्व के लिहाज से विश्व में सबसे मजबूत मानी जाती है। अमेरिकी पूंजी बाजार, प्रौद्योगिकी, रक्षा और नवाचार क्षेत्र में अभी भी उसका प्रभुत्व अटूट है। ऐसे में वर्ष 2029 तक BRICS देशों द्वारा अमेरिका को “बर्बाद” कर देने जैसी संभावनाएँ यथार्थ से अधिक प्रचारात्मक प्रतीत होती हैं।

यह स्पष्ट है कि BRICS के विस्तार और उसकी समेकित आर्थिक रणनीतियाँ वैश्विक शक्ति-संतुलन को नए सिरे से परिभाषित करने की क्षमता रखती हैं। यदि यह समूह अपनी नीतियों पर स्थिरता और एकजुटता के साथ कार्य करता रहा, तो आने वाले वर्षों में वैश्विक आर्थिक मंच पर BRICS एक निर्णायक भूमिका निभा सकता है।

डिस्क्लेमर: यह लेख / न्यूज आर्टिकल सार्वजनिक डोमेन में उपलब्ध जानकारी और प्रतिष्ठित / विश्वस्त मीडिया स्रोतों से मिली जानकारी पर आधारित है।यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। पाठक कृपया स्वयं इस की जांच कर सूचनाओं का उपयोग करे ॥


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