सीएम योगी का बड़ा फैसला: पीडब्ल्यूडी अधिकारियों के वित्तीय अधिकार पाँच गुना बढ़े

टेन न्यूज नेटवर्क

Uttar Pradesh News (24/10/2025): उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने लोक निर्माण विभाग (PWD) के अधिकारियों के वित्तीय अधिकारों में पाँच गुना तक की वृद्धि करने का बड़ा निर्णय लिया है। सीएम योगी ने कहा कि इस बदलाव से विभागीय अधिकारियों को फैसले लेने में अधिक स्वायत्तता (Autonomy) मिलेगी और उच्च स्तर पर अनुमोदन की ज़रूरत कम होगी। इससे टेंडर, अनुबंध और कार्यारंभ की प्रक्रिया में तेजी आएगी। यह सुधार प्रशासनिक दक्षता बढ़ाने, पारदर्शिता सुनिश्चित करने और वित्तीय अनुशासन बनाए रखने में मदद करेगा।

तीन दशक बाद बड़ा बदलाव

शुक्रवार को लोक निर्माण विभाग की बैठक में यह जानकारी दी गई कि विभागीय अधिकारियों के वित्तीय अधिकार साल 1995 में तय किए गए थे। इन 30 वर्षों में निर्माण कार्यों की लागत में पाँच गुना से अधिक वृद्धि हुई है। कॉस्ट इन्फ्लेशन इंडेक्स के अनुसार वर्ष 1995 की तुलना में 2025 तक यह वृद्धि लगभग 5.52 गुना दर्ज की गई है।

मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि बदलते समय में वित्तीय अधिकारों का पुनर्निर्धारण आवश्यक है ताकि निर्णय प्रक्रिया तेज़ हो और परियोजनाएँ समय पर पूरी की जा सकें।

अब किसे कितना अधिकार मिला

बैठक में तय किया गया कि सिविल कार्यों के लिए वित्तीय अधिकारों की सीमा अधिकतम पाँच गुना और विद्युत एवं यांत्रिक कार्यों के लिए कम से कम दो गुना तक बढ़ाई जाएगी।

नई व्यवस्था के तहत

• मुख्य अभियंता को अब ₹2 करोड़ की जगह ₹10 करोड़ तक के कार्यों की स्वीकृति का अधिकार।

• अधीक्षण अभियंता को ₹1 करोड़ से बढ़ाकर ₹5 करोड़ तक का अधिकार।

• अधिशासी अभियंता के अधिकार ₹40 लाख से बढ़ाकर ₹2 करोड़ किए गए।

• सहायक अभियंता को छोटे कार्यों और सीमित टेंडर स्वीकृति के अधिकार दिए गए।

यह सुधार लगभग तीन दशक बाद किया गया है।

सेवा नियमावली में भी संशोधन

बैठक में उत्तर प्रदेश अभियंता सेवा (लोक निर्माण विभाग) (उच्चतर) नियमावली, 1990 में संशोधन से जुड़े प्रस्तावों पर भी चर्चा की गई। अब विद्युत और यांत्रिक संवर्ग में पहली बार मुख्य अभियंता (स्तर-एक) का नया पद बनाया गया है। साथ ही मुख्य अभियंता (स्तर-दो) और अधीक्षण अभियंता के पदों की संख्या में भी वृद्धि की गई है।

नई नियमावली के तहत पदोन्नति प्रक्रिया को वरिष्ठता, योग्यता और अनुभव के आधार पर स्पष्ट किया गया है। सातवें वेतन आयोग की सिफारिशों के अनुसार पदों के वेतनमान और पे लेवल भी निर्धारित किए गए हैं। चयन समिति की संरचना को भी अद्यतन किया गया है ताकि पदोन्नति और नियुक्ति में पारदर्शिता बनी रहे।

मुख्यमंत्री बोले विभाग की कार्यकुशलता और पारदर्शिता बढ़ाना लक्ष्य

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोक निर्माण विभाग राज्य की विकास परियोजनाओं के क्रियान्वयन में अहम भूमिका निभाता है। आगे उन्होंने कहा कि अभियंताओं की सेवा नियमावली को समयानुकूल और पारदर्शी बनाना ज़रूरी है। योग्यता, अनुभव और वरिष्ठता के आधार पर पदोन्नति व्यवस्था से विभाग की कार्यकुशलता और सेवा भावना को नई दिशा मिलेगी।।


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